बिहार चुनाव: जिन्ना विवाद में कूदे रणदीप सुरजेवाला, कहा- मजार पर मत्था टेके बीजेपी के अध्यक्ष और सवाल हमसे पूछे जाते हैं
By एस पी सिन्हा | Published: October 17, 2020 03:12 PM2020-10-17T15:12:24+5:302020-10-17T15:12:24+5:30
Bihar Assembly Election: रणदीप सुरजेवाला ने दरभंगा जिले जाले के कांग्रेस उम्मीदवार पर बीजेपी की ओर से उठाए गए सवाल पर जवाब देते हुए कहा है कि गलत बातें लोगों को असली मुद्दों से भटकाने के लिए फैलाई जा रही है।
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से जिन्ना विवाद शुरू हो चुका है. दरभंगा जिला के जाले के कांग्रेस उम्मीदवार के जिन्ना वादी होने के सवाल पर रणदीप सुरजेवाला इसे पूरी तरह गलत बताया.
सुरजेवाला ने कहा कि एएमयू का अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था कि एएमयू, संसद और मुंबई हाई कोर्ट से जिन्ना की मूर्ति को हटवाया जाए, लेकिन उसका आज तक जवाब नहीं मिला. सुरजेवाला ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि जिन्ना की मजार पर मत्था टेके भाजपा के अध्यक्ष और सवाल हमसे पूछे जा रहे हैं.
बता दें कि मस्कुर उस्मानी को टिकट दिए जाने के बाद से भाजपा और जदयू के नेता लगातार हमलावर बने हुए हैं. वहीं कांग्रेस अपने उम्मीदवार के बचाव में भी अब पूरी तरह से उतर गई हैं। रणदीप सूरजेवाला ने कहा कि पूरा विवाद भाजपा की ओर से किया जा रहा है. टिकट मिलने के बाद बीते 48 घंटे से लगातार नफरत पैदा की जा रही है.
'बीजेपी तीन गठबंधन के साथ चुनाव में उतरी है'
सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा पहले अपने गिरेबां में झांके फिर बात करे. हमारा कोई भी नेता जिन्ना की मजार पर माथा टेक कर कभी नहीं आया.
सुरजेवाला के मुताबिक ‘बिहार में भाजपा का जदयू और लोजपा से अलग-अगल गठबंधन बना हुआ है. बिहार में भाजपा का जदयू के साथ गठबंधन नजर आता है. जबकि, भाजपा और लोजपा के साथ ही भाजपा का गठबंधन असदुद्दीन ओवैसी से भी है.
सुरजेवाला ने कहा कि चुनाव में भाजपा एकसाथ तीन ‘गठगबंधन’ के साथ उतरी है. उन्होंने बिहार चुनाव को दशा बनाम दुर्दशा का चुनाव करार दिया.
सुरजेवाला ने कहा कि ये चुनाव नया रास्ता और नया आसमान बनाम हिन्दू-मुसलमान का चुनाव है. ये चुनाव तेज बनाम फेल तजुर्बे की दुहाई का चुनाव है. ये चुनाव खुद्दारी और तरक्की बनाम बंटवारा और नफरत का चुनाव है.’ खास बात यह कि चुनाव में महागठबंधन के साथ उतरी कांग्रेस ने भाजपा पर अब तक का सबसे बडा हमला किया है.
जिन्ना की विचारधार से जुड़ाव नहीं
सुरजेवाला ने कहा कि जाले के उम्मीदवार उस्मानी का कभी भी जिन्ना के आईडिलाजी से जुडाव नहीं रहा. वो जब अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में थे तब चिठृठी लिख कर जिन्ना की तस्वीर को हटाने की मांग की थी. यह पूरा मुद्दा मुख्य मुद्दों से भटकाने के लिए जदयू और भाजपा कर रही है.
उन्होंने कहा कि जो महागठबंधन को 10 लाख नौकरी देने से रोकना चाहते हैं वो लोग भटकाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि पठानकोट हमले के बाद पाक एजेंसी को भारत आने देती है और सवाल हमसे पूछा जाता है. यह सब आम लोगों को भटकाने के लिए किया जाता है.
उधर, कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल और प्रदेश प्रवक्ता हरखु झा ने गिरिराज सिंह के बयान पर पलटवार किया है. गोहिल ने बिना लालकृष्ण आवाणी का नाम लिए ही कहा है कि भाजपा के बडे नेता ही जिन्ना के समर्थक हैं.
प्रज्ञा ठाकुर का नाम लेकर बीजेपी पर हमला
वहीं, हरखू झा ने कहा है कि लोकसभा चुनाव में भोपाल से मालेगांव कांड की आरोपी प्रज्ञा ठाकुर को उम्मीदवार बनाकर लोकतंत्र के मंदिर लोकसभा में पहुंचाने वाली भाजपा पहले अपनी गिरेबां झांके. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को अपना आदर्श मानने वाले भाजपा नेताओं को बेबुनियाद आरोप लगाने का हक नही हैं.
बता दें कि बिहार में जाले विधानसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार मस्कुर उस्मानी को लेकर कांग्रेस और भाजपा में सियासी घमासान चल रहा है. भाजपा ने कांग्रेस उम्मीदवार पर जिन्ना समर्थक होने का आरोप लगाया है.
भाजपा के वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने दावा किया है कि उस्मानी ने अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र संघ में रहते हुए जिन्ना की तस्वीर लगाई थी. इस यूनिवर्सिटी से जिन्ना की तस्वीर हटाए जाने पर उन्होंने काफी बवाल मचाया था.