बिहार विधान परिषद चुनावः नौ सीट पर चुनाव, NDA को पांच और महागठबंधन को 4 सीट मिलने की उम्मीद, राजग उम्मीदवारों ने किया नामांकन
By एस पी सिन्हा | Published: June 25, 2020 05:16 PM2020-06-25T17:16:59+5:302020-06-25T17:16:59+5:30
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के अलावा बिहार भाजपा अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल भी मौजूद थे. कोरोना संक्रमण को देखते हुए एक-एक कर सभी उम्मीदवारों का नामांकन पत्र लिया जा रहा है.
पटनाः विधान परिषद के चुनाव के लिए आज नामांकन के अंतिम दिन भाजपा और जदयू (राजग) के उम्मीदवारों ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया.
बिहार विधान परिषद के लिए विधानसभा क्षेत्र की 9 सीटों पर चुनाव हो रहा है. इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के अलावा बिहार भाजपा अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल भी मौजूद थे. कोरोना संक्रमण को देखते हुए एक-एक कर सभी उम्मीदवारों का नामांकन पत्र लिया जा रहा है.
बिहार विधानसभा के सचिव व इस चुनाव के निर्वाचन पदाधिकारी बखेश्वरनाथ पांडेय के समक्ष भाजपा प्रत्याशी संजय प्रकाश उर्फ संजय मयूख, सम्राट चौधरी और जयदू की ओर से प्रो. गुलाम गौस, कुमुद वर्मा और भीष्म साहनी ने अपना-अपना पर्चा दाखिल किया.
प्रो. गुलाम गौस 1998 से लेकर 2010 तक तीन बार राजद कोटे से बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे हैं. वे विधानपरिषद में प्रतिपक्ष के नेता भी रहे हैं. अबकी चौथी बार जदयू की ओर से विधान परिषद जायेंगे. सन् 74’ आंदोलन में सक्रिय रहे गुलाम गौस ने टिकट बंटवारे में सामाजिक न्याय की अनदेखी के विरोध में 2014 अप्रैल में राजद और विप की सदस्य से इस्तीफा कर दिया था और जदयू में शामिल हो गए थे.
जदयू की ओर से प्रत्याशी बनाई गईं डा. कुमुद वर्मा राजनीतिक परिवार से हैं
दो ही माह उन्हें बीस सूत्री कमेटी का उपाध्यक्ष बनाया गया और 26 माह इस पद पर रहे. प्रो. गौस सामाजिक न्याय, शिक्षकों, पिछ्डों, उर्दू टीईटी अभ्यर्थियों आदि की लडाई लडते रहे हैं और उनकी एक जुझारू नेता की छवि है. वहीं, जदयू की ओर से प्रत्याशी बनाई गईं डा. कुमुद वर्मा राजनीतिक परिवार से हैं.
इनके ससुर पूर्व केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्रनाथ वर्मा जबकि पिता स्व. रामसेवक प्रसाद (गया) से मिली सीख की वजह से कामर्स में पीएचडी डिग्रीधारी वर्मा ने समाज सेवा का क्षेत्र ही चुना. 20 साल से जदयू से जुड़ी हैं. पहले औरंगाबाद, पिछली बार जहानाबाद लोकसभा चुनाव में इन्हें टिकट मिलते-मिलते रह गया था.
जहानाबाद में तो दस दिन इन्होंने प्रचार भी कर लिया था. कुमुद वर्मा दल में प्रदेश सचिव रही हैं और अभी राष्ट्रीय परिषद की सदस्य हैं. 9 साल तक बोधगया टेम्पल प्रबंधन कमेटी की सदस्य रही हैं. जबकि बगहा के रतनमाला निवासी भीष्म साहनी जदयू के एक मजबूत कार्यकर्ता हैं.
समता पार्टी के समय से ही नेता और दल से जुडे़ हैं. 2015 विधानसभा चुनाव में जदयू के टिकट पर इन्होंने बगहा से चुनाव लड़ा था और 7100 वोट से हार गए थे. प्रदेश संगठन सचिव समेत कई जिलों के संगठन प्रभारी रहे हैं. अभी मोतिहारी जिले का संगठन देख रहे हैं.