Bihar Taza Khabar: राज्यसभा चुनाव के लिए RJD ने प्रेमचंद गुप्ता और अमरेंद्र धारी सिंह को दिया टिकट, कांग्रेस को लगा झटका
By एस पी सिन्हा | Published: March 12, 2020 07:36 PM2020-03-12T19:36:36+5:302020-03-12T19:36:36+5:30
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रत्याशी के नामांकन दाखिल किये जाने के दौरान प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और राजद के वरिष्ठ नेता भोला यादव समेत राजद के कई नेतागण मौजूद थे.
पटना: राज्यसभा चुनाव के लिए बिहार में सीटों को लेकर कांग्रेस के दावे को दरकिनार करते हुए राजद के राज्यसभा प्रत्याशी प्रेमचंद गुप्ता और अमरेंद्र धारी सिंह ने विधानसभा पहुंचकर अपना नामांकन दाखिल कर दिया. इसके पहले राजद कार्यालय में आज सुबह आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने दोनों उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की. प्रेमचंद गुप्ता का नाम संभावित था, लेकिन अमरेंद्रधारी सिंह की कोई चर्चा नहीं थी.
राजद प्रत्याशी के नामांकन दाखिल किये जाने के दौरान प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और राजद के वरिष्ठ नेता भोला यादव समेत राजद के कई नेतागण मौजूद थे. राजद के पहले से अनुमानित चेहरे के मुताबिक प्रेमचंद्र गुप्ता हैं तो वहीं दूसरे उम्मीदवार के रूप में राजद ने अमरेंद्रधारी सिंह के नाम का ऐलान कर खलबली मचा दी है. अमरेंद्रधारी सिंह ना तो राजनीति का जाना-माना चेहरा हैं और ना ही कभी किसी ने राजनीतिक महकमे में उनका नाम ही सुना था. लेकिन राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने जैसे ही उनके नाम का ऐलान किया, वैसे ही सबको हैरत हुई.
प्रेमचंद गुप्ता राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के करीबी हैं. वह यूपीए सरकार में मंत्री भी रहे चुके हैं. इनके अलावा व्यवसायी और सामाजिक कार्यकर्ता अमरेंद्र धारी सिंह को पार्टी का उम्मीदवार बना कर अगडी(भूमिहार) जाति को साधने की कोशिश की है. बता दें कि राजद के हिस्से में राज्यसभा की दो सीटें आ रही हैं.
वहीं, नामांकन करने के बाद अमरेंद्र सिंह धारी ने कहा कि मैं राजनीति के लिए नया नहीं हूं. मेरे परिवार के लोग 5 बार सांसद रह चुके हैं. इस तरह से राजनीति मेरे लिए नई चीज नहीं है, मैंने घर में राजनीतिक माहौल देखा है, मैं राजनीति समझता हूं और आज पार्टी ने मुझे जो जिम्मेवारी दी है, उसे मैं पूरी निष्ठा से निभाऊंगा और उसपर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी. कल तक यह कयास लगाए जा रहे थे कि राजद फैसल अली को राज्यसभा भेजेगा, लेकिन आज फैसल अली की जगह अमरेंद्रधारी सिंह का नाम सबने जाना कि उन्हें ही राज्यसभा भेजा जाएगा.
राज्यसभा चुनाव के लिए अमरेंद्रधारी सिंह का नाम चौंकाने वाला इसलिए है क्योंकि इस नाम को राजद के कई नेता भी इस नाम को नहीं जानते होंगे. जगदानंद सिंह ने राजद कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में अमरेंद्रधारी सिंह का नाम लेते हुए उनके बारे में बताया कि वो समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं और सामाजिक कार्यकर्ता हैं, साथ ही राजद से जुडे हुए हैं. अमरेंद्रधारी सिंह पटना जिले के ही रहने वाले हैं और अहमद पटेल के काफी करीबी माने जाते हैं. वह एक बडे व्यवसायी हैं.
पटना के पालीगंज के अंइखन गांव में एक हजार बीघा जमीन के मालिक हैं. पाटलिपुत्र कॉलोनी में उनका अपना मकान है. 55 साल के हो चुके अमरेंद्रधारी सिंह ने अबतक शादी नहीं की है. उनका रियल एस्टेट समेत 13 देशों में फर्टिलाइजर और केमिकल के इंपोर्ट का व्यवसाय है. राज्यसभा चुनाव के लिए यह नाम चौंकाना वाला है, क्योंकि इस नाम से कोई परिचित नहीं था. यहां तक की पार्टी के कई नेता भी इस नाम को नहीं जानते हैं. ऐसे में जब पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह से पूछा गया तो उन्होंने अमरेंद्रधारी सिंह का परिचय कराते हुए बताया कि वह समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं और सोशल वर्कर हैं.
अमरेन्द्रधारी सिंह भूमिहार जाति से आते हैं, जिसका उस इलाके में प्रभुत्व है. जानकारी के मुताबिक, वह बिहार के पूर्व डीजीपी और सुपर-30 के संस्थापक रहे अभयानंद के भी काफी करीबी हैं. राजद से राज्यसभा जाने वाले अमरेन्द्रधारी सिंह (एडी सिंह) ने उर्मिला सिंह प्रतापधारी सिन्हा फाउंडेशन बना रखा है. इसके बैनर तले वह सामाजिक काम भी करते हैं.
जानकारों के अनुसार राजद ने उनको राज्यसभा भेजकर एक बार फिर सवर्ण वोटरों को अपनी तरफ करने का दांव खेला है. इससे पहले लालू प्रसाद यदव ने राजपूत समाज से आने वाले जगदानंद सिंह को प्रदेश की कमान सौंपी थी. वहीं, अब चुनाव में भूमिहार समाज से आने वाले अमरेन्द्रधारी सिंह को मौका देकर वोटरों को लुभाने की पूरी कोशिश की है. इसके साथ ही अमरेंद्रधारी सिंह दिल्ली के गोल्फ क्लब के भी सदस्य हैं, जिसके बिहार के सिर्फ तीन सदस्य हैं-किंग महेंद्र, रविशंकर प्रसाद और अमरेंद्रधारी सिंह. उन्होंने पटना के सेंट माइकल स्कूल से पढाई की है. वह दिल्ली में गरीबों के लिए 200 बेड का अस्पताल बनवा रहे हैं.
यहां उल्लेखनीय है कि इससे पहले राज्यसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले कांग्रेस ने एक सीट पर अपना दावा किया था. बिहार कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने लालू प्रसाद यादव की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनता दल के नाम खुली चिट्ठी लिखी थी, जिसे जगदानंद सिंह ने आज फर्जी करार दिया और कहा कि ऐसी कोई बात ही नहीं हुई थी. राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बयान पर कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि जब गठबंधन में होते हैं तो काफी सारी बातों का ख्याल रखना होता है. लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि आप भी गठबंधन में रहकर विरोधियों की भाषा बोलने लगें. उन्हें भाषाई मर्यादा नहीं खोनी चाहिए.
यहां बता दें कि विधानसभा सदन के सदस्यों के अनुपात में राज्यसभा की एक सीट के लिए 41 विधायकों की जरूरत पडेगी. ऐसे में माना जा रहा है कि राजद कोटे से दो, जदयू कोटे से दो और भाजपा कोटे से एक नेता राज्यसभा में जायेंगे. एनडीए में शामिल जदयू हरिवंश नारायण सिंह और रामनाथ ठाकुर के नाम की घोषणा कर चुकी हैं. वहीं, भाजपा ने विवेक ठाकुर को पार्टी का प्रत्याशी बनाया है.