समाज में ब्राह्मणों का हमेशा से उच्च स्थान रहा है, यह स्थान उनकी त्याग, तपस्या का परिणाम है, यही वजह है कि ब्राह्मण समाज मार्गदर्शक की भूमिका में रहाः बिरला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 11, 2019 06:03 PM2019-09-11T18:03:40+5:302019-09-11T18:03:40+5:30
पीयूसीएल ने कहा है, ‘'हम इस बयान की कड़ी निंदा करते हैं। एक तो, किसी भी समाज का वर्चस्व स्थापित करना या एक समाज को अन्य समाजों के ऊपर घोषित करना संविधान के अनुच्छेद 14 के विरुद्ध है। यह एक तरीके से अन्य जातियों को हीन दृष्टि की भावना देता है और जातिवाद को बढ़ावा देता है।’'
नागरिक अधिकार संगठन पीयूसीएल ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के उस बयान की आलोचना की है जिसमें उन्होंने कथित तौर पर ब्राह्मणों को श्रेष्ठ बताया था।
पीयूसीएल के अनुसार, ‘‘संगठन इस बयान की कड़े शब्दों में निंदा करता है और लोकसभा अध्यक्ष से यह बयान वापस लेने की मांग करता है।'’ बिरला ने आठ सितंबर को कोटा में अखिल ब्राह्मण महासभा के एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद ट्वीट किया था, ‘‘समाज में ब्राह्मणों का हमेशा से उच्च स्थान रहा है। यह स्थान उनकी त्याग, तपस्या का परिणाम है। यही वजह है कि ब्राह्मण समाज हमेशा से मार्गदर्शक की भूमिका में रहा है।'‘
पीयूसीएल ने कहा है, ‘'हम इस बयान की कड़ी निंदा करते हैं। एक तो, किसी भी समाज का वर्चस्व स्थापित करना या एक समाज को अन्य समाजों के ऊपर घोषित करना संविधान के अनुच्छेद 14 के विरुद्ध है। यह एक तरीके से अन्य जातियों को हीन दृष्टि की भावना देता है और जातिवाद को बढ़ावा देता है।’'
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ब्राह्मणों को समाज में सबसे श्रेष्ठ बताते हुए कहा कि यह स्थान उन्हें त्याग और तपस्या के चलते मिला है। ओम बिरला के बयान पर सवाल खड़े होने लगे हैं। कांग्रेस ने लोकसभा अध्यक्ष के बयान की निंदा की है और कहा कि जाति के आधार पर किसी को भी छोटा बड़ा नहीं माना जा सकता है।
राजस्थान के कोटा में अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के कार्यक्रम को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि समाज में ब्राह्मणों का हमेशा से उच्च स्थान रहा है. यह स्थान उनकी त्याग और तपस्या का परिणाम है। यही वजह है कि ब्राह्मण समाज हमेशा से मार्गदर्शक की भूमिका में रहा है।