बिहार विधानसभा चुनावः 24 सीट पर UPA और NDA गठबंधन को टक्कर देंगे असदुद्दीन ओवैसी, एआइएमआइएम के आने से मुश्किल में राजद
By एस पी सिन्हा | Published: August 26, 2020 04:26 PM2020-08-26T16:26:03+5:302020-08-26T16:56:43+5:30
किशनगंज की सीट पर उपचुनाव में खाता खुल जाने के बाद ओवैसी का दल उत्साहित है. हालांकि इन सीटों पर राजग व महागठबंधन सीधी टक्कर के मूड में हैं, लेकिन एआइएमआइएम भी त्रिकोणात्मक संघर्ष बनाने की कोशिश करने में जुटी हुई है. यह राजद के लिए मुश्किलों भरा होगा.
पटनाः बिहार के सीमांचल के चार जिले अररिया, किशनगंज, पूर्णिया व कटिहार की 24 विधानसभा सीटों पर असुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम अब राजद गठबंधन और राजग को सीधी टक्कर देने की तैयारी में जुटी हुई है.
किशनगंज की सीट पर उपचुनाव में खाता खुल जाने के बाद ओवैसी का दल उत्साहित है. हालांकि इन सीटों पर राजग व महागठबंधन सीधी टक्कर के मूड में हैं, लेकिन एआइएमआइएम भी त्रिकोणात्मक संघर्ष बनाने की कोशिश करने में जुटी हुई है. यह राजद के लिए मुश्किलों भरा होगा.
बता दें कि पिछला चुनाव राजद व जदयू ने साथ-साथ लडा था. इस बार जदयू, भाजपा के साथ है, वहीं बिहार में इस बार कई सीट पर चुनाव लड़ने का मंसूबा पाले एआइएमआइएम के हौसले भी बुलंद हैं. फिलहाल किशनगंज की चार, अररिया की छह, कटिहार की सात व पूर्णिया की सात विधानसभा यानी कुल 24 विस सीटों में आधे पर एनडीए का कब्जा है.
जिनमें जदयू व भाजपा छह-छह सीटों पर काबिज है, बाकी की 12 सीटों में आठ पर कांग्रेस व तीन पर राजद के उम्मीदवार जीते हैं. जबकि, एक सीट एआइएमआइएम के खाते में है. नेपाल व पश्चिम बंगाल के मुहाने पर स्थित किशनगंज जिले में कुल चार विधानसभा की सीटें हैं.
किशनगंज सदर पर कब्जा कर बिहार में एआइएमआइएम ने अपनी जगह बनाई
इसमें ठाकुरगंज व कोचाधामन सीट सत्तारूढ़ जदयू के पास है, जबकि किशनगंज सदर पर कब्जा कर बिहार में एआइएमआइएम ने अपनी जगह बनाई है. वहीं, बहादुरगंज सीट पर कांग्रेस का कब्जा है. इस इलाके में राजद व भाजपा अपनी जगह बनाने को संघर्षरत है. पिछले विधानसभा चुनाव में जदयू, राजद व कांग्रेस गठबंधन ने चारों सीट पर सफलता हासिल की थी.
महागठबंधन में राजद को यहां एक भी सीट पर दावेदारी नहीं मिली. दो सीट जदयू को, जबकि दो सीट कांग्रेस के खाते में गई. चार में से तीन (किशनगंज, ठाकुरगंज, बहादुरगंज) सीटों पर भाजपा-लोजपा गठबंधन के उम्मीदवार दूसरे नंबर पर रहे, वहीं, कोचाधामन सीट पर एआइएमआइएम के उम्मीदवार को दूसरे नंबर से संतोष करना पड़ा था.
यहां बता दें कि 2015 के विधानसभा चुनाव में भाजपा व एआइएमआइएम का किशनगंज जिले में खाता तक नहीं खुला था. वहीं, पिछले चुनाव में किशनगंज सदर सीट पर कांग्रेस के जावेद आजाद को 65,926 मत मिले थे, जबकि भाजपा की स्वीटी सिंह को 57,360 मत प्राप्त हुए.
कोचाधामन सीट पर जदयू के मास्टर मुजाहिद आलम को 55929 मत मिले, एआइएमआइएम के अख्तरुल इमान को 37,086 मत प्राप्त हुए. वहीं भाजपा के अब्दुर रहमान को 34895 मतों से संतोष करना पडा. ठाकुरगंज सीट पर जदयू के नौशाद आलम को 74239 मत प्राप्त हुए.
जबकि, लोजपा के गोपाल अग्रवाल को 66152 मतों से संतोष करना पडा. बहादुरगंज सीट पर कांग्रेस के तौसीफ आलम को 55394, भाजपा के अवध बिहारी सिंह को 39369 मत मिले, जबकि जाप के प्रो. मुसवीर आलम को 33275 मत प्राप्त हुए.
किशनगंज सदर सीट पर वर्ष 2019 का विधानसभा उपचुनाव कई मामलों में चौंकानेवाला हुआ. कई दिग्गज जहां धराशायी हो गये, वहीं एआइएमआइएम के कमरुल होदा ने जीत कर प्रदेश में ओवैसी की इंट्री कराई. पहली बार किशनगंज सदर सीट से मीम के कमरुल होदा ने जीत दर्ज की है. इस जीत के बाद मीम कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह है.
प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान सीमांचल की कई सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं. ऐसे में कई सीटों पर नई समीकरण बनेंगे. किशनगंज की चार सीटों की बात करें, तो जहां कुछ नये चेहरे भी इस बार मजबूत दवेदार हैं, तो कुछ महारथी इस बार पाला बदलने की फिराक में हैं.