बद्रीनाथ के खुले कपाट, कांग्रेस बोली- भगवान बीजेपी को भी सद्बुद्धि दें, विधायक खरीदकर सत्ताभूख तो मिटती है, लेकिन लोकतंत्र मर जाता है
By रामदीप मिश्रा | Published: May 15, 2020 02:42 PM2020-05-15T14:42:51+5:302020-05-15T14:42:51+5:30
हर वर्ष बद्रीनाथ के कपाट खुलने के दौरान श्रद्धालुओं से भरा रहने वाला मंदिर का प्रांगण इस बार कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण खाली रहा और मुख्य पुजारी ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी समेत चुनिंदा 11 व्यक्ति ही मौजूद रहे।
भोपालः उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित विश्व प्रसिद्ध बद्रीनाथ धाम के कपाट छह माह के शीतकालीन अवकाश के बाद शुक्रवार (15 मई) तड़के साढ़े चार बजे खोल दिए गए। मंदिर के कपाट ब्रह्म मुहूर्त में धनिष्ठा नक्षत्र में खोले गए हैं। इस कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर हमला बोला है और भगवान से प्रार्थना की है कि उसे सद्बुद्धि दें। साथ ही साथ कोरोना महामारी को भी खत्म करने के लिए प्रार्थना की है।
एमपी कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा, 'भगवान बद्रीनाथ जी के कपाट खुल गए हैं। भगवान से प्रार्थना है इस महामारी को जल्द ही खत्म करें और देश-प्रदेश को खुशहाली का आर्शीवाद दें। बीजेपी को भी सद्बुद्धि दें कि विधायक खरीदकर बीजेपी की सत्ताभूख तो मिट जाती है, पर जनादेश और लोकतंत्र मर जाता है। 'जय बद्री विशाल'।'
आपको बता दें, हर वर्ष कपाट खुलने के दौरान श्रद्धालुओं से भरा रहने वाला मंदिर का प्रांगण इस बार कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण खाली रहा और मुख्य पुजारी ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी समेत चुनिंदा 11 व्यक्ति ही मौजूद रहे। इस दौरान सामाजिक दूरी और मास्क पहनने जैसी सभी जरूरी एहतियाती कदम भी उठाए गए। इस बार सेना के बैंड की सुमधुर ध्वनि और भजन मंडलियों की स्वर लहरियां भी नहीं सुनाई दीं।
भगवान बद्रीनाथ जी के कपाट खुल गये हैं:
— MP Congress (@INCMP) May 15, 2020
भगवान से प्रार्थना है इस महामारी को जल्द ही खत्म करें और देश प्रदेश को खुशहाली का आर्शीवाद दें।
बीजेपी को भी सदबुद्धि दें कि विधायक ख़रीदकर बीजेपी की सत्ताभूख तो मिट जाती है-
—पर जनादेश और लोकतंत्र मर जाता है।
“जय बद्री विशाल” pic.twitter.com/7f1OqPllP1
भगवान विष्णु को समर्पित इस धाम के खुलने के बाद मानवमात्र के रोग-शोक की निवृत्ति, आरोग्यता एवं विश्व कल्याण की कामना की गई। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से भगवान बद्रविशाल की प्रथम पूजा मानवता के कल्याण हेतु संपन्न की गई। मंदिर को 10 क्विंटल गेंदे के फूलों से सजाया गया था जो बिजली की रोशनी से जगमग होकर अनूठी आभा बिखेर रहा था। कपाट खुलने के बाद वेद मंत्रों की ध्वनियों से पूरी बद्रीशपुरी गुंजायमान हो गई।
इस वर्ष कोरोना वायरस महामारी के कहर का प्रभाव उत्तराखंड के चार धामों पर भी पड़ा है। बद्रीनाथ के कपाट खोल दिए गए हैं लेकिन आश्रम, दुकानें, छोटे-बड़े होटल, रेस्तरां और ढाबे बंद है। बद्रीनाथ धाम के कपाट खोले जाने की तिथि भी इस बार कोरोना वायरस के कारण 15 दिन आगे खिसका दी गई थी। पहले कपाट 30 अप्रैल को खोले जाने थे।