Bihar assembly elections 2020: रिटायर अफसर का चाहिए टिकट, पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय कई अधिकारी लगा रहे हैं दौड़
By एस पी सिन्हा | Published: September 30, 2020 05:21 PM2020-09-30T17:21:47+5:302020-09-30T17:21:47+5:30
बिहार में सत्ता का सुख प्राप्त करने वाले अधिकारियों का इतिहास पुराना रहा है. ऐसे में इस बार बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कई पूर्व आइपीएस व पूर्व आइएएस अधिकारी विभिन्न पार्टियों से टिकट पाने की दौड़ लगाने लगे हैं. हाल ही में ही वीआरएस लेकर राजनीति में आये पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय की चर्चा हो रही है.
पटनाः बिहार में अधिकारी के रूप में सुख भोग चुके अवकाश प्राप्त अधिकारियों के बीच अब सत्ता के लिए जी मचलने लगा है. सरकारी सेवा में रहते हुए उनकी कार्यशैली जनता के प्रति चाहे जैसी भी रही हो, पर अब उन्हें सत्ता का सिंहासन दिखाई देने लगा है.
वैसे भी बिहार में सत्ता का सुख प्राप्त करने वाले अधिकारियों का इतिहास पुराना रहा है. ऐसे में इस बार बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कई पूर्व आइपीएस व पूर्व आइएएस अधिकारी विभिन्न पार्टियों से टिकट पाने की दौड़ लगाने लगे हैं. हाल ही में ही वीआरएस लेकर राजनीति में आये पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय की चर्चा हो रही है.
हालांकि, बिहार में गुप्तेश्वर पांडेय अकेले पूर्व आइपीएस अधिकारी नहीं हैं, जिनके चुनाव लड़ने के कयास लगाये जा रहे हैं. इस बार उन्हीं के सहयोगी रहे पूर्व आइपीएस अधिकारी व पूर्व डीजी सुनील कुमार भी जदयू का दामन थाम चुके हैं.
चर्चा यह है कि वह भी इस बार चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे हुए हैं. संभवत: वह भोरे विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. जानकार मानते हैं कि प्रशासनिक अधिकारियों का राजनीति से पुराना नाता रहा है. संसद में जाने की प्रबल इच्छा ऐसी रही कि किसी पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर पूर्व आइपीएस अशोक कुमार गुप्ता ने निर्दलीय ही पटना साहिब से चुनाव लड़ लिया था. तब उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
लेकिन, इस बार वह राजद का दामन थाम चुके हैं. ऐसे में उनके विधानसभा चुनाव लड़ने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है. इसके अलावा डीजीपी रहे केएस द्विवेदी की भी भागलपुर से इस बार चुनाव लड़ने की चर्चा है.
वहीं पूर्व आइएएस अधिकारी राघव शरण पांडेय के बगहा से दोबारा चुनाव लड़ने के कयास लगाये जा रहे हैं. वहीं, ट्रैफिक में काम लेकर चर्चा में आये पुलिस अधिकारी श्रीधर मंडल ने भी राजद का दामन थामा है. वह भी चुनाव लड़ने का मन बनाये हुए हैं और टिकट पाने की जुगत में जुटे बताये जा रहे हैं.
यहां बता दें कि पूर्व आइएएस अधिकारी रहे आरके सिंह आरा लोकसभा सीट के सांसद व केंद्र सरकार में मंत्री भी हैं. इसके अलावे पूर्व आइपीएस ललित विजय सिंह ने भी बेगूसराय से चुनाव लड़ा था. वह भी केंद्र में मंत्री रह चुके हैं. वहीं मीरा कुमार को हराने वाले पूर्व आइएएस मुन्नी लाल भी केंद्र में मंत्री रह चुके हैं.
पूर्व आइपीएस डीपी ओझा भी एक बार माले के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि उन्हें जीत नहीं मिली थी. पूर्व आइपीएस अधिकारी आर लाल विधान परिषद के सदस्य रह चुके हैं. पूर्व आइएएस अधिकारी केपी रमैय्या सासाराम लोकसभा सीट से जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं.
हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, इसके अलावे यशवंत सिन्हा केन्द्र में वित्त मंत्री का पद सुशोभित कर चुके हैं. इस तरह से कई अधिकारी रहे हैं, जो चुनावी ताल ठोकते रहे हैं. इनमें कुछ को सफलता मिली भी तो कुछ को मुंह की खानी पड़ी है.