बिहार में मंत्रिमंडल विस्तारः नीरज कुमार बबलू और जमां खान पर कई आरोप, भ्रष्टाचार के आरोपी मेवालाल चौधरी दे चुके हैं इस्तीफा
By एस पी सिन्हा | Published: February 9, 2021 06:48 PM2021-02-09T18:48:59+5:302021-02-09T18:50:06+5:30
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता सैयद शाहनवाज हुसैन सहित कुल 17 मंत्रियों ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली.
पटनाः बिहार में नीतीश कैबिनेट के विस्तार के साथ ही विवाद भी शुरू हो गया है. जिस नेता को जदयू एवं भाजपा ने मंत्रिपरिषद में जगह दी है, उनपर आर्म्स एक्ट व हत्या के प्रयास का आरोप लगे हैं.
भाजपा कोटे से छातापुर से विधायक और अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के भाई नीरज कुमार बबलू मंत्री बने हैं. उन पर भी गंभीर केस दर्ज है और कोर्ट में ट्रायल शुरू है. लेकिन अभी चार्ज फ्रेम नहीं हुआ है. बसपा से जदयू में आये और मंत्री बनाये गय मोहम्मद जमां खान के ऊपर कई अपराधिक मामले दर्ज हैं.
धारा 147, 148, 149, 323, 324, 307 के तहत मामले दर्ज
कई मामलों में कोर्ट ने उनके खिलाफ संज्ञान में ले रखा है. खुद विधानसभा चुनाव में जमां खान की तरफ से जो शपथ पत्र दिया गया है उसके मुताबिक उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 323, 324, 307 के तहत मामले दर्ज हैं.
हत्या की कोशिश जैसा 307 का गंभीर मुकदमा उनके ऊपर है और साथ ही साथ आर्म्स एक्ट के मामले में उनके खिलाफ संज्ञान भी लिया जा चुका है. जमा खान खुद अपनी एफिडेविट में इसकी चर्चा की है. मोहम्मद जमा खान के खिलाफ चैनपुर थाने में साल 2005 में एक केस दर्ज है.
आईपीसी की धारा 307 के तहत दर्ज मामले
सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के इस मामले में न्यायालय ने संज्ञान ले लिया है, इसके अलावा भगवा थाने में साल 2004 में आईपीसी की धारा 323, 504 के तहत केस दर्ज है. इसमें भी न्यायालय ने संज्ञान लिया है. दुर्गावती थाने में 2005 में एक केस और अन्य मामले दर्ज हैं. सबसे गंभीर आरोप आर्म्स एक्ट और आईपीसी की धारा 307 के तहत दर्ज मामले हैं.
छातापुर के भाजपा विधायक पर केस
उसीतरह, छातापुर के भाजपा विधायक ने चुनाव के समय जो हलफनामा दिया है, उसमें तीन केसों का उल्लेख है. नीरज कुमार सिंह बबलू 2001 में चोरी के सामान और अवैध हथियार के साथ पकडे़ गए थे. उनपर अली नगर थाने में 2001 में केस दर्ज हुआ था. उन पर अलीनगर थाने में 45-01नंबर केस दर्ज हुआ था.
इसके अलावा बीरपुर थाने में 2010 में 2 केस दर्ज हुआ था. नीरज कुमार सिंह बब्लू हथियार के साथ पकडे़ गए थे. अभी यह केस ट्रायल में है, जिसका नंबर 53-20 है. हालांकि अभी इस केस में चार्ज फ्रेम प्रेम नहीं हुआ है. यहां बता दें कि विधानसभा चुनाव में कैमूर के चैनपुर से बसपा के टिकट पर जमां खान चुनाव जीते थे. चुनाव जीतने के बाद से ही जेडीयू की नजर बसपा विधायक पर थी.
जदयू के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह से मुलाकात की थी
बसपा विधायक जमा खान चुनाव जीतने के बाद जदयू के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह से मुलाकात की थी. इसके कुछ दिन बाद ही वे पाला बदलकर जदयू में शामिल हो गए. यहां यह बेहे उल्लेखनीय है कि जदयू ने विधानसभा चुनाव में 11 मुसलमान प्रत्याशी उतारे थे. लेकिन पार्टी एक भी उम्मीदवार तो नहीं जीता पाया था.
इस तरह से जदयू मुसलमान विधायक विहीन हो गई. इसके बाद जदयू में मुस्लिम विधायक को लाने के लिए खूब मेहनत किया गया. जदयू लगातार दूसरे दल के मुसलमान विधायकों पर 'डोरे' डाल रहा था. अब चैनपुर से बसपा के एक मात्र मुस्लिम विधायक जमा खान को जदयू ने अपने पाले में कर चैन की सांस ली है.
गौरतलब है कि राज्य में नई सरकार के गठन के बाद नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार के आरोपी मेवालाल चौधरी को मंत्री बनाया था. मुख्यमंत्री ने उन्हें शिक्षा मंत्री का प्रभार भी दे दिया था. इसके बाद इसपर उठे सवाल और विपक्षी नेताओं के द्वारा लगाये गये आरोपों के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उनसे इस्तीफा ले लेना पड़ा था. अब नये मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद एकबार फिर से सवाल उठने शुरू हो गये हैं.