मोदी-शाह के गुजरात में खोखली हो रही है BJP, निकाय चुनाव में एक चौथाई का नुकसान
By खबरीलाल जनार्दन | Published: February 19, 2018 05:30 PM2018-02-19T17:30:48+5:302018-02-19T17:48:02+5:30
बीजेपी अपने पिछले चुनाव की 60 नगर महापालिकाओं में कब्जा जमाने के बजाए 45 नगर महापालिकाओं पर सिमटी नजर आ रही है।
नई दिल्ली, 19 फरवरीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष अमित शाह के घर गुजरात में पार्टी खोखली होती जा रही है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी हालिया बहरीन यात्रा के दौरान कहा, "गुजरात में बीजेपी बस बच के निकली है।" इसके पीछे उन्होंने बीते साल के आखिरी महीने में आए विधानसभा चुनाव परिणामों को अधार बनाया था। आज (सोमवार) गुजरात के निकाय चुनाव के परिणाम में उनके बयान को उसी तरह पुष्ट करते हैं, जैसे विधानसभा चुनाव परिणाम।
दिसंबर 2017 में आए गुजरात विधानसभा परिणाम में बीजेपी 99 सीटों पर सिमट गई थी। गुजरात में बीजेपी के साथ बीते 22 सालों के कार्यकाल में पहली बार हुआ जब 100 का आंकड़ा भी नहीं छू पाई। इससे पहले गुजरात विधानसभा चुनावों में बीजेपी को साल 1995 में 121, 1998 में 119, 2002 में 127, 2007 में 117, 2012 में 119 सीटें जीतने में कामयाब रही थी।
सोमवार आए निकाय चुनाव परिणामों में यही परिपाटी आगे बढ़ती नजर आई। बीजेपी अपने पिछले चुनाव की 60 नगर महापालिकाओं में कब्जा जमाने के बजाए 45 नगर महापालिकाओं पर सिमटी नजर आ रही है। सीधे तौर पर एक चौथाई का नुकसान होता दिख रहा है।
ऐसे में एक बार हालिया प्रमुख प्रदशों के निकाय चुनावों के परिणामों को भी देखना चाहिए। ऐसे में जब हम महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश का रुख करते हैं तो एकदम उलट तस्वीर नजर आती है। बीजेपी शासित इन दोनों ही राज्यों में पार्टी ने निकाय चुनाव में डंका बजा दिया था। नीचे ग्राफिक्स पर एक नजर डालें-
बीजेपी के हाथ से 15 नगर महापालिकाएं खिसक गई हैं। हालांकि पीएम नरेंद्र मोदी के गृहनगर वडनगर में बीजेपी ने 28 में 27 सीटें जीतकर कांग्रेस का सफाया कर दिया है। जबकि विधानसभा चुनावों में यहां पर कांग्रेस की आशा पटले ने बीजेपी के नारायण पटेल को करीब 19000 वोटों से हराया था।तब ऐसा माना गया कि मोदी के गृहनगर में भी बीजेपी विरोधी लहर उठ गई है लेकिन निकाय चुनाव इसकी गवाही नहीं देते।