रघुवंश सिंह का एक और पत्र वायरल, लिखा-महापुरुषों की जगह एक ही परिवार के पांच सदस्यों की फोटो, समाजवाद की जगह...
By एस पी सिन्हा | Published: September 12, 2020 02:45 PM2020-09-12T14:45:14+5:302020-09-12T14:50:06+5:30
महात्मा गांधी, बाबू जयप्रकाश, डॉ. लोहिया, बाबा साहेब आंबेडकर और जननायक कर्पूरी ठाकुर आदि महापुरुषों के नाम और विचारधारा पर लाखों लोग लगे रहे, कठिनाइयां सहीं, लेकिन डगमग नहीं हुए.
पटनाः समाजवादी नेता डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह का एक और पत्र वायरल हुआ है़. उन्होंने अपनी चिट्ठी में पीड़ा जाहिर करते हुए बिना नाम लिए राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के परिवार को आडे़ हाथ लिया है.
उन्होंने लिखा है कि वर्तमान में राजनीति में इतनी गिरावट आ गई है, जिससे लोकतंत्र पर ख़तरा है. महात्मा गांधी, बाबू जयप्रकाश, डॉ. लोहिया, बाबा साहेब आंबेडकर और जननायक कर्पूरी ठाकुर आदि महापुरुषों के नाम और विचारधारा पर लाखों लोग लगे रहे, कठिनाइयां सहीं, लेकिन डगमग नहीं हुए. लेकिन अब समाजवाद की जगह सामंतवाद, जातिवाद, वंशवाद, परिवारवाद, संप्रदायवाद आ गया है. यह सभी उतनी ही बुराइयां हैं, जिसके खिलाफ समाजवाद का जन्म हुआ था.
उन्होंने लिखा है कि राजनीति में मूल्यों की गिरावट इस हद तक हो गई
पत्र में उन्होंने लिखा है कि राजनीति में मूल्यों की गिरावट इस हद तक हो गई है कि कुछ पार्टियों में टिकट खरीदे व बेचे जा रहे हैं. इससे वोट का महत्व ही खत्म हो जायेगा़. पत्र में आगे लिखा गया कि आज हालात यह है कि इन महापुरुषों की जगह परिवार के पांच सदस्यों के ही फोटो छपने लगे. धन कमाना मकसद बन गया है़.
इन वजहों को सहन नहीं कर सका़. लड़ने को तैयार था. उन्होंने लिखा है कि राजद में संगठन व संघर्ष को मजबूत करने लिए ही मैंने पत्र लिखा था. लेकिन, उसे पढ़ने का कष्ट तक नहीं किया गया ताक पर रख दिया गया. पदों का हास्यास्पद बंटवारा किया गया. महासचिव बनाना क्या हास्यास्पद नहीं था? पूरा माहौल सामंती बना हुआ है.
महानपुरुषों की जगह एक ही परिवार के पांच लोगों की फोटो छपने लगी
रघुवंश प्रसाद ने आगे लिखा है कि अब महान पुरुषों की जगह एक ही परिवार के पांच लोगों की फोटो छपने लगी है. पद हो जाने से धन कमाना और धन कमाकर ज्यादा लाभ का पद खोजना. राजनीति की परिभाषा के अनुसार इन सभी बुराइयों से लड़ना है.
राजद संगठन को मजबूत करने के उद्देश्य से ही पार्टी में संगठन और संघर्ष को मजबूत करने के लिए लिखा, लेकिन पढने तक का कष्ट नहीं किया गया. उन्होंने लिखा है ''सावधान पद व पैसा से होना है गुमराह नहीं, सीने पर गोली खाकर निकले मुख से आह नहीं. इसकी गूंज कहां चली गयी.'
इसबीच, प्रदेश जदयू मुख्यालय में मिलन समारोह के मौके पर जदयू सांसद ललन सिंह ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर जी के समय से लोकदल से विधायक रहे भोला राय ने लालू प्रसाद यादव के लिए राघोपुर सीट का त्याग किया था. 32 साल तक साथ देने वाले रघुवंश बाबू हों या भोला राय, राजद में त्याग करने वालों को अपमानित करने की परंपरा है.
उन्होंने आरोप लगाया कि राजद में लोकसभा, राज्यसभा या विधानसभा, सभी के टिकट के लिए लेन-देन होता है. एक सवाल पर ललन सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल पूछने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. मुख्यमंत्री ने अंगुली पकडकर उन्हें उप मुख्यमंत्री बनाया और वे मुंगेरी लाल के हसीन सपने देख रहे हैं, जो पूरा नहीं होने वाला.
तेजस्वी एक ही सवाल का जवाब दे दें कि उनके पिता 2017 से रांची के होटवार जेल में किस कारण हैं. वे इसे साजिश भी अब नहीं कह सकते क्योंकि प्रदेश के साथ जो लालू जी ने किया, न्यायिक प्रक्रिया के तहत उसकी सजा वे भुगत रहे हैं. क्या रघुवंश प्रसाद सिंह जदयू में शामिल होंगे, पत्रकारों के इस सवाल पर जदयू सांसद ललन सिंह ने कहा कि रघुवंश प्रसाद सिंह देश के सम्मानित नेता हैं. वे जिस दल में जाएंगे, वहां के लिए धरोहर होंगे. वहां उनका स्वागत होगा.