बिहार में कोरोना कंट्रोल से बाहर, तेजस्वी यादव बोले- चुनाव का माहौल नहीं, सीएम आवास पर 6 डॉक्टर,3 नर्सें और वेंटिलेटर की सुविधा

By एस पी सिन्हा | Published: July 7, 2020 08:24 PM2020-07-07T20:24:10+5:302020-07-07T20:24:10+5:30

तेजस्वी यादव ने पूछा है कि क्या नीतीश कुमार को इस बात का डर है कि बिहार में राष्ट्रपति शासन रहते चुनाव हो जाएगा? इतना ही नहीं नेता प्रतिपक्ष ने बिहार में जदयू की तरफ से की जा रही चुनावी तैयारी और वर्चुअल रैली पर भी तंज कसा है.

Bihar Assembly patna cm nitish kumar Coronavirus lockdown Tejashwi Yadav No election atmosphere | बिहार में कोरोना कंट्रोल से बाहर, तेजस्वी यादव बोले- चुनाव का माहौल नहीं, सीएम आवास पर 6 डॉक्टर,3 नर्सें और वेंटिलेटर की सुविधा

तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि बिहार में कोरोना कंट्रोल से बाहर हो गया है. (photo-ani)

Highlightsआप डिजिटल रैली कर रहे हैं, जबकि लोगों का आज ठीक से इलाज तक नहीं हो पा रहा. मुख्यमंत्री आवास तक कोरोना का है असर. ऐसी बीमारी जिससे पूरी दुनिया परेशान है, उसे सरकार हल्के में ले रही है.तेजस्वी यादव ने कहा है कि पता नहीं नीतीश कुमार को चुनाव की इतनी जल्दबाजी क्यों है?

पटनाः बिहार में कोरोना संक्रमण के बिगड़ते हालात को देखते हुए विधानसभा चुनाव पर अब सवाल उठने लगा है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि बिहार में हालात विधानसभा चुनाव कराने लायक नहीं है. उन्होंने कहा कि बाकी बात चुनाव आयोग देखेगा.

तेजस्वी यादव ने कहा कि जांच बिलकुल नहीं हो रही है। मुख्यमंत्री की जांच की रिपोर्ट 2 घंटे में आ जाती है। जब खुद पर आपदा आती है तो अपने घर में डॉक्टर भी है, वेंटिलेटर भी और नर्सें भी। CM के आवास पर 6 डॉक्टर,3 नर्सें और वेंटिलेटर भी है।

इस बीच बिहार भाजपा अध्यक्ष के पूर्व अध्यक्ष गोपाल नारायण सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव ने कोई काम नहीं किया। खाली CM (बिहार) पर उंगली उठा रहे हैं। ये कहना कि 2 घंटे में CM की टेस्ट रिपोर्ट आ जाती है गलत है। एक रिपोर्ट आने में कम से कम 6 घंटे तक लगते हैं। बिहार की जितनी क्षमता है उतने टेस्ट किए जा रहे हैं।

नेता प्रतिपक्ष ने बिहार में चुनावी तैयारी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जोरदार हमला बोला

नेता प्रतिपक्ष ने बिहार में चुनावी तैयारी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जोरदार हमला बोला है. तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार बिहार में लाशों के ढेर पर चुनाव करना चाहते हैं पता नहीं नीतीश कुमार को किस बात की जल्दबाजी है. 

तेजस्वी यादव ने पूछा है कि क्या नीतीश कुमार को इस बात का डर है कि बिहार में राष्ट्रपति शासन रहते चुनाव हो जाएगा? इतना ही नहीं नेता प्रतिपक्ष ने बिहार में जदयू की तरफ से की जा रही चुनावी तैयारी और वर्चुअल रैली पर भी तंज कसा है.

उन्होंने कहा कि आप डिजिटल रैली कर रहे हैं, जबकि लोगों का आज ठीक से इलाज तक नहीं हो पा रहा. मुख्यमंत्री आवास तक कोरोना का है असर. ऐसी बीमारी जिससे पूरी दुनिया परेशान है, उसे सरकार हल्के में ले रही है. तेजस्वी यादव ने कहा है कि पता नहीं नीतीश कुमार को चुनाव की इतनी जल्दबाजी क्यों है?

बिहार में कोरोना कंट्रोल से बाहर हो गया है

तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि बिहार में कोरोना कंट्रोल से बाहर हो गया है. बिहार में सब कुछ भगवान भरोसे हैं. नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य विभाग को बर्बाद कर दिया है. स्वास्थ्य विभाग खुद आईसीयू में हैं. तेजस्वी ने कहा कि सबकी जांच हो और रिपोर्ट आने में तेजी हो. बिहार में डॉक्टर और नर्स की कमी से जूझ रहा है. सिंतबर तक कोरोना बिहार में और गंभीर हो जाएगा. 

तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार की सरकार पर निशाना साधने हुए कहा कि मुख्यमंत्री की जांच रिपोर्ट दो घंटे में बाकी जनता भगवान् भरोसे है. तेजस्वी ने राजद दफ्तर में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि हमारे यहां सबसे बीमार लोग प्राईवेट अस्पताल में भर्ती होते हैं. यहां सरकारी अस्पताल में कोई व्यवस्था नहीं है.

कोरोना से पूरा विश्व जूझ रहा है, बिहार में भी स्थिति भयावह है

उन्होंने कहा कि कोरोना से पूरा विश्व जूझ रहा है, बिहार में भी स्थिति भयावह है. हमलोगों ने सरकार से गुजारिश की रैंडम टेस्ट की व्यवस्था की जाए. लेकिन सरकार गंभीर नहीं है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की रिपोर्ट 2 घंटे में आ जाती है. ऐसे में हम चाहते हैं कि सबका रिपोर्ट जल्द से जल्द आ जाए.

तेजस्वी ने कहा कि हमलोगों को चिंता करनी चाहिए की बिहार सरकार ने कोरोना से लड़ने में हाथ खडा कर लिया है. सरकार तो कहती है कि 15 साल में हमने खूब विकास किया है, लेकिन हकीकत है कि सरकार ने जनता को ठगा है. चमकी बुखार से सैकड़ों बच्चों की मौत हो जाती है, बेड, डॉक्टर, नर्स की कमी है.

स्वास्थ्य सेवा में बिहार सबसे निचले स्तर पर है. बिहार में 2005 में कुल 101 पीएचसी थे, लेकिन आज 15 साल में 49 केंद्र स्थापित किए गए. एक साल में मात्र तीन बना. लेकिन दो साल के अंदर कोई भी पीएचसी की स्थापना नहीं की है. यह रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग और नीति आयोग की है. बिहार में शिशु मृत्युदर में एक हजार बच्चों पर 42 है. 

तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि नीतीश कुमार का 15 साल पूरी तरह रहा बदहाल रहा है. इसका उदाहरण यही है कि बिहार कोरोना जांच में सबसे फिसड्डी साबित हुआ है. कोरोना मामले में बिहार में भयावह स्थिति. तेजस्वी ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने बिहार को भगवान भरोसे छोडा. अब पॉजिटिव मामले सीएम हाउस तृक पहुच गया.

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