खस्ताहाल और बंद उद्योगों को लेकर विधानसभा में प्रदर्शन, विपक्ष ने कहा- 15 साल के बाद भी एक सुई की फैक्ट्री नहीं लगी
By एस पी सिन्हा | Published: March 5, 2021 04:18 PM2021-03-05T16:18:09+5:302021-03-05T16:22:06+5:30
बिहार विधानसभा के बाहर राजद, कांग्रेस और भाकपा माले ने जोरदार प्रदर्शन किया। विपक्ष ने कहा कि सरकार बंद कारखाने पर ध्यान दे।
पटनाः बिहार में बंद उद्योगों को फिर से खोलने को लेकर आज विधानसभा में विपक्षी दलों ने जमकर प्रदर्शन किया।
विधानसभा सत्र के आरंभ होने से पहले विधानसभा परिसर में भाकपा-माले तथा राजद विधायकों ने प्रदर्शन करते हुए सरकार से उद्योगों को फिर से शुरू करने की मांग की। राजद विधायक बिहार में ठप पड़े उद्योग धंधे को पुनः जीवित करने की मांग कर रहे थे, जबकि माले विधायकों ने कहा कि बिहार में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए उद्योगों को फिर से शुरू करना जरूरी है।
विधायकों ने कहा कि कटिहार जूट मिल के सभी मिलों को फिर से चालू की जाए। उसी तरह बंद पड़ी चीनी मिल को चालू करने की मांग उन्होंने की। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए स्वरोजगार और उनके उत्पाद खरीद को लेकर भी माले ने सरकार से गारंटी राशि करने की मांग की। विपक्षी सदस्यों ने सरकार से 15 साल में बिहार के खस्ताहाल उद्योग धंधों को लेकर घेरने की कोशिश की।
उन्होंने पूछा कि बिहार में आखिरकार 15 साल में सारे उद्योग धंधे बंद क्यों हो गए? राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि बिहार में 15 साल के बाद भी एक सुई की फैक्ट्री भी नहीं लगी है। सरकार उद्योग बढ़ावा के नाम पर अरबों रुपये खर्च कर रही है. लेकिन एक भी उद्योगपति बिहार नहीं आए हैं।
वहीं भाकपा-माले के विधायकों ने आज विधानसभा के बाहर कटिहार जूट मिल, रीगा चीनी मिल समेत अन्य सभी मिलों को चालू करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। इसके साथ ही माले विधायकों ने जमीन का बंदरबांट रोकने, किसानों को उनकी जमीन वापस करने, स्वयं सहायक समूह की महिलाओं का कर्ज माफ करने समेत कई मांगों को लेकर प्रदर्शन किया।
सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले भाकपा-माले के विधायक के हाथों में प्ले कार्ड लेकर सभी मिलों को दोबारा चालू करने की मांग की। वहीं, विधानसभा के प्रश्नोत्तर काल में आज एआईएमआईएम के विधायक अख्तरुल इमान ने जोरदार हंगामा किया। दरअसल अख्तरुल इमान ने विधानसभा में सरकार से भूमिहीन किसानों के सवाल पर जवाब मांगा था।
सरकार की तरफ से उप मुख्यमंत्री रेणु देवी ने सदन में जवाब भी दिया, लेकिन उनके जवाब से विधायक संतुष्ट नहीं दिखे। वह बार-बार पूरक पूछ रहे थे, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा दूसरे सवाल की तरफ आगे बढ़ गए। विधानसभा अध्यक्ष के दूसरे सवाल की तरफ से आगे बढ़ने के बाद अख्तरुल इमान सदन में जोर जोर से बोलने लगे।
अध्यक्ष ने उन्हें शांत रहकर बोलने के लिए कहा। इसके बाद अख्तरुल इमान वेल में आ गए। विधानसभा अध्यक्ष ओवैसी के विधायक की इस हरकत पर काफी नाराज हो गए और उन्हें सदन में चेतावनी दे डाली। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वह पहले अपने जगह पर जाएं तभी सदन उनकी बात सुनेगा। उन्होंने कहा कि आसन पर दबाव बनाकर आप अपनी बात पूरी नहीं करवा सकते।
इस दौरान विधानसभा में काफी देर तक शोर-शराबा होते रहा। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष और अख्तरुल इमान के बीच हो रही बहस को देखते हुए राजद के विधायक ललित यादव बीच बचाव करते नजर आए। ललित यादव ने समझा-बुझाकर अख्तरुल इमान को अपनी जगह पर भेजा।
इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने उप मुख्यमंत्री रेनू देवी को फिर से पूरक पर जवाब देने के लिए कहा। ऐसे में रेनू देवी ने भरोसा दिया कि वह विधायक अख्तरुल इमान के विधानसभा क्षेत्र से जुडे़ भूमिहीनों के मसले पर डीएम से रिपोर्ट तलब करेगी और इस मामले में आगे कार्यवाही की जाएगी तब जाकर मामला सदन में शांत हुआ।