इन राज्यों में लोकसभा के साथ ही हो सकते हैं विधानसभा चुनाव
By राजेन्द्र सिंह गुसाईं | Published: January 18, 2019 06:46 PM2019-01-18T18:46:09+5:302019-01-18T18:46:09+5:30
जम्मू कश्मीर विधानसभा का छह साल का निर्धारित कार्यकाल 16 मार्च 2021 तक था, लेकिन बहुमत वाली सरकार के गठन की संभावनायें समाप्त होने के आधार पर इसे नवंबर 2018 में ही भंग कर दिया गया।
आंध्र प्रदेश, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और ओडिशा में लोकसभा चुनाव के साथ-साथ विधानसभा चुनाव भी संपन्न कराए जा सकते हैं। सिक्किम विधानसभा का कार्यकाल आगामी मई तथा आंध्र प्रदेश, ओडिशा और अरुणाचल प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल आगामी जून में पूरा हो रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लोकसभा चुनाव-2019 के लिए तारीखों का ऐलान मार्च के पहले हफ्ते में हो सकता है। चुनाव कितने चरण और किन महीनों में होंगे इस मामले पर इलेक्शन कमीशन जल्द फैसला ले सकता है। चुनाव के चरण सुरक्षा बलों की उपलब्धता और अन्य जरूरतों पर निर्भर करता है।
इस बीच जम्मू कश्मीर विधानसभा भी पिछले साल नवंबर में भंग किए जाने के कारण नई विधानसभा के गठन की छह महीने की निर्धारित अवधि इस साल मई में पूरी होने से पहले चुनाव आयोग के लिए राज्य में चुनाव कराना अनिवार्य है। जम्मू कश्मीर में चुनाव कराने का फैसला हालांकि राज्य में पुख्ता सुरक्षा इंतजामों की पुष्टि पर ही निर्भर है।
जम्मू कश्मीर विधानसभा का छह साल का निर्धारित कार्यकाल 16 मार्च 2021 तक था, लेकिन बहुमत वाली सरकार के गठन की संभावनायें समाप्त होने के आधार पर इसे नवंबर 2018 में ही भंग कर दिया गया।
बता दें कि मौजूदा लोकसभा का कार्यकाल आगामी तीन जून को खत्म होगा। इसके मद्देनजर आयोग ने चुनाव किस महीने में और कितने चरण में कराये जाने हैं, यह तय करने की प्रक्रिया शुरु कर दी है। आयोग ने 2004 में लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की 29 फरवरी को चार चरण में, 2009 में दो मार्च को पांच चरण में और 2014 में पांच मार्च को नौ चरण में कराने की घोषणा की थी। पिछले तीनों लोकसभा चुनाव अप्रैल से मई के दूसरे सप्ताह में संपन्न करा लिये गये।