बिहार विधानसभा चुनावः कांग्रेस की बैठक, राहुल गांधी ने की चर्चा, महागठबंधन में सीटों का बंटवारा जल्द हो
By भाषा | Published: July 4, 2020 03:01 PM2020-07-04T15:01:51+5:302020-07-04T15:01:51+5:30
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दल तैयार हो गए हैं। चुनाव में मुख्य मुकाबला यूपीए बनाम एनडीए में है। तेजस्वी यादव ने 15 साल के शासनकाल पर माफी मांगी, वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी बैठक कर हालाल का जायजा लिया।
नई दिल्लीः कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बिहार विधानसभा की तैयारियों के संदर्भ में चर्चा के लिए राज्य इकाई के नेताओं और प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल के साथ बैठक की।
सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी ने बिहार के कांग्रेस नेताओं को अपनी ओर से पूरे सहयोग का भरोसा दिया और कहा कि इस चुनाव में सहयोगी दलों के साथ ‘सकारात्मक एजेंडे’ के साथ जनता के बीच उतरने की जरूरत है।
वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हुई बैठक में शामिल रहे एक नेता ने बताया कि बिहार कांग्रेस के ज्यादातर नेताओं की राय थी कि महागठबंधन में सीटों का बंटवारा जल्द होना चाहिए। बैठक में पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल, प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, वरिष्ठ नेता अखिलेश प्रसाद सिंह और कई अन्य नेता शामिल हुए।
माफी मांगने को लेकर राजग ने साधा तेजस्वी यादव पर निशाना
बिहार में राजद के 15 साल के कार्यकाल में हुईं ‘‘गलतियों’’ को लेकर पार्टी नेता तेजस्वी यादव द्वारा लोगों से माफी मांगे को लेकर राज्य में सत्तारूढ़ जद (यू)-भाजपा गठबंधन ने उन पर निशाना साधा। राज्य में कुछ ही महीनों में होने वाले विधानसभा चुनाव में राजद की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी ने बृहस्पतिवार को कहा था, ‘‘जब पार्टी सत्ता में थी, तब मैं छोटा था। इसके बावजूद, यदि कोई गलती हुई है, तो मैं उसके लिए माफी मांगता हूं।’’
राजग ने इस चुनाव में राजद के 15 साल के कार्यकाल बनाम नीतीश कुमार के 15 साल के कार्यकाल को मुख्य मुद्दा बनाया है। कुमार के 15 साल के कार्यकाल की अवधि में वह समय शामिल नहीं है, जब वह चार साल के लिए भाजपा नीत गठबंधन से अलग हो गए थे। तेजस्वी के माफी मांगने पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कटाक्ष करते हुए कई कटु ट्वीट किए। उन्होंने अपने ट्वीट में लालू प्रसाद के कार्यकाल में बिहार में गरीबी और हिंसा के कारण राज्य की हुई जगहंसाई का संदर्भ दिया है।
अपने शासन के घिनौने रूप को महिमामंडित करते हुए लालूवाद कहा था, वह सच्ची (माफी) नहीं लगती
तेजस्वी यादव का नाम लिए बगैर सुशील मोदी ने लिखा है, ‘‘अगर ऐसे परिवार का कोई सदस्य माफी मांगे जिसने अपने शासन के घिनौने रूप को महिमामंडित करते हुए लालूवाद कहा था, वह सच्ची (माफी) नहीं लगती।’’ सुशील मोदी उन कुछ नेताओं में से हैं जिन्होंने पटना उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर करोड़ों रुपये के चारा घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी।
पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्य विधानसभा में इस समय विपक्ष के नेता तेजस्वी ने इस चुनावी मुद्दे के जवाब में उक्त टिप्पणी की थी। पूर्व मुख्यमंत्रियों लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के बेटे ने नीतीश कुमार के कार्यकाल में उपमुख्यमंत्री के तौर पर अपने करीब दो साल के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘मेरी निगरानी में कोई गलत कार्य नहीं हुआ।’’ कुमार राजद-कांग्रेस गठबंधन से अलग हो गए थे और वह राजग में लौट आए थे।
तेजस्वी यादव ने बृहस्पतिवार को दिए भाषण में रोजगार के अभाव में राज्य से श्रमशक्ति के बड़े स्तर पर पलायन के लिए नीतीश कुमार पर निशाना साधा। जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कुमार के खिलाफ यादव के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बिहार के लोग ‘‘चुनावी मौसम में छवि सुधारने की कोशिशें’’ सफल नहीं होने देंगे।
लोग उस अंधकारमय समय की यादों से अब भी सिहर जाते हैं
प्रसाद ने कहा, ‘‘लोग उस अंधकारमय समय की यादों से अब भी सिहर जाते हैं, जब असामाजिक तत्वों द्वारा जाति के आधार पर लड़ाइयां और फिरौती के लिए अपहरण करना आम बात थी, जिनके सिर पर सत्ता में बैठे लोगों का हाथ था। आम श्रमिकों को ही नहीं, बल्कि चिकित्सकों, इंजीनियरों और अन्य पेशेवरों को अपनी सुरक्षा के लिए भागना पड़ा।’’
भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा, ‘‘जिस प्रकार देश के लोग चीन और पाकिस्तान को भारत विरोधी रुख के लिए और कांग्रेस को सिखों के नरसंहार तथा जम्मू-कश्मीर को बर्बाद करने के लिए कभी माफ नहीं करेंगे, उसी प्रकार राजद को बिहार के लोग कभी माफ नहीं करेंगे।’’
आनंद ने कहा कि तेजस्वी यादव ने ‘‘अपनी पार्टी के 15 साल के कुशासन के समाप्त होने के 15 साल बाद’’ माफी मांगी है। उन्होंने पूछा कि चारा घोटाला मामले में रांची में सजा काट रहे राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कभी कोई माफी क्यों नहीं मांगी।