बिहार में शराबबंदी पर सियासत, तेजस्वी यादव का तंज- शराबबंदी की पोल खोलने वाले एसीपी का तबादला, यही नीतीश का असली चेहरा
By एस पी सिन्हा | Published: January 20, 2021 07:19 PM2021-01-20T19:19:12+5:302021-01-20T19:20:42+5:30
बिहार में एसपी मद्य निषेध के द्वारा लिखी गयी चिट्ठी ने शराबबंदी का पोल खोल दिया है, जिसमे यह कहा गया है कि उत्पाद अफसरों की मिलीभगत से पूरे प्रदेश में शराब का अवैध धंधा जोर शोर से चल रहा है.
पटनाः बिहार में मद्य निषेध विभाग के एसपी राकेश कुमार सिन्हा के अचानक तबादला से सियासत गर्मा गई है.
दरअसल, मद्य निषेध विभाग के एसपी ने पटना के उत्पाद विभाग के अधिकारियों और कर्मियों द्वारा शराब माफियाओं के साथ मिलकर शराब की तस्करी करने और अवैध संपत्ति अर्जित करने के आरोपों की जांच के लिए सभी जिलों के एसपी को पत्र लिखा था. जिसके बाद ही उनका स्थानांतरण कर दिया गया है. इस मामले में अब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
शराबबंदी पर ट्वीट करते हुए तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर हमला बोला है. उन्होंने ने ट्विटर के जरिये कहा कि, “पटना के एसपी मद्यनिषेध ने सभी जिलों के एसएसपी और एसपी को पत्र लिखा कि उत्पाद और पुलिस विभाग के अधिकारी सत्ताधारी जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर शराब बिक्री करवा रहे हैं.
शराब माफिया ने मुख्यमंत्री से अब उस एसपी का तबादला करवा दिया
मुख्यमंत्री आवास में पहुंच रखने वाले शराब माफिया ने मुख्यमंत्री से अब उस एसपी का तबादला करवा दिया. यही है नीतीश कुमार का असली चेहरा.” इसके साथ तेजस्वी ने एसपी का स्थानांतरण पत्र भी शेयर किया है. यहां उल्लेखनीय है कि एसपी में अपने पत्र में इस बात की भी चर्चा की थी कि बिहार में शराबबंदी लागू तो कर दी गई है.
पटना के एसपी मद्यनिषेध ने सभी जिलों के एसएसपी और एसपी को पत्र लिखा कि उत्पाद और पुलिस विभाग के अधिकारी सत्ताधारी जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर शराब बिक्री करवा रहे है। CM आवास में पहुँच रखने वाले शराब माफ़िया ने CM से अब उस SP का तबादला करवा दिया। यही है नीतीश कुमार का असली चेहरा। pic.twitter.com/25ojeZFOrd
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) January 20, 2021
लेकिन फिर भी अवैध तरीके से शराब तस्करी जारी है और दूसरे से सप्लाई की जा रही है. अपने पत्र में एसपी द्वारा यह भी कहा गया है कि, विभाग उत्पाद विभाग के कर्मियों ने शराब के माध्यम से काली कमाई कर बेनामी संपत्ति अर्जित की है. अगर उत्पाद विभाग के कर्मियों और शराब माफियाओं के मोबाइल को सर्विलांस पर रखा जाए तब सारी हकीकत सामने आ जाएगी.
पुलिसकर्मियों पर अवैध शराब के कारोबार में शामिल होने का आरोप लगाया
मद्य निषेध के एसपी ने न सिर्फ उत्पाद विभाग के पुलिसकर्मियों पर अवैध शराब के कारोबार में शामिल होने का आरोप लगाया है बल्कि जनप्रतिनिधियों की भी पोल खोली है. पत्र में कहा गया है कि बिहार में शराबबंदी के बाद भी सभी थाना क्षेत्र में चोरी-छिपे उत्पाद विभाग में कार्यरत निरीक्षक, अवर निरीक्षक एवं पुलिसकर्मियों को चढ़ावा देकर लोग शराब खरीद बिक्री का धंधा कर रहे हैं. इस कार्य में स्थानीय जनप्रतिनिधि भी शामिल हैं. इस वजह से शराब खरीद-बिक्री पर कानून का खुलेआम मजाक उड़ रहा है.
इसतरह से बिहार में शराबबंदी के बावजूद शराब माफिया का बड़ा खेल चल रहा है. सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि इस खेल में पुलिस मुख्यालय की भूमिका पर भी सवाल खड़ा होता नजर आ रहा है. पुलिस मुख्यालय ने पटना के मध निषेध एसपी रहते राकेश कुमार सिन्हा की तरफ से जारी किए गए उस आदेश को रद्द कर दिया है, जो 6 जनवरी को जारी किया गया था. बिहार पुलिस मुख्यालय की तरफ से सभी एसएसपी और एसपी को बजाप्ता है इसके लिए आदेश जारी किया गया है. इसमें स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि 6 जनवरी को जारी आदेश को निरस्त किया जाता है.