कृषि कानून के खिलाफ आंदोलनः संघ कार्यकर्ता रघुनंदन शर्मा ने कृषि मंत्री तोमर पर किया हमला, कहा-‘सत्ता का अहंकार सर चढ़ गया है’

By भाषा | Published: February 6, 2021 05:13 PM2021-02-06T17:13:00+5:302021-02-06T17:30:15+5:30

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक पुराने कार्यकर्ता रघुनंदन शर्मा ने फेसबुक पोस्ट में लिखा है, ‘‘नरेंद्र जी आपका इरादा किसानों की मदद करने का हो सकता है लेकिन यदि किसान स्वयं अपना भला नहीं चाहते तो ऐसी भलाई का क्या औचित्य है।’’

agricultural laws Movement against rss activist Raghunandan Sharma attacked Agriculture Minister narendra singh Tomar power's arrogance has gone head | कृषि कानून के खिलाफ आंदोलनः संघ कार्यकर्ता रघुनंदन शर्मा ने कृषि मंत्री तोमर पर किया हमला, कहा-‘सत्ता का अहंकार सर चढ़ गया है’

सत्ता का मद जब चढ़ता है तो नदी, पहाड़ या वृक्ष की तरह दिखाई नहीं देता। (file photo)

Highlightsकृषि मंत्री तोमर को सुझाव दिया कि उन्हें राष्ट्रवाद को मजबूत करने की दिशा में काम करना चाहिए।आज की राष्ट्रवादी सरकार बनने तक हज़ारों राष्ट्रवादियों ने अपने जीवन और यौवन को खपाया है।कांग्रेस की सभी सड़ी गली नीतियाँ हम ही लागू करें, यह विचारधारा के हित में नहीं है।

भोपाल, छह फरवरी केन्द्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक पुराने कार्यकर्ता रघुनंदन शर्मा ने केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर पर निशाना साधते हुए कहा है कि ‘‘सत्ता का अहंकार उनके सर चढ़ गया है।’’

मध्य प्रदेश से भाजपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य रहे शर्मा ने दो दिन पहले फेसबुक पर लिखे अपनी पोस्ट में कृषि मंत्री तोमर को सुझाव दिया कि उन्हें राष्ट्रवाद को मजबूत करने की दिशा में काम करना चाहिए।

शर्मा ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा है, ‘‘नरेंद्र जी आपका इरादा किसानों की मदद करने का हो सकता है लेकिन यदि किसान स्वयं अपना भला नहीं चाहते तो ऐसी भलाई का क्या औचित्य है।’’

शर्मा ने लिखा है, ‘‘प्रिय नरेंद्र जी, आप भारत शासन में सहयोगी एवं सहभागी हैं। आज की राष्ट्रवादी सरकार बनने तक हज़ारों राष्ट्रवादियों ने अपने जीवन और यौवन को खपाया है। पिछ्ले 100 वर्षों से जवानियां अपने त्याग समर्पण और परिश्रम से मातृभूमि की सेवा तथा राष्ट्रहित सर्वोपरि की विचारधारा के विस्तार में लगी हुई हैं। आज आपको जो सत्ता के अधिकार प्राप्त हैं, वे आपके परिश्रम का फल है, यह भ्रम आपको हो गया है। सत्ता का मद जब चढ़ता है तो नदी, पहाड़ या वृक्ष की तरह दिखाई नहीं देता, वह अदृश्य होता है जैसा कि अभी आपके सिर पर चढ़ गया है।’’

शर्मा (73) ने लिखा है, ‘‘प्राप्त दुर्लभ जनमत को क्यों खो रहे हो? कांग्रेस की सभी सड़ी गली नीतियाँ हम ही लागू करें, यह विचारधारा के हित में नहीं है। बूंद-बूंद से घड़ा खाली होता है, जनमत के साथ भी यही है। आपकी सोच कृषकों के हित की हो सकती है परंतु कोई स्वयं का भला नहीं होने देना चाहता तो बलात् भलाई का क्या औचित्य है।...आप राष्ट्रवाद को बलशाली बनाने में संवैधानिक शक्ति लगाओ, कहीं हमें बाद में पछताना ना पड़े। सोचता हूं विचारधारा के भविष्य को सुरक्षित रखने का संकेत समझ गए होंगे।

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Web Title: agricultural laws Movement against rss activist Raghunandan Sharma attacked Agriculture Minister narendra singh Tomar power's arrogance has gone head

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