सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, ओबीसी हक़ की उठायी मांग, बिहार चुनाव पर नजर
By शीलेष शर्मा | Published: July 3, 2020 08:34 PM2020-07-03T20:34:35+5:302020-07-03T20:34:35+5:30
सोनिया ने आज जो पत्र मोदी को भेजा उसमें ओ बी सी उम्मीदवारों को मेडिकल प्रवेश में मिलने वाले आरक्षण से जुड़ा है ,उन्होंने केंद्र और राज्यों के अधीन मेडिकल कॉलेजों में इस वर्ग को आरक्षण के आधार पर प्रवेश देने की मांग की है।
नई दिल्लीः बिहार और उत्तर प्रदेश विधान सभाओं के चुनावों को देखते हुये कांग्रेस ने ने अपनी सियासती बिसात बिछानी शुरू कर दी है। पार्टी की नज़र उस वोट बैंक पर है जो वर्षों से उससे दूर चला गया है। सोनिया गांधी का प्रधानमंत्री मोदी को लिखा पत्र इसी ओर इशारा कर रहा है।
सोनिया ने आज जो पत्र मोदी को भेजा उसमें ओ बी सी उम्मीदवारों को मेडिकल प्रवेश में मिलने वाले आरक्षण से जुड़ा है ,उन्होंने केंद्र और राज्यों के अधीन मेडिकल कॉलेजों में इस वर्ग को आरक्षण के आधार पर प्रवेश देने की मांग की है।
चूँकि बिहार में इसी वर्ष चुनाव हैं और वहाँ सरकारी आंकड़ों के अनुसार ओ बी सी की आबादी 37. 8 फ़ीसदी है जबकि अनुसूचित जाति के 64 फ़ीसदी लोग हैं अन्य की आबादी 26. 6 फ़ीसदी है ,चूँकि नितीश का प्रभाव ओ बी सी की 37. 8 फ़ीसदी पर है अतः कांग्रेस इसे तोड़ना चाहती है। उसे पता है कि महागठबंधन को यादव मुस्लिम मत मिलने तय हैं ,यदि ओबीसी भी जुड़ जाये तो नीतीश -भाजपा को हराना बहुत आसान होगा।
प्रियंका गाँधी लंबे समय से ओ बी सी मतदाताओं से लगातार संपर्क में हैं
उत्तर प्रदेश में प्रियंका गाँधी लंबे समय से ओ बी सी मतदाताओं से लगातार संपर्क में हैं ,यह वोट बैंक उनके निशाने पर है,अब जब प्रियंका ने लखनऊ जा कर डेरा डालने का फ़ैसला कर ही लिया है तब समूची कांग्रेस ज़मीन तैयार करने में जुट गयी है। प्रियंका को ओ बी सी वोटों को भाजपा से छीनना है।
इस समय उत्तर प्रदेश में ओ बी सी की आबादी लगभग 35 फ़ीसदी है ,सवर्ण 23 फ़ीसदी, मुस्लिम 19 फ़ीसदी तथा अन्य 19. 7 फ़ीसदी। प्रियंका का मुख्यमंत्री योगी पर ताबड़ तोड़ हमला बताता है कि दिल्ली की कुर्सी का रास्ता जिस राज्य से जाता है, प्रियंका उस रास्ते को भाजपा के लिये बंद कर देना चाहती हैं।
अखिल भारतीय कोटे के तहत ओबीसी छात्रों के लिए आरक्षण सिर्फ केंद्रीय संस्थानों में सीमित होता है।’’ कांग्रेस की शीर्ष नेता ने कहा कि ‘ऑल इंडिया फैडरेशन फॉर अदर बैकवर्ड क्लासेज’ की ओर से एकत्र किए कए आंकड़ों के मुताबिक, राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के मेडिकल शिक्षण संस्थानों में ओबीसी आरक्षण लागू नहीं होने से 2017 के बाद से ओबीसी छात्रों को 11,000 से अधिक सीटें गंवानी पड़ी हैं।’’
उनके अनुसार, राज्य के मेडिकल संस्थानों में ओबीसी आरक्षण नहीं दिया जाना 93वें संवैधानिक संशोधन का उल्लंघन है और इससे योग्य ओबीसी छात्र मेडिकल शिक्षा हासिल करने से वंचित रह जाते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘समता और सामाजिक न्याय के हित में केंद्र सरकार से आग्रह करती हूं कि राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के मेडिकल संस्थानों में भी मेडिकल एवं डेंटल के अखिल भारतीय कोटे के तहत ओबीसी छात्रों को आरक्षण दिया जाए।’’