बिहार चुनाव में तीसरे मोर्चे की एंट्री! यशवंत सिन्हा ने किया ऐलान, कहा- लोग तय करेंगे हम पहले हैं या तीसरे
By एस पी सिन्हा | Published: June 27, 2020 03:27 PM2020-06-27T15:27:26+5:302020-06-27T15:28:31+5:30
बिहार विधानसभा चुनाव: यशवंत सिन्हा ने तीसरे मोर्चे का ऐलान कर दिया है. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये भी दावा किया कि कई और नेता उनके साथ जुड़ने वाले हैं.
पटना: भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में शुक्रवार को तीसरे मोर्चे का ऐलान कर दिया. अब यशवंत सिन्हाबिहार चुनाव में सक्रिय होकर बिहार की सत्ता पर काबिज होने की चाह में जुट गए हैं. संभावनाओं के तहत यशवंत सिन्हा अब बिहार की सियासत में एंट्री कर सत्ता की शिर्ष पर पहुंचने की जुगाड़ में लगे बताये जा रहे हैं.
इसी कड़ी में यशवंत सिन्हा ने तीसरे मोर्चे की कवायद शुरू कर अपनी जमीन तलाशनी शुरू कर दी है. पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बताया कि प्रदेश की बदहाल स्थिति को देखते हुए वे तीसरे मोर्चे का गठन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह मोर्चा प्रदेश में एनडीए और महागठबंधन का विकल्प बनेगा. हालांकि उन्होंने अभी इस बात का खुलासा नहीं किया कि इस मोर्चे में कौन-कौन शामिल हो रहे हैं और क्या वे खुद चुनावी मैदान में उतरेंगे या नहीं?
'लोग तय करेंगे हम पहले हैं या तीसरे'
यशवंत सिन्हा ने कहा कि विधानसभा चुनाव में तीसरा फ्रंट बनाएंगे. राजनीति में मिलकर हमलोग एक पार्टी बनाएंगे लेकिन यह भविष्य तय करेगा कि हमलोग पहले है या तीसरे हैं. हमलोग मिलकर चुनाव लड़ेंगे. सिन्हा ने कहा कि बिहार की स्थिति क्या है? वह आपके सामने रख रहा हूं. जैसे मानव विकास में 27 साल में निचले स्तर पर है.
सिन्हा ने कहा कि बिहार आज सारे प्रदेशों में गरीब है. हर साल 40 लाख लोग बिहार से पलायन करते हैं, क्योंकि उनको लेकर कोई रोजगार नहीं हैं. स्वास्थ्य व्यवस्था में सबसे नीचले स्तर पर हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में विधि व्यवस्था खत्म है. यहां पर बिना पैसा को कोई ऑफिस में काम नहीं होता है.
यशवंत सिन्हा ने आगे कहा, 'हाल के दिनों में यह देखा गया कि लॉकडाउन के दौरान फंसे लोग कैसे और किस तरह से पैदल अपने गांव आए? यह दुखद था. मैं भी बिहार होने का दर्द झेल चुका हूं, लेकिन यह साबित किया है कि हम सबसे बेहतर है. लेकिन इस बार बिहारी होने के गर्व पर ठेस पहुंचा है. कैसे इस गौरव को वापस लाया जाए. इसको लेकर रणनीति बनानी है.'
'बेहतर बिहार, बदलो बिहार' का नारा
यशवंत सिन्हा ने कहा कि हमारा अभियान बेहतर बिहार बनाने के लेकर है. इस दौरान उन्होंने 'बेहतर बिहार, बदलो बिहार' का नारा दिया. यशवंत सिन्हा ने कहा कि हम बिहार का गौरव फिर से स्थापित करने के लिए आ रहे हैं.
उन्होंने कहा कि प्रदेश की हालत को बदलने व बेहतर बनाने में सरकार की भूमिका होती है. वर्तमान बदहाली के लिए सरकार जिम्मेदार है और हम मिलकर इसे हटायेंगे. यशवंत सिन्हा ने बिहार में रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग, भ्रष्टाचार इत्यादि के मुद्दे को भी उठाया. आगे की रणनीति पर उन्होंने कहा कि बिहार को कैसे बदला जाएगा इसे लेकर विस्तृत जानकारी बाद में दी जाएगी.
उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर कई नेता हमारे साथ हैं. आज केवल चुनाव लड़ने की बात करूंगा. बहुत लोग हमसे संपर्क में हैं. दूसरे दलों के नेता भी हमसे जुड़ सकते हैं. लेकिन यदि कोई शर्त लेकर आएगा तो उसपर विचार किया जाएगा.
वर्चुअल कैंपेनिंग खर्चीली व्यवस्था: यशवंत सिन्हा
चुनाव के लिए वर्चुअल कैंपेनिंग का विरोध करते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा कि यह एक खर्चीली व्यवस्था है. चुनाव आयोग अगर परंपरागत प्रचार को लागू नहीं कर इस जरिये को अनुमति देता है तो गलत होगा. यह धनवान दलों व नेताओं को मदद करेगा और गरीब उम्मीदवारों के लिए यह गलत होगा.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यशवंत सिन्हा के साथ नीतीश कैबिनेट के वरिष्ठ सहयोगी रहे नरेन्द्र सिंह, रेणू कुशवाहा, पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि, देवेन्द्र प्रसाद यादव, जहानाबाद के पूर्व सांसद अरुण कुमार मौजूद रहे. बहरहाल, बिहार चुनाव से ठीक पहले यशवंत सिन्हा ने बिहार की राजनीति की रोशनी में मद्धीम हो चुके नेताओं के भरोसे चुनावी मैदान में उतरने की कोशिश की है. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यशवंत सिन्हा राजनीति के फूंके हुए कारतूसों के जरिए बिहार को बदलने की कोशिश कर रहे हैं.