असदुद्दीन ओवैसी बिहार में लड़ेंगे चुनाव, टेंशन में राजद-कांग्रेस, महागठबंधन को हो सकता है नुकसान

By एस पी सिन्हा | Published: June 12, 2020 10:03 PM2020-06-12T22:03:57+5:302020-06-12T22:03:57+5:30

असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने महागठबंधन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. एआईएमआईएम ने बिहार में सबसे पहले 32 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का एलान करके महागठबंधन की मुश्किलों में इजाफा कर दिया है. 

Bihar Assembly election 2020 Lalu Yadav rjd jdu congress bjp nda Asaduddin Owaisi contest elections tension, grand alliance suffer | असदुद्दीन ओवैसी बिहार में लड़ेंगे चुनाव, टेंशन में राजद-कांग्रेस, महागठबंधन को हो सकता है नुकसान

सीटों की घोषणा के बाद एआईएमआईएम ने दावा किया है कि समान विचारधारा वाले दलों के साथ समझौते का रास्ता वह खोल कर रखेगी. (file photo)

Highlightsसाल भर पहले ओवैसी की पार्टी ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की खाली हुई सीट पर उपचुनाव में बिहार में पहली बार खाता खोलकर अपने इरादे जता दिए थे.ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने यह दावा किया है कि वो बिहार में विधानसभा की 32 सीटों पर चुनाव लडे़गी. ओवैसी की पार्टी ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की खाली हुई सीट पर उपचुनाव में पहली बार खाता खोला था.

पटनाः बिहार में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कोरोना काल में भी पार्टियों ने अपनी राजनीतिक गरिविधियों को तेज कर दिया है. चुनावी मैदान में उतरने के लिए समीकरण भी बनाए जाने लगे हैं.

इस बीच असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने महागठबंधन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. एआईएमआईएम ने बिहार में सबसे पहले 32 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का एलान करके महागठबंधन की मुश्किलों में इजाफा कर दिया है. 

जानकारों की अगर मानें तो ओवैसी के स्टैंड से विधानसभा चुनाव में भाजपा-जदयू की राह आसान हो सकती है क्योंकि उन्होंने जिन सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान किया है, उनमें से दो तिहाई से ज्यादा सीटों पर अभी महागठबंधन का कब्जा है. साल भर पहले ओवैसी की पार्टी ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की खाली हुई सीट पर उपचुनाव में बिहार में पहली बार खाता खोलकर अपने इरादे जता दिए थे.

ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने यह दावा किया है कि वो बिहार में विधानसभा की 32 सीटों पर चुनाव लडे़गी. ओवैसी की पार्टी ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की खाली हुई सीट पर उपचुनाव में पहली बार खाता खोला था. सीटों की घोषणा के बाद एआईएमआईएम ने दावा किया है कि समान विचारधारा वाले दलों के साथ समझौते का रास्ता वह खोल कर रखेगी.

किंतु ऐसे दल कौन-कौन से होंगे? इसका खुलासा नहीं किया गया है. राजग और राजद के 15 साल बनाम 15 साल के नारे से अलग ओवैसी ने बिहार के लिए नया नारा दिया है. 15 साल बनाम 15 साल बनाम 40 साल. मतलब साफ कि भाजपा-जदयू और राजद से एआईएमआईएम की जितनी दूरी रहेगी, उतनी ही दूरी 40 साल तक बिहार में सरकार चलाने वाली कांग्रेस से भी रहेगी.

बिहार में पार्टी के एकमात्र विधायक कमरुल होदा के मुताबिक हमारी लडाई वैसे सारे दलों से है, जिन्होंने अकलियतों को डराकर वोट लिया. इस बार ऐसा नहीं चलने देंगे. एआईएमआईएम ने जिन सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है उनमे से ज्यादा वैसी सीटें हैं, जिन जगहों पर मुस्लिम मतदाता ज्यादा हैं.

एआईएमआईएम की चिह्नित सीटों पर तो मुस्लिम आबादी 40 से 70 फीसद तक है. ऐसे में दिलचस्प यह भी है कि ओवैसी की पार्टी ने पहले चरण में जिन सीटों पर प्रत्याशी उतारने का ऐलान किया है, उनमें से 10 सीटों पर अभी मुस्लिम विधायक हैं. सात राजद, दो कांग्रेस और एक माले के. ऐसे में अगर मुकाबला हुआ तो उक्त सभी सीटों पर ओवैसी को मुस्लिम विधायकों को हराने के लिए ही प्रचार करना पडेगा. ऐसे में राजद और कांग्रेस की परेशानी बढ़ सकती है. 

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