बिहार में पंचायत चुनाव, अप्रैल से मई के बीच 9 चरण में हो सकते हैं इलेक्शन, भाजपा भी लगाएगी दमखम
By एस पी सिन्हा | Published: January 14, 2021 05:39 PM2021-01-14T17:39:41+5:302021-01-14T19:57:28+5:30
bihar panchayat elections 2021ः बिहार में पंचायत चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है. त्रिस्तरीय पंचायतों और ग्राम कचहरियों के चुनाव होने की संभावना जताई है.
पटनाः बिहार में पंचायत आम चुनाव की तैयारी आरंभ हो चुकी है. मार्च के बाद से पंचायत चुनाव का डुगडुगी बज जाएगा, जिसके बाद अप्रैल-मई में मतदान होगा.
ऐसे में मुखिया और सरपंच पद के लिऐ चुनाव लड़ने वाले लोगों ने तैयारी शुरू कर दी है. मतदाता सूची के प्रारूप का प्रकाशन 19 जनवरी को किया जाना है. त्रिस्तरीय पंचायतों के साथ ग्राम कचहरियों में शामिल होने के लिए 10 लाख प्रतिनिधियों में बेताबी है. प्रतिनिधियों के बीच गांवों में अभी से तैयारियां शुरू हो गई हैं.
कुल पदों की संख्या राज्यभर में कुल दो लाख 58 हजार 124
बताया जाता है कि पंचायत चुनाव में सबसे अंतिम स्तर पर हर वार्ड में चुनाव को लेकर तीन-चार लोग एक-एक पद के दावेदार बताये जा रहे हैं. त्रिस्तरीय पंचायत और ग्राम कचहरी के कुल पदों की संख्या राज्यभर में कुल दो लाख 58 हजार 124 हैं. इनमें वार्ड सदस्यों के एक लाख 14 हजार 733 पद, ग्राम कचहरी पंच के एक लाख 14 हजार 733 पद, पंचायत समिति के 11497 पद, ग्राम पंचायत के मुखिया के 8386 पद, ग्राम कचहरी सरपंच के 8386 पद और जिला पर्षद सदस्यों के 1161 पद शामिल हैं.
आज के बाद इन पदों को लेकर गहमागहमी आरंभ हो जायेगी. फिलहाल गांवों में एक-एक पदों के लिए कई दावेदार तैयारियों में जुटे हैं. राज्य सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों के हर पद की जिम्मेदारी और भागीदारी बढ़ाने के बाद वार्ड सदस्य और पंच के पदों पर भी दावेदारों की संख्या बढ़ गई है.
पंचायती राज संस्थाओं द्वारा किये जा रहे कार्यों का क्रियान्वयन वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के माध्यम से किया जा रहा है. इस समिति के अध्यक्ष वार्ड से निर्वाचित सदस्य होते हैं, जबकि उपाध्यक्ष उस वार्ड के ग्राम कचहरी के पंच को बनाया गया है. इसी प्रकार 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के बाद ग्राम पंचायतों के अलावा पंचायत समिति सदस्यों और जिला पर्षद सदस्यों को भी वित्तीय शक्तियां मिल गई हैं.
ऐसे में पांच वर्षों तक वित्तीय अधिकार से वंचित रहनेवाले पंचायत समिति और जिला पर्षद सदस्यों के पदों पर भी दावेदारों की संख्या बढ़ गयी है. वहीं, राज्य में पंचायत चुनाव के ऐलान से पहले भाजपा ने खास तैयारी शुरू कर दी है. भाजपा इस चुनाव में संगठन को मजबूत करने के उद्देश्य से अपना उम्मीदवार उतार सकती है. सूत्रों के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी राजद के वोटबैंक में सेंध लगाने के मकसद से पंचायत चुनाव में मुस्लिम प्रत्याशी उतारने की तैयारी में है.
सूत्रों के अनुसार भाजपा पंचायत इलेक्शन में 'एम' समीकरण को साधने के लिए विशेष रणनीति बना रही है. रणनीति के तहत इस बार भाजपा मुस्लिम उम्मीदवारों को भी टिकट दे सकती है. हालांकि भाजपा इसके लिए सर्वेक्षण भी कराएगी. सूत्रों के मुताबिक भाजपा के लिए बिहार में सीमांचल क्षेत्र सबसे महत्वपूर्ण है.
पार्टी यहां पर मजबूती के लिए पंचायत चुनाव में सीधे ताल ठोकेगी. पंचायत चुनाव में सीमांचल क्षेत्र में भाजपा अधिकतर मुस्लिम उम्मीदवार उतार सकती है. बताया जा रहा है कि इस बैठक में यह निर्णय हुआ कि आने वाला पंचायत एवं नगर निकाय चुनाव चाहे दलगत हों या गैरदलगत चुनाव. लेकिन भाजपा पूरे दमखम के साथ चुनाव में उतरेगी और अपने संगठन की मजबूती के लिए कार्य करेगी.