राजस्थान में सचिन पायलट से डिप्टी सीएम पद छीने जाने के बाद एक्शन में बीजेपी, प्रदेश अध्यक्ष समेत कई बड़े नेता कर रहे हैं बैठक
By अनुराग आनंद | Published: July 14, 2020 09:27 PM2020-07-14T21:27:18+5:302020-07-14T21:27:18+5:30
भाजपा ने अशोक गहलोत सरकार से मंत्रालय में विस्तार करने से पहले बहुमत साबित कराने की मांग की है।
जयपुर:राजस्थान में जारी सियासी ड्रामे के बीच सचिन पायलट को राजस्थान में उप-मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया है। पालट गुट के तीन मंत्री से भी मंत्रालय छीन लिया गया है। इस घोषणा से ठीक पहले राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने राज्यपाल से जाकर उनके आवास पर मुलाकात की। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, डिप्टी सीएम सचिन पायलट व तीन मंत्रियों को पद से हटाने के प्रस्ताव को राज्यपाल ने स्वीकार कर लिया।
वहीं, अब इस मामले में भाजपा एक्शन में आ गई है। यही वजह है कि राजस्थान की राजधानी जयपुर में अशोक गहलोत सरकार की स्थिति को देखते हुए भाजपा नेता ओम माथुर, गुलाब चंद कटारिया व सतीश पुनियां बैठक कर रहे हैं।
BJP held a meeting today at their party office in #Rajasthan over the current political situation in the state. Party's state president Satish Poonia and party leaders Om Mathur, Gulab Chand Kataria & Rajendra Rathore were present at the meeting.
— ANI (@ANI) July 14, 2020
सचिन पायलट ने डिप्टी सीएम पद से हटाए जाने के बाद ये कहा-
डिप्टी सीएम पद से हटाए जाने के बाद सचिन पायलट ने एक और ट्वीट कर अपने समर्थकों से कहा है कि आज मेरे समर्थन में जो भी सामने आए हैं, उन सभी को मेरा हार्दिक धन्यवाद और आभार। इसके साथ ही सचिन पायलट ने राजस्थानी में राम राम सा कहकर अभिवादन भी किया है। इससे पहले भी एक ट्वीट कर पायलट ने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं।
कांग्रेस के पाली जिला अध्यक्ष ने अपने पद से दिया इस्तीफा-
इस मामले में अब कांग्रेस के पाली जिला अध्यक्ष ने अपने पद से दिया इस्तीफा दिया है। पाली जिलाध्यक्ष ने कहा कि सचिन पायलट के साथ अन्याय हुआ, मैं आहत हूं। अपने इस्तीफा में लिखे गए पत्र में पाली के जिला अध्यक्ष चुन्नी लाल चाड़वास ने कहा कि अलोकतांत्रिक तरह से सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया गया है। मैं पार्टी के इस फैसले से आहत हूं।
कांग्रेस विधायक व मंत्री पद से हटाए जाने के बाद विश्वेंद्र सिंह ने ये कहा-
इस मामले में पहली बार अशोक गहलोत सरकार में मंत्री पद से हटाए जाने के बाद कांग्रेस विधायक विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि हमने पार्टी विरोधी बयान क्या दिया है? हम केवल अपने घोषणापत्र में किए गए वायदों पर ध्यान देना चाहते थे, क्योंकि हम उन्हें सत्ता में रहने के करीब 2 साल तक नहीं पूरा कर पाए। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस आलाकमान समेत सबों से सवाल पूछा है कि किस दोष के लिए यह कार्रवाई की गई?
भाजपा ने अशोक गहलोत से मंत्रालय विस्तार से पहले बहुमत साबित करने के लिए कहा-
भाजपा ने अशोक गहलोत सरकार से मंत्रालय में विस्तार करने से पहले बहुमत साबित कराने की मांग की है। भाजपा नेता गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि डिप्टी सीएम को सरकार से बाहर का रास्ता दिखाने के बाद कांग्रेस का आपसी कलह खुलकर सामने आया है।
वहीं, गुलाब चंद ने कहा कि सरकार को मंत्रालय विस्तार से पहले अपना बहुमत साबित करना चाहिए। यदि सरकार ऐसा किए बिना मंत्रालय विस्तार करती है तो यह लोकतंत्र के लिए सही नहीं है।