बिहार चुनाव 2020: इमामगंज में रोचक मुकाबला, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के सामने एक्स विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, जानिए गणित

By भाषा | Published: October 24, 2020 06:47 PM2020-10-24T18:47:44+5:302020-10-24T18:47:44+5:30

इमामगंज विधानसभा सीट, जहां पहले चरण में 28 अक्टूबर को मतदान होना है, कुल दस उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। मुख्य मुकाबला प्रदेश में सत्ताधारी राजग में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा सेक्युलर के उम्मीदवार मांझी, महागठबंधन का नेतृत्व कर रहे राजद के प्रत्याशी चौधरी और लोजपा उम्मीदवार शोभा सिंह के बीच होने की संभावना है।

Bihar assembly elections 2020 gaya Imamganj Assembly seat Jitan Ram Manjhi Uday Narayan Chaudhary nda rjd | बिहार चुनाव 2020: इमामगंज में रोचक मुकाबला, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के सामने एक्स विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, जानिए गणित

मांझी ने 2015 के चुनाव में चौधरी को करीब 30,000 मतों के अंतर से शिकस्त दी थी।

Highlightsपूर्व विधायक की पुत्र वधु भी चुनाव मैदान में है, जिससे इसबार मुकाबला त्रिकोणीय होने की संभावना जतायी जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को चुनाव मैदान में अपने चिर प्रतिद्वंद्वी एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी का सामना करना पड़ रहा है।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कभी विश्वासपात्र रहे मांझी और चौधरी, पहले उनकी पार्टी जद (यू) में थे।

गयाः बिहार के नक्सल प्रभावित गया जिले में इमामगंज विधानसभा सीट (सुरक्षित) पर दूसरी बार कब्जा बरकार रखने के लिए प्रयासरत पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को चुनाव मैदान में अपने चिर प्रतिद्वंद्वी एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी का सामना करना पड़ रहा है।

साथ ही, यहां के एक पूर्व विधायक की पुत्र वधु भी चुनाव मैदान में है, जिससे इसबार मुकाबला त्रिकोणीय होने की संभावना जतायी जा रही है। इमामगंज विधानसभा सीट, जहां पहले चरण में 28 अक्टूबर को मतदान होना है, कुल दस उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। हालांकि, मुख्य मुकाबला प्रदेश में सत्ताधारी राजग में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा सेक्युलर के उम्मीदवार मांझी, महागठबंधन का नेतृत्व कर रहे राजद के प्रत्याशी चौधरी और इस सीट से विधायक रह चुके रामस्वरूप पासवन की पुत्र वधु एवं लोजपा उम्मीदवार शोभा सिंह के बीच होने की संभावना है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कभी विश्वासपात्र रहे मांझी और चौधरी, पहले उनकी पार्टी जद (यू) में थे। मांझी, 20 मई 2014 से 20 फरवरी 2015 तक बिहार के 23वें मुख्यमंत्री रहे थे। फरवरी 2015 के राजनीतिक संकट के बाद मांझी को जदयू से निष्कासित कर दिया गया, जिसके बाद उन्होंने हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सेक्युलर नाम की नई राजनीतिक पार्टी बना ली। मांझी ने 2015 के चुनाव में चौधरी को करीब 30,000 मतों के अंतर से शिकस्त दी थी।

मांझी तब राजग के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे थे, जबकि चौधरी पुराने महागठबंधन के उम्मीदवार थे जिसमें राजद और कांग्रेस के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जद (यू) भी शामिल थी। दलित नेता मांझी ने पिछले बिहार विधानसभा चुनाव में मखदूमपुर विधानसभा सीट के साथ-साथ इमामगंज से भी चुनाव लड़ा था। पर वे मखदूमपुर सीट पर राजद उम्मीदवार सुबेदार दास से पराजित हो गए थे।

वहीं, कभी नीतीश के विश्वासपात्र माने जाने वाले चौधरी ने जदयू के फिर से राजग में शामिल होने पर 2017 में राजद में शामिल हो गए और इसबार राजद के टिकट पर इमामगंज से चुनावी मैदान में हैं। इस बीच, चिराग पासवान की पार्टी लोजपा ने इमामगंज से पूर्व विधायक रामस्वरूप पासवान की पुत्र वधु और गया जिला परिषद की 2006 से 2011 तक पूर्व अध्यक्ष रहीं तथा इमामगंज विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले बांकेबाजार प्रखंड निवासी शोभा सिन्हा को चुनाव मैदान में उतारा है। उल्लेखनीय है कि 2019 की मतदाता सूची के अनुसार इमामगंज निर्वाचन क्षेत्र में कुल 2,87,648 मतदाता हैं, जिनमें महिला मतदाताओं की संख्या 1,36,000 है। 

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