बिहार विधानसभा चुनावः आयोग के सामने ढेरों चुनौतियां, कोरोना संक्रमित मरीज पोस्टल बैलेट से कर सकते हैं मतदान, जानिए मामला
By एस पी सिन्हा | Published: July 7, 2020 06:39 PM2020-07-07T18:39:08+5:302020-07-07T18:39:08+5:30
चुनाव अयोग ने यह निर्णय लिया है कि बिहार विधानसभा आम चुनाव 2020 में कोरोना संक्रमित मरीज पोस्टल बैलेट (डाक मतपत्र) से अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे. चुनाव आयोग ने इस संबंध में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 59 के अंतर्गत इसका प्रावधान किया है.
पटनाः कोरोना संक्रमण के बीच पहली बार होने जा रहे बिहार विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों के साथ चुनाव आयोग के सामने ढेरों चुनौतियां हैं. अहम यह है कि दोनों के पास बहुत ज्यादा समय नहीं है.
इस बीच, चुनाव अयोग ने यह निर्णय लिया है कि बिहार विधानसभा आम चुनाव 2020 में कोरोना संक्रमित मरीज पोस्टल बैलेट (डाक मतपत्र) से अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे. चुनाव आयोग ने इस संबंध में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 59 के अंतर्गत इसका प्रावधान किया है.
आयोग ने इस संबंध में किये गए संशोधन के बाद मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी बिहार को निर्देश जारी किया है. इस बीच आयोग सुरक्षित मतदान के सारे विकल्पों पर विचार कर रहा है. आयोग के सामने सबसे बडी चुनौती कंटेनमेंट जोन में चुनाव संपन्न कराने की है.
ईवीएम को वोटरों के दरवाजे तक पहुंचाया भी जा सकता है
ईवीएम को वोटरों के दरवाजे तक पहुंचाया भी जा सकता है. यही नहीं, बूथों तक वोटरों के पहुंचने से लेकर सुरक्षित घर वापसी की व्यवस्था करनी है. इसके लिए बूथों को सैनेटाइज करने, वोटरों के लिए मास्क, थर्मल जांच, ग्लव्स आदि अनिवार्य तो होगा ही, लेकिन उनका वितरण किस तरह और कैसे होगा?
इसपर विचार जारी है. बूथों पर फिजिकल डिस्टेंसिंग और कंटेनमेंट जोन में वोटिंग कराना भी बड़ी चुनौती होगी. ऐसे में आश्चर्य नहीं कि ईवीएम को वोटरों के दरवाजे तक पहुंचाया जाए. कंटेनमेंट जोन में आयोग मतदाताओं के घर तक ईवीएम पहुंचाने के विकल्प पर विचार कर रहा है.
हालांकि, अभी अंतिम रूप से निर्णय नहीं हुआ है. इसके अलावा बैलेट पर मतदान कराने और अन्य विकल्प भी शामिल हैं. आयोग की कोशिश है कि कोई मतदाता अपने मताधिकार के प्रयोग से वंचित नहीं रहे. ऐसे में कोरोना संक्रमित मरीजों को भी वोट देने की अनुमति मिलेगी. कंटेनमेंट जोन में रहने वाले ऐसे मतदाता जो कोरोना संक्रमित नहीं होंगे, उनके लिए अग्रिम मतदान के विकल्प पर विचार किया जा रहा है.
उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, बिहार बैजुनाथ कुमार सिंह ने बताया कि चुनाव आयोग ने पोस्टल बैलेट की सुविधा 65 साल से अधिक उम्र के मतदाताओं और दिव्यांगजनों को भी प्रदान किया है. पूर्व में यह सुविधा 80 साल से अधिक उम्र के मतदाताओं को ही प्राप्त था. झारखंड चुनाव तक पुराने प्रावधान लागू थे. जबकि बिहार चुनाव में अब 65 साल से अधिक उम्र के मतदाता इस अधिकार का प्रयोग कर सकेंगे.
बिहार में 65 साल से अधिक उम्र के करीब 62 लाख मतदाता हैं
प्राप्त जानकारी के अनुसार बिहार में 65 साल से अधिक उम्र के करीब 62 लाख मतदाता हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 60 में बैलेट वोट देने का अधिकार अन्य लोगों को भी प्राप्त है. इनमें विशेष मतदाता, सर्विस वोटर, निर्वाचन कार्य से जुडे़ कर्मी एवं बिना अपराध किये हुए ही जेल में रहने वाले मतदाता के लिए पोस्टल बैलेट की व्यवस्था है.
इस व्यवस्था में एक बार 2019 को संशोधन और अब 2020 में दूसरी बार संशोधन किया गया है. उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि संक्रमित व्यक्ति, 65 साल के अधिक उम्र के मतदाता या दिव्यांग मतदाता को बैलेट पेपर लेने के लिए चुनाव की अधिसूचना जारी होने के 5 दिनों के अंदर फार्म- 12 डी में अपना आवेदन निर्वाची पदाधिकारी (अनुमंडल पदाधिकारी) को देना होगा. उनकी स्वीकृति के बाद ही वे इस सुविधा का उपयोग कर सकेंगे.
आयोग कोराना से बचाव को ध्यान में रखते हुए पोस्टल बैलट (डाक से मत) पर मतदान करने वालों की श्रेणी में व्यापक विस्तार करने की तैयारी में जुटा है. होम क्वारंटाइन या संस्थागत क्वारंटाइन रहने वाले मरीजों को भी इसके जरिए वोट देने की छूट दी जाएगी. वहीं, 65 वर्ष से अधिक उम्र वाले मतदाताओं के घर बैलेट पेपर भेजने की तैयारी है.
हालांकि, जिन लोगों को इस सुविधा का लाभ लेना होगा, उन्हें फार्म 12 डी भरना होगा. पहले यह सुविधा 80 वर्ष या उससे अधिक उम्र वाले मतदाताओं को ही मिल रही थी. अहम यह है कि बदले हुए नियम का लाभ सबसे पहले बिहार के मतदाताओं को मिलेगा. अब कोरोना पीड़ित और कोरोना जैसे लक्षण वालों को भी पोस्टल बैलेट की सुविधा प्रदान की है.