बिहार: मोदी सरकार के रेलवे ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट जमालपुर को लखनऊ शिफ्ट करने के फैसले पर नीतीश के मंत्री ने कहा- 93 साल की विरासत को इस बेशर्मी से...
By अनुराग आनंद | Published: May 6, 2020 02:24 PM2020-05-06T14:24:57+5:302020-05-06T14:25:36+5:30
बिहार के सीनियर मंत्री संजय झा ने कहा है कि बिहार के मुंगेर जिला में स्थित यह रेल संस्थान राज्य की विरासत का हिस्सा रहा है और नीतीश कुमार पूरी ताकत लगाकर इसे राज्य से बाहर नहीं जाने देंगे।
पटना: कोरोना महामारी से निपटने के लिए देश भर में इन दिनों लॉकडाउन का पालन किया जा रहा है। इसी बीच एक खबर ने बिहार की सियासत में एक बार फिर से सरगर्मी भर दिया है। दरअसल, नरेंद्र मोदी की सरकार ने बिहार के जमालपुर में स्थित रेलवे प्रशिक्षण संस्थान को बिहार से लखनऊ स्थानांतरित करने का फैसला लिया है।
इस फैसले की खबर मिलते ही बिहार में नीतीश कुमार सरकार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने इस मामले कड़ा विरोध दर्ज कराते हुए एक के बाद एक कई ट्वीट किए हैं।
1/5#Bihar takes strong exception to @RailMinIndia's 24 Apr order to shift prestigious #Jamalpur-based Indian Railway Institute of Mechanical & Electrical Engineering out of Munger. CM Sri @NitishKumar has asked Sri @PiyushGoyal to intervene on this regressive move.@PMOIndia
— Sanjay Kumar Jha (@SanjayJhaBihar) May 6, 2020
संजय कुमार झा ने कहा है कि जमालपुर में स्थित इंडियन रेलवे इंस्टीट्यूट ऑफ मेकेनिकल एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग को मुंगेर से बाहर शिफ्ट करने को लेकर रेल मंत्रालय के आदेश पर बिहार ने सख्त प्रतिक्रिया जताई थी। मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने इस मामले में केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल से दखल देने को कहा था।
3/5
— Sanjay Kumar Jha (@SanjayJhaBihar) May 6, 2020
This oldest central training institute has been an iconic institution, and a pride of Bihar. Estb in 1888, IRIMEE #Jamalpur has been most coveted center for training to Indian Railway's top brains since 1927. How can a legacy of 93 years be wiped off so brazenly?@PMOIndia
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देश का यह सबसे पुराना केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान एक प्रतिष्ठित संस्थान है और बिहार का गौरव रहा है। इसकी स्थापना 1888 में हुई। आईआरआईएमईई जमालपुर 1927 से भारतीय रेलवे के शीर्ष प्रतिभाओं को प्रशिक्षित करने के लिए सबसे प्रतिष्ठित केंद्र रहा है। 93 साल की विरासत को इतने बेशर्मी (ढिठाई) से कैसे मिटाया जा सकता है?
बता दें कि इस मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने भी नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत सरकार ने बिहार के जमालपुर में दशकों पुराने रेलवे प्रशिक्षण संस्थान को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में स्थानांतरित करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान ऐसा करना काफी गलत है।
It is most unfortunate that govt of India has ordered the transfer of the decades old Rly Training Institute at Jamalpur in Bihar to Lucknow in UP. Doing it during lockdown makes it worse. Bihar must fight back.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) May 5, 2020
इसके साथ ही बता दें कि राज्य के मुंगेर जिला में स्थित इस संस्थान की शुरुआत 1888 में हुई थी। नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ 1 मई को भी पत्र लिखा था।
बिहार के सीनियर मंत्री संजय झा ने कहा है कि बिहार के मुंगेर जिला में स्थित यह रेल संस्थान राज्य की विरासत का हिस्सा रहा है और नीतीश कुमार पूरी ताकत लगाकर इसे राज्य से बाहर नहीं जाने देंगे।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने मजबूती से अपनी बात रख दी है और उन्हें पूरी उम्मीद है कि केंद्र सरकार इस मामले पर उनकी बात को सुनते हुए राज्य के हित में फैसला लेगी। उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार ने राज्य के हितों के साथ कभी समझौता नहीं किया है।