बेंगलुरु से बिहार पहुंचे मजदूरों को खिलाया गया नमक-मिर्च और चावल, ते़जस्वी यादव ने वीडियो ट्वीट कर सीएम नीतीश कुमार पर साधा निशाना
By एस पी सिन्हा | Published: May 11, 2020 04:40 PM2020-05-11T16:40:59+5:302020-05-11T16:40:59+5:30
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक वीडियो के साथ ट्वीट किया है. वीडियो में श्रमिकों को बिना दाल-सब्जी के नमक-मिर्च के साथ चावल (भात) खाते देखा जा सकता है.
पटना: कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए आप्रवासी मजदूरों के लिए बनाये गये क्वारेंटाइन सेंटर के बद इंतजामी को लेकर खबरें तो बार-बार सामने आ रही हैं. इस बीच, बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक ट्वीट में एक वीडियो शेयर करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरा है. उन्होंने आरोप लगाया है कि बेंगलुरु से बिहार आए श्रमिकों को केवल सूखा भात तथा नमक-मिर्च दिया गया. उन्होंने गरीबों के सम्मान का मुद्दा उठाते हुए इसे शर्मनाक बताया.
तेजस्वी यादव ने एक वीडियो के साथ ट्वीट किया है. वीडियो में श्रमिकों को बिना दाल-सब्जी के नमक-मिर्च के साथ चावल (भात) खाते देखा जा सकता है. वीडियो में एक व्यक्ति यह कह रहा है कि अररिया पहुंचे सौ श्रमिकों के साथ ऐसा हुआ. जबकि, प्रशासन को उनके स्पेशल ट्रेन से पहुंचने की पूर्व सूचना थी.
बेंगलुरु से चलकर बिहार पहुँचे मज़दूरों को सिर्फ़ सूखा भात, नमक और मिर्च देकर ख़ानापूर्ति की गयी। सरकार का ऐसा पशुवत बर्ताव देखकर मन व्यथित और दुःखी है। इससे शर्मनाक क्या हो सकता है जब सरकार अपने लोगों को एक वक्त का खाना ठीक से नहीं खिला सकती? क्या ग़रीबों का आत्मसम्मान नहीं होता? pic.twitter.com/V7pzXmindK
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 11, 2020
वीडियो के साथ तेजस्वी ने अपने पोस्ट में लिखा है कि बेंगलुरु से बिहार पहुंचे श्रमिकों को केवल सूखा भात, नमक और मिर्च देकर खानापूर्ति की गई. इसे सरकार का पशुवत बर्ताव तथा शर्मनाक बताते हुए उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार अपने लोगों को एक वक्त का खाना ठीक से नहीं खिला सकती? क्या गरीबों का आत्मसम्मान नहीं होता है?
यहां उल्लेखनीय है कि आप्रवासी मजदूरों को इन दिनों स्पेशल ट्रेनों से बिहार लाया जा रहा है. इन ट्रेनों में फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मजदूरों को लाया जा रहा है. बिहार के प्रमुख स्टेशनों पर इस ट्रेनों के आने के बाद मजदूरों को वहां से बस के माध्यम से उनके गांव-मोहल्ले तक भेजा जा रहा है, जहां उन्हें क्वारेंटाइन किया जा रहा है.