बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद भाजपा में विरोध तेज, विधायक दल की बैठक से दूर रहे करीब 35 विधायक
By एस पी सिन्हा | Published: February 20, 2021 06:00 PM2021-02-20T18:00:05+5:302021-02-20T18:01:16+5:30
बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद एनडीए में रार तेज है। भाजपा, जदयू, हम और वीआई में मनमुटाव की खबर है। बीजेपी के करीब 35 एमएलए पार्टी से नाराज हैं।
पटनाः बिहार में अभी हाल ही में हुए मंत्रिमंडल विस्तार के बाद कई विधायक मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज चल रहे हैं।
हालात यह है कि प्रदेश भाजपा नेतृत्व के खिलाफ विरोध के स्वर थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद उभरे विरोध के स्वर अब और जोर पकड़ने लगा है। पार्टी के कई विधायकों ने शुक्रवार को हुई विधायक दल की बैठक से दूरी बनाए रखी।
मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज भाजपा विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने बताया कि पार्टी के विधायक दल की हुई बैठक में उनके साथ ही 35 विधायकों ने भाग नहीं लिया। ज्ञानू के बयान के बाद बीजेपी में टूट की आशंका है। बताया जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार में नाम ना होने की वजह से दर्जन से ज्यादा विधायक नाराज हैं।
मंत्रिमंडल में जगह ना मिलने की वजह से भाजपा विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू नाराज हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सवर्ण विरोधी है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अयोग्य मंत्रिमंडल का गठन किया है। ज्ञानू ने आज यह दावा किया कि उनके साथ ही पार्टी के कई और विधायकों ने पार्टी का ह्वीप लेने से इंकार कर दिया है।
पार्टी की ओर से बजट सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही में उपस्थित रहने के लिए सभी विधायकों को ह्वीप जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि पार्टी के असंतुष्ट विधायक मार्च के पहले सप्ताह में दिल्ली जायेंगे और वहां केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर अपनी बात रखेंगे।
असंतुष्ट विधायकों का आरोप है कि पार्टी का प्रदेश नेतृत्व समर्पित और वरीय नेताओं की उपेक्षा कर रहा है। ज्ञानू ने कहा कि भाजपा के लगभग 50 फीसदी उच्च जाति के उम्मीदवारों ने चुनाव जीते, लेकिन किसी को भी उप मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त नहीं किया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि जिन लोगों को जीत नहीं मिली या जिनके पास अनुभव कम है या वो अपराधी हैं, उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। साथ ही ज्ञानू ने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार में कई जिलों से तीन-तीन मंत्री बन गए हैं, जबकि कई जिलों को छोड़ दिया गया है।
भाजपा को सवर्ण विरोधी पार्टी बताते हुए ज्ञानू कहा कि पार्टी ने जाति, क्षेत्र और छवि का भी ख्याल नहीं रखा। ज्ञानू ने कहा कि इस बार के मंत्रिमंडल में साफ सुथरी छवि वाले नेताओं को पीछे करके दागियों को मंत्री बनाया गया है. उन्होंने चेताते हुए कहा कि इस तरह के विस्तार से पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचेगा।
ज्ञानू ने कहा कि चिंता इसबात की है कि पार्टी कमजोर हो रही है, कुछ जातिवादी लोग हैं, जो पार्टी को कमजोर कर रहे हैं. पार्टी यादव और बनियों के कंट्रोल में चली गई है, भाजपा में वह राजनीतिक संस्कृति नही रही, बल्कि यहां राजद वाली संस्कृति हावी हो गई है।
इसबीच भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल ने कहा कि विधायक दल की बैठक में कुछ लोगों की अनुपस्थिति सामान्य बात है. उन्होंने कहा कि एक विधायक बिमार हैं और कुछ अन्य अपने क्षेत्र में व्यस्त रहने के कारण बैठक में नही आ सके, उन्होंने दावा किया कि पार्टी एकजूट है। एक सवाले जवाब में जायसवाल ने कहा कि यदि कोई विधायक नाराज है तो वह उनसे खुद बात करेंगे। नाराजगी किई कोई खास वजह नही है।