बिहार में नीतीश कुमार 15 साल से सीएम, शिक्षा व्यवस्था चौपट, तेजस्वी यादव ने मंत्री विजय कुमार चौधरी को घेरा
By एस पी सिन्हा | Published: February 23, 2021 07:59 PM2021-02-23T19:59:18+5:302021-02-23T20:01:06+5:30
बिहार विधानसभा के बजट सत्र के आज तीसरे दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के बाद सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जवाब दिया।
पटनाः बिहार की राजनीति में इन दिनों शिक्षा का मुद्दा गर्माया हुआ है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इसे लेकर सरकार पर लगातार हमलावर बने हुए हैं और एक के बाद एक खुलासे कर रहे हैं।
बिहार में शिक्षा व्यवस्था को लेकर विधानसभा में आज मामला उठा तो नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार को जमकर घेर लिया। वहीं, नेता प्रतिपक्ष की तरफ से सरकार के ऊपर निशाना साधे जाने के बाद शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि बिहार में शिक्षा की जो स्थिति है, उसको लेकर हमने तथ्यात्मक तौर पर सारी बातों को सदन में रखा है।
सरकारी स्कूलों के 78 हजार बच्चों का अगले क्लास में प्रमोशन
इसके बाद भी आरोप लगाया जा रहा है कि बिहार में 15 साल से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं उसके बावजूद शिक्षा व्यवस्था चौपट है। विधानसभा में आज शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि बिहार के जिन अनुमंडल में डिग्री कॉलेज नहीं है, वहां जल्द ही डिग्री कॉलेज खोले जाएंगे। इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों के 78 हजार बच्चों का अगले क्लास में प्रमोशन होगा।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य के सभी अनुमंडलों में डिग्री कॉलेज खोले जाने के लिए बजट में शिक्षा पर सबसे अधिक 21.92 फीसदी राशि खर्च करने का प्रावधान किया गया है। यह सरकार का सबसे बड़ा फैसला है। राज्य सरकार का फोकस शिक्षा पर है, बिहार सरकार शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए चरणबद्ध तरीके से विद्यालयों और विश्वविद्यालयों में नियोजन करेगा।
बिहार शिक्षा के मानकों पर पिछडे़ पांच राज्यों में शुमार
जल्द ही सभी रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. बजट सत्र में सरकार ने 2030 तक शत-प्रतिशत साक्षरता का लक्ष्य रखा है। विधानसभा में एक प्रश्न के उत्तर में नीतीश सरकार ने मान लिया कि नीति आयोग के मुताबिक बिहार शिक्षा के मानकों पर पिछडे़ पांच राज्यों में शुमार है।
राजद विधायक समीर महासेठ के सवाल पर शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने सदन में यह बयान दिया है, वहीं अन्य सवालों के जवाब में शिक्षा मंत्री ने बताया कि 8385 पंचायतों में उच्चमाध्यमिक विद्यालयों की स्थापना की गई है। शिक्षक बहाली मामले में उन्होंने सदन को यह जानकारी दी कि शिक्षकों के लिए परीक्षा ली जा रही है।
4000 उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रयोगशाला की स्थापना
उन्होंने कहा कि न्यायालय ने जो बहाली की प्रक्रिया रोकी है उसके लिए अनुमति ली जा रही है, सदन सदस्यों एक सवाल पर उन्होंने कहा कि 2017-18 में 2000 माध्यमिक और 4000 उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रयोगशाला की स्थापना कराई गई है।
वहीं कहा कि लगातार शिक्षा के क्षेत्र में काम हो रहा है। इसका परिणाम बढ़ा है, अब बच्चे फर्स्ट आ रहे हैं। सेकंड आने वाले छात्रों की संख्या घटी है, वहीं सदन को उन्होंने बताया कि प्रदेशन में तीन नए विश्वविद्यालय खोले गए हैं, इनमें पाटलिपुत्र, पूर्णिया और मुंगेर विश्वविद्यालय हैं।
अतिथि शिक्षकों को अधिकतम मानदेय 25 हजार रुपये ही मिल रहा
वहीं, विधान परिषद में वरिष्ठ सदस्य वीरेंद्र नारायण यादव ने सरकार से सवाल पूछा कि राज्य के विश्वविद्यालयों में गेस्ट शिक्षकों को यूजीसी के प्रावधान के मुताबिक 50 हजार रुपये वेतन क्यों नहीं मिल रहा है? वर्तमान में कालेजों में पढ़ा रहे अतिथि शिक्षकों को अधिकतम मानदेय 25 हजार रुपये ही मिल रहा है, जबकि उन्हें यूजीसी के प्रावधान के मुताबिक इतना वेतन नहीं मिलना चाहिए।
सरकार स्थिति साफ करे. इस पर जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सरकार विश्वविद्यालयों में नियुक्त गेस्ट शिक्षकों को 50 हजार रुपये मासिक वेतन देने की तैयारी में लगी है।अगले माह से बिहार में अतिथि शिक्षक को 50 हजार मिलने लगेंगे। शिक्षामंत्री ने कहा कि प्रति पीरियड मानदेय एक हजार की जगह पंद्रह सौ करने पर भी सरकार विचार कर रही है।
उन्होंने कहा कि अगले एक महीने में यह व्यवस्था लागू कर दी जायेगी। इसके साथ ही विधान पार्षद मदन मोहन झा के एक ध्यानाकर्षण पर शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने दो टूक कहा कि प्रदेश के ऐसे अनुदानित माध्यमिक/इंटर विद्यालयों, जिनकी जांच पूरी हो चुकी है, उनकी दोबारा जांच नहीं होगी।
तेजस्वी यादव का हमला
हालांकि उन्होंने साफ किया कि अनुदान जारी होने के लिए प्रक्रिया को पारदर्शिता से पूरा किया जायेगा। रही बात ऐसे विद्यालयों को अनुदान राशि देने के लिए प्रक्रिया जारी है, जल्दी ही राशि स्कूलों को मिल जायेगी. सरकार विधि सम्मत कार्यवाही करेगी। वहीं, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौथरी बिहार में शिक्षा स्तर सुधारने की बात कर रहे है।
राज्य की शिक्षा व्यवस्था 15 वर्षों में पूरी तरह से चौपट हो गई है. उन्होंने बिहार के शैक्षणिक स्तर का स्कोर सबसे नीचे होने का आरोप लगाया. उच्च शिक्षा का क्षेत्र को विस्तार करने के लिए सरकार का फोकस इस बजट में साफ दिख रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था की स्थिति क्या है? इसकी पोल खुद राज्य के शिक्षा मंत्री ने सदन में जवाब देते हुए खोल दी है।
बिहार नीचे से 5 में नंबर पर
देश के अंदर शिक्षा व्यवस्था को लेकर राज्यों की जो इंडेक्सिंग की गई है, उसमें बिहार नीचे से 5 में नंबर पर है। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगते हुए कहा कि बिहार में 15 साल से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं, उसके बावजूद शिक्षा व्यवस्था बदहाल है।
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि बिहार में सबसे ज्यादा स्कूलों के अंदर छात्रों का ड्रॉपआउट है। बिहार में उच्च शिक्षा की बदहाल स्थिति को लेकर भी उन्होंने नीतीश सरकार को घेरा. यहां बता दें कि, बिहार बजट सत्र के दिन नेता प्रतिपक्ष काफी उत्साहित दिखे और उन्होंने कल भी शिक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल किये और शिक्षा व्यवस्था को ही कटघरे में खडे़ कर दिया।