मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समर्थन में उतरे सुशील मोदी, कहा-सीएम नहीं बनना चाहते, हम लोगों के कहने पर स्वीकार किया
By एस पी सिन्हा | Published: December 28, 2020 03:34 PM2020-12-28T15:34:03+5:302020-12-28T15:40:25+5:30
राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने एक बार फिर नीतीश कुमार से दोस्ती निभाई है. लोगों ने हमें नीतीश के नाम पर वोट दिया है. एनडीए में सभी दल एक-दूसरे से बातचीत करते रहते हैं.
पटनाः बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने एक बार फिर नीतीश कुमार से दोस्ती निभाते हुए एक दिन पहले जदयू कार्यकारिणी की बैठक में मुख्यमंत्री पद को लेकर दिए गए नीतीश कुमार के बयान पर अपनी राय दी है.
जदयू के समीक्षा बैठक में नीतीश ने भाजपा पर पीठ में छूरा भोंककर जख्म देने का आरोप लगाया था. अब उन जख्मों पर मरहम लगाते हुए सुशील मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बातों का समर्थन करते हुए कहा कि हां वो मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे, लेकिन भाजपा और जदयू के नेताओं ने कहा कि हमलोगों ने उनके नाम और विजन पर बिहार चुनाव लड़ा.
सुशील मोदी ने कहा कि लोगों ने उनके नाम पर हमें वोट दिया. इसके बाद उन्होंने जदयू, भाजपा, हम और वीआईपी नेताओं के कहने पर मुख्यमंत्री पद स्वीकारा. उन्होंने कहा कि जदयू के लोगों ने कहा है कि अरुणाचल में जो हुआ उसका असर बिहार के गठबंधन पर नहीं होगा. सुशील मोदी ने दावा किया कि जदयू ने कहा है कि बिहार के अंदर भाजपा-जदयू का गठबंधन अटूट है.
पूरे पांच साल नीतीश जी के नेतृत्व में सरकार काम करेगी
पूरे पांच साल नीतीश जी के नेतृत्व में सरकार काम करेगी. नीतीश के प्रेशर में मुख्यमंत्री बनाए जाने की बात का बचाव करते हुए सुशील मोदी ने कहा है कि नीतीश को हम लोगों ने अपना मुख्यमंत्री चुना है. चुनाव में वह मुख्यमंत्री का चेहरा थे और उनके नेतृत्व में हम पूरे पांच साल तक सरकार चलाएंगे.
सुशील मोदी ने कहा कि कभी कभी छोटी छोटी बातों पर मतभेद हो जाते हैं, लेकिन जदयू और भाजपा के बीच बिहार में तालमेल इतना बेहतर है कि इन मतभेद को दूर कर लिया जाएगा. बिहार में सरकार पर अरुणाचल का कोई असर नहीं पडे़गा.
आरसीपी को बधाई देते हुए सुशील मोदी ने कहा कि वह सक्षम व्यक्ति हैं
जदयू के नए अध्यक्ष आरसीपी को बधाई देते हुए सुशील मोदी ने कहा कि वह सक्षम व्यक्ति हैं. उनसे हमारे अच्छे संबंध हैं. उम्मीद है कि उनके साथ सरकार को आगे लेकर जाने में बेहतर तालमेल के साथ काम किया जा सकेगा. यहां उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले रविवार को जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश ने ये कहते हुए राजनीति में सबको चौंका दिया था कि वर्ष 2020 के चुनाव के बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनने की इच्छा नहीं थी. उन्होंने भाजपा नेतृत्व के समक्ष भी यह बात रखी थी कि वे मुख्यमंत्री बनना नहीं चाहते हैं.
भाजपा की ओर से ही कोई मुख्यमंत्री बने. पर, भाजपा नेतृत्व इस पर राजी नहीं हुआ और मुझे पर मुख्यमंत्री बनने का दबाव डाला गया. बता दें कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान ही नीतीश कुमार ने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद छोड़ने की घोषणा करते हुए पार्टी के राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह को जदयू का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया है.
मुख्यमंत्री और पार्टी के निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने खुद आरसीपी सिंह को अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पेश किया था. इस पर कार्यकारिणी ने सर्वसम्मति से सहमति दी और फिर राष्ट्रीय परिषद ने भी इसपर मुहर लगा दी.