बिहार विधानसभा चुनावः नीतीश के पाले में लालू के समधी और तेजप्रताप के ससुर चंद्रिका राय, कांग्रेस में हलचल, तीन-चार विधायक देंगे इस्तीफा!
By एस पी सिन्हा | Published: August 20, 2020 06:13 PM2020-08-20T18:13:08+5:302020-08-20T20:58:03+5:30
राजद छोड़कर जदयू में जाने वाले विधायकों में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के समधी और तेजप्रताप यादव के ससुर चंद्रिका राय, पूर्व मंत्री रामलखन सिंह यादव के पोते जयवर्धन यादव और पूर्व केन्द्रीय मंत्री एमएए फातमी के पुत्र फराज फातमी का नाम शामिल है.
पटनाःबिहार में विधानसभा चुनाव के पहले बिहार में दल बदल तेज हो गया है. आज राजद के तीन विधायक पार्टी को बाय-बाय करते हुए जदयू का दामन थाम लिया.
जदयू कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में मंत्री बीजेन्द्र यादव और मंत्री श्रवण कुमार ने तीनों विधायकों को पार्टी की सदस्यता दिलाई. राजद छोड़कर जदयू में जाने वाले विधायकों में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के समधी और तेजप्रताप यादव के ससुर चंद्रिका राय, पूर्व मंत्री रामलखन सिंह यादव के पोते जयवर्धन यादव और पूर्व केन्द्रीय मंत्री एमएए फातमी के पुत्र फराज फातमी का नाम शामिल है.
जदयू में शामिल होकर तीनों विधायक चंद्रिका राय, फराज फातमी और जयवर्धन यादव ने खुशी का इजहार किया. इन लोगों ने संकल्प लिया कि इस बार जदयू को चुनाव में और मजबूत बनाना है साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को फिर से बिहार का मुख्यमंत्री बनाना है. इस मौके पर पूर्व मंत्री चंद्रिका राय ने कहा कि नीतीश जी के प्रति में अपनी पूरी आस्था व्यक्त करता हूं.
15 साल पहले जैसा बिहार नीतीश जी को मिला था, आज उसे नीतीश कुमार ने पूरी तरह से बदल दिया
15 साल पहले जैसा बिहार नीतीश जी को मिला था, आज उसे नीतीश कुमार ने पूरी तरह से बदल दिया है. उन्होंने तेजप्रताप यादव पर भी आरोप लगाया और कहा कि छपरा में लोकसभा चुनाव के वक्त उन्होंने मेरे खिलाफ काम किया था. लेकिन लालू प्रसाद ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की.
उन्होंने कहा कि आज राजद गरीबों की पार्टी नहीं रही है. राजद आज पैसे वालों की पार्टी हो गई है. किसी तरह अगर टिकट का बंटवारा होता है तो मेडिकल कॉलेज और पूंजीपति या फिर मुंबई से लोग आते हैं. राजद अब व्यावसायिक पार्टी बन गई है. हमने नीतीश कुमार पर विश्वास किया है, वह मुख्यमंत्री के रूप में अच्छा काम कर रहे हैं.
वहीं, रामलखन सिंह यादव के पोते जयवर्धन यादव ने कहा कि राजद से मुझे घोर निराशा हुई है. पार्टी में कोई भी सकारात्मक काम नहीं हुआ है. पार्टी में मुझ पर व्यक्तिगत हमला करवाया गया और मैं शिकायत करने जाता तो कोई मेरी शिकायत भी नहीं सुनता था.
फातमी ने कहा कि अल्पसंख्यक को डरा के वोट लेने वाले राजद के लोग जान जाए
जबकि फराज फातमी ने कहा कि अल्पसंख्यक को डरा के वोट लेने वाले राजद के लोग जान जाए कि अब मुस्लिम-यादव (एम-वाय) के नाम पर डराने वाले लोगों से अब मुसलमान अल्पसंख्यक डरने वाले नहीं हैं. किस तरह से राजद में टिकट बेचा जा रहा है, अगर कार्रवाई करना ही है यो तेजप्रताप पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं करता है.
डिसिप्लिन के नाम पर कोई कार्रवाई नहीं होती है. एक वीडियो जारी कर दरभंगा के विधायक फराज फातमी ने कहा कि- प्रेस कांफ्रेस कर छह साल के लिए मुझे पार्टी ने निकाला गया. राजद के प्रदेश अध्यक्ष ने जब पार्टी सदस्य ही नहीं माना तो निकालने का मतलब ही क्या है? किस आधार पर पार्टी से निकाल रहा राजद?
उन्होंने कहा कि अब्बा को 30 साल तक पार्टी की खिदमत की, लेकिन पैसे के कारण टिकट किसी और उम्मीदवार को दे दिया गया. उन्होंने यहां तक आरोप लगाया कि मुस्लिम नेताओं को एक षडयंत्र के तहत शोषण कर रही है पार्टी.
राजद छोड़कर पार्टी के तीन विधायक नीतीश कुमार की पार्टी जदयू में शामिल हो चुके हैं
यहां उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी राजद छोड़कर पार्टी के तीन विधायक नीतीश कुमार की पार्टी जदयू में शामिल हो चुके हैं. लालू प्रसाद यादव के जेल में रहते हुए पार्टी के छह विधायकों के जदयू में जाने को बिहार चुनाव के लिहाज से बडा झटका माना जा रहा है.
यहां बता दें कि चंद्रिका राय की बेटी ऐश्वर्या राय के साथ लालू के बेटे तेज प्रताप यादव की शादी हुई है, लेकिन तेज प्रताप यादव ने तलाक का मुकदमा दायर कर रखा है. इस शादी को बचाने की तमाम कोशिशें नाकाम रहीं हैं. फिलहाल ऐश्वर्या अपने पिता के पास रह रहीं हैं. इस कारण दोनों परिवारों के रिश्ते में दरार आ चुकी है.
इसबीच, कांग्रेस में भी हलचल देखी जा रही हैं. पार्टी के भी तीन-चार विधायकों की गतिविधियां संदेह के घेरे में है. पार्टी संगठन भी कुछ चेहरों को लेकर सशंकित है और उन पर नजर रखी जा रही है. वैसे पिछले विधानसभा चुनाव में भी कई इधर से उधर हुए थे. मनोहर प्रसाद जदयू से कांग्रेस में आए थे और वह मनिहारी से कांग्रेस के टिकट पर लडे़ थे.
वहीं, गोविंदपुर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने वाली पूर्णिमा यादव भी जदयू छोड़कर आई थीं. अनिल कुमार भोरे विधानसभा से पिछला चुनाव कांग्रेसी टिकट पर लडे़ थे. वह भी पहले जदयू में थे. विधानसभा और लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे अशोक चौधरी चार विधान पार्षदों संग जदयू में शामिल हो गए हैं.
वहीं लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा से पप्पू सिंह कांग्रेस में शामिल हुए थे. वे पूर्णिया से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लडे़ थे. इस बार भी कई चेहरों के उछल-कूद की संभावना से इंकार नहीं किया जा रहा है. यह तो अभी शुरुआत माना जा रहा है.
Bihar: Rashtriya Janata Dal (RJD) MLAs Chandrika Rai (also the father-in-law of RJD leader Tej Pratap Yadav), Jaivardhan Yadav and Faraz Fatmi joined Janata Dal (United) in Patna today. pic.twitter.com/1JAKVfyb3V
— ANI (@ANI) August 20, 2020