भाजपा अपना चिट्ठा खोले, आनंद शर्मा बोले- दुनिया के 128 देशों के राजनीतिक दलों से हैं कांग्रेस के रिश्ते
By शीलेष शर्मा | Published: June 19, 2020 04:07 PM2020-06-19T16:07:22+5:302020-06-19T16:07:22+5:30
यह उसका दोहरा चरित्र है, भाजपा पहले अपने अंदर झांके और साफ़ करे कि क्या उसके दूसरे देशों के राजनीतिक दलों से संबंध नहीं हैं, 2015 में भाजपा के सहयोगी संघटन ने चीन में एमओयू पर हस्ताक्षर नहीं किये थे ,राम माधव ने पार्टी स्तर पर चीन की कितनी यात्राएं की।
नई दिल्लीः कांग्रेस और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के बीच एमओयू को लेकर भाजपा द्वारा किए जा रहे हमले पर चुप्पी तोड़ते हुए कांग्रेस में विदेशी मामलों के प्रभारी आनंद शर्मा ने भाजपा को आड़े हाथों लेते हुये कहा कि भाजपा पाखंड कर रही है।
यह उसका दोहरा चरित्र है, भाजपा पहले अपने अंदर झांके और साफ़ करे कि क्या उसके दूसरे देशों के राजनीतिक दलों से संबंध नहीं हैं, 2015 में भाजपा के सहयोगी संघटन ने चीन में एमओयू पर हस्ताक्षर नहीं किये थे ,राम माधव ने पार्टी स्तर पर चीन की कितनी यात्राएं की।
अगस्त 2019 में भाजपा का 11 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल जब चीन की यात्रा पर था क्या उसने चीन की कम्युनिष्ट पार्टी से "पार्टी टू पार्टी " रिश्ते बनाने की गुहार नहीं लगाई थी। सितम्बर 2019 में भाजपा के महासचिव अरुण सिंह के नेतृत्व में जो प्रतिनिधि मंडल चीन गया, जिसमें विजय चौथेवाले भी शामिल थे, क्या उसका मकसद पार्टी टू पार्टी रिश्ते बनाना नहीं था। भाजपा बताए कि चौथेवाले ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सॉन्ग ताओ को अमित शाह का जो पत्र सौंपा उसमें क्या लिखा था।
आनंद शर्मा ने साफ़ किया कि कांग्रेस आज़ादी के बाद से दुनिया भर के राजनीतिक दलों के साथ पार्टी टू पार्टी रिश्ते बनाती रही है, आज दुनिया के 128 देशों में वहां के राजनीतिक दलों से न केवल रिश्ते हैं बल्कि सभी मुद्दों पर विचार विमर्श भी किया जाता है,अफ़्रीका की 43 राजनीतिक पार्टियों से न केवल रिश्ते हैं बल्कि सहमति पत्र भी हैं।
उल्लेखनीय है कि ऐसे रिश्तों की शुरुआत नेहरू के समय हुयी उसके बाद इंदिरा गांधी ने इसे आगे बढ़ाया। नेपाली कांग्रेस के साथ सहमति पत्र बना, तत्कालीन सोवियत संघ की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ सहमति पत्र बना,आज भी ब्रिटेन की लेबर पार्टी के साथ सहमति आधारित रिश्ते हैं।
जर्मनी, रूस सहित दुनिया के 128 देशों में कांग्रेस ने सहमति आधारित पार्टी टू पार्टी रिश्ते बनाये है जो आज भी कायम हैं। पूर्व विदेश मंत्री रहे पुराने कांग्रेस नेता नटवर सिंह कहते हैं राजनैतिक दलों के दूसरे देशों के साथ रिश्ते होना कुछ भी नया नहीं है, कांग्रेस महाधिवेशन में विदेशी मित्र देशों के प्रतिनिधि शामिल होते रहे हैं ,ठीक से याद नहीं कि कांग्रेस पार्टी के किस किस नेता ने कब कब किस देश के साथ पार्टी स्तर एमओयू पर हस्ताक्षर किये, इस तरह के एमओयू केवल पार्टी के लिये होते हैं उनका सरकार से कोई सरोकार नहीं होता और न ही सरकार के लिये बाध्यकारी होते हैं।