पुण्यतिथि पर माधवराव सिंधिया की प्रतिमा पर बीजेपी ने चढ़ाए फूल, कांग्रेस ने बनाई दूरी
By भाषा | Published: September 30, 2020 08:54 PM2020-09-30T20:54:53+5:302020-09-30T20:54:53+5:30
ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादार समर्थक और दल-बदल के बाद राज्य की मौजूदा भाजपा सरकार में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट भी सत्तारूढ़ पार्टी के आला नेताओं के साथ माधवराव सिंधिया के प्रतिमा स्थल पहुंचे।
इंदौरः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता माधवराव सिंधिया की 19वीं पुण्यतिथि पर यहां बुधवार को राजनीतिक परिदृश्य बदला दिखायी दिया। इस मौके पर भाजपा के प्रमुख स्थानीय नेताओं ने पहली बार उनकी प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए, जबकि कांग्रेस नेताओं ने इससे परहेज किया। यह परिवर्तन मार्च अंत के उस महत्वपूर्ण घटनाक्रम के बाद नजर आया जिसमें दिवंगत सिंधिया के बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया की सरपरस्ती में कांग्रेस के 22 बागी विधायक विधानसभा से त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल हो गए थे और इस कारण कांग्रेस नीत कमलनाथ सरकार का पतन हो गया था।
चश्मदीदों ने बताया कि इंदौर लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद शंकर लालवानी, वरिष्ठ भाजपा नेता कृष्णमुरारी मोघे और अन्य पार्टी नेता माधवराव सिंधिया की पुण्यतिथि पर शहर के बंगाली चौराहा पर उनके प्रतिमा स्थल पहुंचे और उनकी आदमकद मूर्ति को फूलमालाएं पहनाईं।
भाजपा की प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक पार्टी नेताओें ने इस मौके पर माधवराव सिंधिया को पारदर्शी राजनीतिक जीवन वाले ऐसे व्यक्तित्व के रूप में याद किया जो देश के विकास को हमेशा प्राथमिकता देते थे। दूसरी ओर, कांग्रेस की स्थानीय इकाई ने माधवराव सिंधिया की पुण्यतिथि पर उनके प्रतिमा स्थल से दूरी बनाई, जबकि गुजरे सालों में वहां पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का जमावड़ा नजर आता था।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल ने पुष्टि की कि इस बार उनकी पुण्यतिथि पर पार्टी ने उनके प्रतिमा स्थल पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित नहीं किया। बाकलीवाल ने कहा, "ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थकों ने अपने स्वार्थ के लिए कांग्रेस से गद्दारी करते हुए भाजपा का दामन थामा है। इसके बाद से भाजपा माधवराव सिंधिया को याद करने लगी है।"
ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादार समर्थक और दल-बदल के बाद राज्य की मौजूदा भाजपा सरकार में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट भी सत्तारूढ़ पार्टी के आला नेताओं के साथ माधवराव सिंधिया के प्रतिमा स्थल पहुंचे। इस बार प्रतिमा स्थल से कांग्रेस के दूरी बनाने को लेकर मीडिया ने सिलावट से सवाल किया, तो उन्होंने जवाब दिया, "यह इस तरह की टीका-टिप्पणी करने का समय नहीं है।
कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में गिने जाने वाले माधवराव सिंधिया की उत्तरप्रदेश में 30 सितंबर 2001 को विमान हादसे में मौत हो गई थी।