बिहार विधानसभा चुनावः राजद ने खेला दलित कार्ड, सीएम नीतीश पर हमला, जदयू ने कहा-हिम्मत है तो RJD दलित मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करे

By एस पी सिन्हा | Published: August 20, 2020 05:39 PM2020-08-20T17:39:05+5:302020-08-20T17:39:05+5:30

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार में दलित पिछड़ों पर सबसे ज्यादा अत्याचार हुआ है. दलित और आदिवासी छात्रों की छात्रवृत्ति बंद कर दिया गया.

Bihar assembly elections RJD played attack CM Nitish JDU declare face of Dalit Chief Minister | बिहार विधानसभा चुनावः राजद ने खेला दलित कार्ड, सीएम नीतीश पर हमला, जदयू ने कहा-हिम्मत है तो RJD दलित मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करे

पूर्व मंत्री रमई राम ने भी नीतीश पर हमला बोलते हुए कहा कि नीतीश सरकार ने दलितों में बंटवारा किया. (file photo)

Highlightsराजद के दलित नेताओं ने नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि बिहार में दलितों के साथ अत्याचार हो रहा है. यही नहीं दलित समाज से आने वाले अधिकारियों को घोटाले में फंसाकर सरकार परेशान कर रही है.167 दलित आदिवासियों को ट्रैप में अधिकारियों और पदाधिकारियों को पकड़ा गया. बिहार में शराब केस में 70 हजार दलितों पर केस दर्ज हुआ.

पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बिहार की सियासत का पारा दिनोदिन चढ़ते ही जा रहा है. अब राजद ने दलितों के अत्याचार को मुद्दा बनाया है.

राजद के दलित नेताओं ने नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि बिहार में दलितों के साथ अत्याचार हो रहा है. यही नहीं दलित समाज से आने वाले अधिकारियों को घोटाले में फंसाकर सरकार परेशान कर रही है. पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार में दलित पिछड़ों पर सबसे ज्यादा अत्याचार हुआ है. दलित और आदिवासी छात्रों की छात्रवृत्ति बंद कर दिया गया.

इस समाज के सरकारी नौकरियों में बैकलॉग के पद को नहीं भरा गया. बिहार में ट्रैप केस में दलित और आदिवासी को पकड़ा गया है. 167 दलित आदिवासियों को ट्रैप में अधिकारियों और पदाधिकारियों को पकड़ा गया. बिहार में शराब केस में 70 हजार दलितों पर केस दर्ज हुआ.

वहीं, पूर्व मंत्री रमई राम ने भी नीतीश पर हमला बोलते हुए कहा कि नीतीश सरकार ने दलितों में बंटवारा किया. दलित और महादलित के रूप में जो किसी सरकार ने नहीं किया. नीतीश सरकार में दलितों को जमीन नहीं दी जा है. मैं नीतीश कुमार को चैलेंज करता हूं. दलितों को दी गई जमीन पर उनका कब्जा नहीं है. अगर सरकार कब्जा दिखा देती है तो मुझे फांसी दे दिया जाए. 

रजक ने भी हमला होलते हुए कहा कि दलितों पर अत्याचार का आंकडा बढ़ गया है

वहीं, पूर्व मंत्री श्याम रजक ने भी हमला होलते हुए कहा कि दलितों पर अत्याचार का आंकडा बढ़ गया है. 2005 में 7 प्रतिशत था अब वह बढ़कर 17 प्रतिशत हो गया है. बिहार दलितों के अत्याचार पर तीसरे स्थान पर है. जो मैं आंकड़ा दे रहा हूं वह भारत सरकार का है.

आरक्षण में प्रोन्नति का मामला 11 साल से लंबित है. नई शिक्षा नीति के तहत दलित और वंचित शिक्षक नहीं बन पाएंगे क्योंकि निजी हाथों में शिक्षण संस्थान जा रहे हैं. कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर काम लेने का काम कर रही है. सरकार आरक्षित पदों को भी कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर काम लेकर भरने का काम कर रही है.

बिहार के किसी भी चयन आयोग में अनुसूचित जाति जनजाति के लोग नहीं है. इसलिए हमारी मांग है कि सभी चयन आयोगों में एक एक पद दलित वर्ग के लिए आरक्षित हो. उन्होंने कहा कि बिहार का बजट का मात्र 11 प्रतिशत ही खर्च हुआ है. बिहार में अधिकारियों के बीच पैसों का बंदरबांट हो रहा है. बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन ओर पुलिस चयन आयोग में कोई भी सदस्य अनुसूचित जाति जनजाति का नहीं है. 

इधर, श्याम रजक द्वारा की जा रही बयानबाजी पर जदयू की ओर से पलटवार किया गया है. जदयू नेता व बिहार सरकार के मंत्री संतोष कुमार निराला ने श्याम रजक को ललकाराते हुए कहा है कि जदयू और सीएम नीतीश कुमार को दलित विरोधी बताने वाले श्याम रजक में ताकत है तो राजद सुप्रीमो से यह बोलें कि वे किसी दलित को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करें.

उन्होंने कहा कि हमारे नेता नीतीश कुमार ने तो एक दलित जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री के पद पर बैठाकर दिखा दिया था. दूसरे पर लांक्षण लगाने वाले श्याम रजक में अगर हिम्मत है तो राजद सुप्रीमो से कहे कि वे रमई राम या उदय नारायण चौधरी को राजद का मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करें. 

Web Title: Bihar assembly elections RJD played attack CM Nitish JDU declare face of Dalit Chief Minister

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