बिहार विधानसभा चुनाव: तीसरे चरण में 78 सीट पर मतदान, 1411 प्रत्याशियों ने भरे नामांकन
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 22, 2020 01:28 PM2020-10-22T13:28:10+5:302020-10-22T13:28:10+5:30
बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से 78 सीट जिसके लिए तीसरे चरण के तहत 7 नवंबर को मतदान होना है, कुल 1411 उम्मीदवारों ने अपने पर्चे दाखिल किए हैं।
पटनाः बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से 78 सीटों के लिए कुल 1411 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है। तीसरे चरण में 78 सीटों के लिए सात नवंबर को मतदान होना है अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी संजय कुमार सिंह ने बताया कि बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से 78 सीट जिसके लिए तीसरे चरण के तहत 7 नवंबर को मतदान होना है, कुल 1411 उम्मीदवारों ने अपने पर्चे दाखिल किए हैं।
सिंह ने कहा कि इसके अलावा वाल्मीकि नगर लोकसभा सीट के लिए कुल सात नामांकन पत्र दाखिल किए गए हैं। बिहार विधानसभा की 243 सीट के लिए तीन चरणों 28 अक्टूबर, तीन नवंबर और सात नवंबर को मतदान होना है और मतों की गिनती 10 नवंबर को होगी। सिंह ने कहा कि प्रथम चरण के कुल 71 विधान सभाक्षेत्रों के लिए 1066 उम्मीदवार तथा द्वितीय चरण के 94 विधानसभा क्षेत्रों के लिए कुल 1464 उम्मीदवार मैदान में हैं।
चुनाव आयेाग ने चुनाव उम्मीदवारों के लिए व्यय सीमा संशोधित करने के वास्ते कमेटी का गठन किया
चुनाव आयोग ने मतदाताओं की संख्या में वृद्धि और महंगाई बढ़ने के मद्देनजर लोकसभा और विधानसभा चुनावों में उम्मीदवारों के लिए व्यय की सीमा संशोधित करने के मुद्दे पर गौर करने के लिए एक कमेटी का गठन किया है। उम्मीदवारों के लिए व्यय सीमा आखिरी बार 2014 में संशोधित की गयी थी।
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लिए व्यय सीमा 2018 में बढ़ा दी गयी थी। आयोग ने बुधवार को एक बयान में कहा कहा, ‘‘पिछले छह साल में मतदाताओं की संख्या 2019 में 83.4 करोड़ से बढ़कर 91 करोड़ होने और अब इसके बढ़कर 92.1 करोड़ होने के बावजूद सीमा नहीं बढ़ायी गयी।
इस दौरान लागत मुद्रास्फीति सूचकांक भी 220 से बढ़कर 2019 में 280 हो गया और अब यह 301 है। ’’ पूर्व डीजी (जांच) हरीश कुमार और चुनाव आयोग के महासचिव उमेश सिन्हा वाली कमेटी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश में मतदाताओं की संख्या में आए बदलाव और खर्च के संबंध में आकलन करेगी।
यह समिति राजनीतिक दलों और अन्य हितधारकों से राय और सूचनाएं लेगी और खर्च पर असर डालने वाले अन्य पहलुओं पर गौर करेगी । निर्वाचन आयोग ने कहा है कि कमेटी गठन के के चार महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। चुनाव आयोग की सिफारिशों के आधार पर कोविड-19 के कारण उम्मीदवारों को प्रचार करने में आ रही दिक्कतों को देखते हुए सरकार ने सोमवार को मौजूदा व्यय सीमा में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी थी।