बिहार विधानसभा चुनावः NDA में रार, सीएम नीतीश पर चिराग पासवान छोड़ रहे शब्दबाण, जदयू बेचैन, भाजपा परेशान
By एस पी सिन्हा | Published: July 31, 2020 06:14 PM2020-07-31T18:14:55+5:302020-07-31T18:23:42+5:30
भाजपा के दोनों सहयोगी दल एक दूसरे पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ते. हालात ये हो गये हैं कि चिराग पासवान ने नीतीश कुमार की नाक में दम कर दिया है. चिराग पासवान हर दिन नीतीश सरकार की कार्यशैली और मुख्यमंत्री की नीतियों पर सवाल उठा रहे हैं.
पटनाः बिहार एनडीए में नीतीश कुमार और चिराग पासवान के बीच रिश्तों की कड़वाहट लगातार देखी जा रही है. जदयू और लोजपा भले ही भाजपा के साथ एनडीए में शामिल हों, लेकिन दोनों दलों के बीच पटरी नहीं बैठ रही.
आलम यह है कि भाजपा के दोनों सहयोगी दल एक दूसरे पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ते. हालात ये हो गये हैं कि चिराग पासवान ने नीतीश कुमार की नाक में दम कर दिया है. चिराग पासवान हर दिन नीतीश सरकार की कार्यशैली और मुख्यमंत्री की नीतियों पर सवाल उठा रहे हैं.
लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने एक बार फिर से नीतीश कुमार को पत्र लिखा है
लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने एक बार फिर से नीतीश कुमार को पत्र लिखा है. उन्होंने गुरुवार को भी एक पत्र नीतीश कुमार को लिखा था, जिसमें रामविलास पासवान और कुछ याद पासवान को जान से मारने की धमकी देने वाले व्यक्ति की तरफ से बिहार में राशन और अनाज आपूर्ति को लेकर उठाए गए शिकायतों पर केंद्रित था.
लेकिन अब चिराग पासवान ने सीधे नीतीश कुमार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना शराबबंदी नीति पर सवाल खडे़ कर दिए हैं कि वायरल वीडियो में धमकी देने वाले तक में शराब पी रखी थी. ऐसी खबरें मीडिया के जरिए सामने आई है. ऐसे में सरकार की शराबबंदी नीति पर बडे़ सवाल पैदा हो रहे हैं.
बिहार में अगर शराब बंदी के बावजूद शराब बिक रही है तो फिर इसका क्या मतलब? चिराग पासवान ने कहा है कि शराबबंदी के बावजूद यदि शराब की बिक्री हो रही है और लोग इसका सेवन कर रहे हैं तो यह शराबबंदी के दामों पर प्रश्न खड़ा करती है.
कोई शराब की बिक्री कराता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है?
चिराग पासवान ने कहा कि बिहार में शराबबंदी के बाद भी अगर कोई शराब की बिक्री कराता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है? अगर कार्रवाई होती तो बिहार में शराब की बिक्री नहीं होती. इस तरह से विधानसभा चुनाव के ठीक पहले एनडीए में आइ कड़वाहट भाजपा के लिए भी परेशानी का सबब बनते जा रही है.
नीतीश कुमार को उनके ही अंदाज में जवाब देने वाले चिराग पासवान बेहद आक्रामक रवैया अपना चुके हैं. जदयू और लोजपा के बीच मौजूदा रिश्तों की हकीकत यह है कि जिस तरह तेजस्वी यादव नीतीश कुमार पर हमला बोलते हैं, चिराग भी उसी अंदाज में निशाना साध रहे हैं.
बिहार में कानून व्यवस्था से लेकर शिक्षकों की हड़ताल तक मुद्दे पर नीतीश सरकार को आईना दिखाने वाले चिराग पासवान में गोपालगंज के सत्तर घाट पुल का एप्रोच रोड टूटने के बाद एक बार फिर से सवाल खडे किए थे.
बिहार में करप्शन को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति पर सवाल उठाया था
चिराग ने ट्वीट करते हुए बिहार में करप्शन को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति पर सवाल उठाया था. अप्रोच रोड के टूटने वाली सड़क के साथ चिराग में पूछा था कि '264 करोड की लागत से बने पुल का एक हिस्सा आज ध्वस्त हो गया है.
जनता के पैसे से किया कोई भी कार्य पूरी गुणवत्ता से किया जाना चाहिए था. इस तरह की घटनायें जनता की नजर में जीरो करप्सन पर सवाल उठाती है. लोजपा मांग करती है की उच्च स्तरीय जाँच कर जल्द दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करे. चिराग पासवान के पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी कुछ इसी अंदाज में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल पूछा था.
फेसबुक के तंज पर जवाब देने के लिए नीतीश सरकार ने पहले ही अपने मंत्रियों को मैदान में उतार दिया था लेकिन चिराग पासवान का यह ट्वीट मुख्यमंत्री को बेचैन कर गया. नीतीश खुद समझ नहीं पाए कि वह इस मामले पर कैसे रिएक्ट करें.
जदयू के किसी नेता ने चिराग पासवान के बयान पर पलटवार नहीं किया
हालांकि जदयू के किसी नेता ने चिराग पासवान के बयान पर पलटवार नहीं किया. लेकिन जानकार बताते हैं कि चिराग के हमले के बाद पानी नीतीश कुमार के सिर के ऊपर पहुंच गया है. जानकार सूत्रों की मानें तो चिराग पासवान की शिकायत जदयू ने भाजपा के बडे़ नेताओं से की है.
नीतीश कुमार की तरफ से भाजपा के बडे नेताओं को यह संदेश भिजवा दिया गया है कि चिराग का यह अंदाज अब काबिले बर्दाश्त नहीं है. गठबंधन में रहकर सरकार की खिंचाई और खास तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीतियों पर सीधे-सीधे हमला करना जदयू को कबूल नहीं.
जदयू ने इस मामले में भाजपा के बडे़ नेताओं को हस्तक्षेप करने के लिए कहा है. ऐसे में यह माना जा रहा है कि नीतीश कुमार ने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को यह बता दिया है कि अगर चिराग का रवैया नहीं सुधरा तो आगे विधानसभा चुनाव को लेकर मुश्किल होगी.