Bihar Election: बिहार में विधानसभा चुनाव का 9 जून को अमित शाह करेंगे शंखनाद, तो RJD ने किया थाली बजवाने का ऐलान
By एस पी सिन्हा | Published: June 1, 2020 07:08 PM2020-06-01T19:08:17+5:302020-06-01T19:11:59+5:30
बिहार भाजपा अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने आज यहां आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि 9 जून को डिजिटल रैली को अमित शाह संबोधित करेंगे.
पटना: अनलॉक की शुरुआत होते ही बिहार में भाजपा चुनावी मोड में आ गई है. अब बिहार भाजपा चुनाव को लेकर अब शंखनाद करने जा रही है. आगामी 9 जून को पार्टी के चुनाव अभियान की शुरुआत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे. अमित शाह डिजिटल रैली के जरिए तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कार्यकर्ताओं और अपने समर्थकों को संबोधित करेंगे. गृह मंत्री अमित शाह और अध्यक्ष जेपी नड्डा इस रैली को संबोधित करेंगे.
बिहार भाजपा अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने आज यहां आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि 9 जून को डिजिटल रैली को अमित शाह संबोधित करेंगे. उन्होंने कहा अमित शाह दो रैलियों को संबोधित करेंगे. पहली रैली में वह उत्तर बिहार से फेसबुक के जरिए लाइव रहेंगे, जबकि दक्षिण बिहार के कार्यकर्ता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस रैली से जुडेंगे.
पहली रैली 9 जून को होगी और दूसरी रैली की तारीख का एलान भी जल्द कर दिया जाएगा. वहीं, बिहार विधान सभा के आम चुनाव को लेकर चुनाव आयोग के दिशानिर्देश मिलते ही तैयारियां शुरू कर दी जाएगी. बिहार में आम चुनाव अक्टूबर-नवंबर में होना प्रस्तावित है. कोरोना के संकट को लेकर देश भर में लॉकडाउन के कारण सामान्य जन-जीवन और अन्य सरकारी कार्य भी प्रभावित हुए.
इसी दौरान बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भी प्रशासनिक और अन्य चुनाव संबंधी कार्यो पर भी असर पडा. लेकिन आज के बाद सरकारी कार्यों को लेकर स्थिति सामान्य होने की उम्मीदें बढ गयी है. अधिकारी व कर्मचारी भी इसके लिए तैयार हो गये हैं.
संजय जायसवाल ने कहा है कि देश में डिजिटल चुनाव कोई नई बात नहीं है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सबसे पहले चुनाव में डिजिटल तरीके से कैंपेन करने का श्रेय जाता है. भाजपा का मानना है कि डिजिटल तरीके से चुनाव अभियान में उसे महारत हासिल है और इसी लिहाज से वह सबसे पहले कैंपेन में जुट जाना चाहती है. कोरोना महामारी और संक्रमण के इस दौर में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन बेहद जरूरी है.
लिहाजा भाजपा को यह लगता है कि डिजिटल कैंपेन से पार्टी अगर फ्रेंडली रही तो आगामी विधानसभा चुनाव में उसे इसका फायदा जरूर मिलेगा. वहीं, भाजपा के अंदरूनी सूत्र बता रहे हैं कि भले ही अभी केवल अमित शाह की रैली के बारे में जानकारी साझा की गई हो, लेकिन अंदरूनी तौर पर पार्टी ने डिजिटल कैंपेन का पूरा ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया है. एक-एक कर भाजपा के तमाम बडे चेहरे कार्यकर्ताओं और समर्थकों से जु्डकर डिजिटल रैली करेंगे. जैसे-जैसे चुनाव का वक्त नजदीक आएगा, वैसे-वैसे यह अभियान और जोर पकडेगा.
इसबीच, आज से बिहार के निर्वाचन विभाग में भी चहल पहल बढ गई है. विभाग आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय निर्वाचन आयोग के भी दफ्तर में सामान्य कामकाज शुरू हो गया है. पहले जहां कोरोना के कारण रूटीन कामकाज को छोडकर अन्य कार्य लंबित थे, अब वे सभी कार्य शुरू होंगे. आयोग के दफ्तर में भी अब बिहार चुनाव को लेकर बैठकों का दौर शुरू होगा. सूत्रों ने बताया कि आयोग के द्वारा दिये गए निर्देशों के अनुसार बिहार में भी कार्रवाई शुरू हो जाएगी.
उधर, लालू की गैरमौजूदगी में तेजस्वी यादव भाजपा को सामने से टक्कर देंगे. भाजपा के इस ऐलान के बाद कि 9 जून को अमित शाह डिजिटल रैली के जरिए शंखनाद करने वाले हैं. तेजस्वी उनके साथ मुकाबले के लिए सामने आ खडे हुए हैं. उन्होंने कहा है कि उनकी पार्टी 9 जून को गरीब अधिकार दिवस मनाएगी. सुबह 11बजे से बिहार के सभी गरीब हाथ में थाली लेकर बजाएंगे.
आपदा के इस दौर में सरकार के रवैए पर प्रतिकार करेंगे. तेजस्वी यादव ने साफ कह दिया है कि भाजपा भले ही डाटा की बात करती हो, लेकिन यहां लोगों के पास खाने को आटा नहीं है. 9 जून को भूखे पेट रहने वाला गरीब अपने हाथ में खाली बर्तन लेकर बजाएगा और सरकार को अपनी आवाज सुनाएगा. उन्होंने कहा कि राशन के लिए, सुशासन के लिए और कडे प्रशासन के लिए डिजिटल का इस्तेमाल करना चाहिए था. लेकिन यहां तो भाजपा चुनाव के लिए डिजिटल का इस्तेमाल कर रही है.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राजद गरीब अधिकार का बात कर रही है. 9 जून को थाली, कटोरा या केला का पत्ता लेकर सामने आये और सरकार का प्रतिकार करें. शाह बिहार में यह डिजिटल चुनाव और भाषण के लिए आ रहे है. जब तक पेट में आटा नहीं जायेगा तब तक डाटा का क्या होता है.? शाह डिजिटल रैली ना कर के पक्ष विपक्ष के साथ मजदूरों और गरीबों की मदद करने की बात करते तो अच्छा होता. भाजपा सत्ता की भूख और पावर की नशा में चूर है. गरीब का थाली खाली है, इसलिए गरीब थाली ही बजायेगा.