पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावः सीएम ममता को झटका, पांच विधायक भाजपा में शामिल, मालदा जिला परिषद पर बीजेपी ने किया कब्जा
By सतीश कुमार सिंह | Published: March 8, 2021 05:33 PM2021-03-08T17:33:32+5:302021-03-08T20:03:50+5:30
assembly election 2021: ममता बनर्जी ने शुक्रवार को राज्य में 291 विधानसभा सीटों के लिए पार्टी के उम्मीदवारों की सूची जारी की थी। तृणमूल कांग्रेस के कई विधायक, एक सांसद और कई नेता पहले ही भाजपा में शामिल हो चुके हैं।
assembly election 2021: पश्चिम बंगालविधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बड़ा झटका लगा है। पांच विधायक भाजपा में शामिल हो गए।
पश्चिम बंगाल पार्टी के अध्यक्ष दिलीप घोष, भाजपा नेताओं सुवेंदु अधिकारी और मुकुल रॉय की उपस्थिति में सभी विधायक भाजपा में शामिल हुए। ये विधायक हैं- सोनाली गुहा, दीपेंदु बिस्वास, रवींद्रनाथ भट्टाचार्य, जाटू लाहिड़ी और शीतल कुमार सरदार।
चुनाव में टिकट नहीं मिलने के बाद तृणमूल कांग्रेस के पांच मौजूदा विधायक भाजपा में शामिल हुए। ‘खराब स्वास्थ्य’ का हवाला देकर हबीबपुर सीट से तृणमूल कांग्रेस द्वारा उम्मीदवार बदले जाने के कुछ ही घंटे बाद पार्टी नेता सरला मुर्मू भाजपा में शामिल हो गए।
Kolkata: TMC MLAs Sonali Guha, Dipendu Biswas, Rabindranath Bhattacharya, Jatu Lahiri and TMC candidate from Habibpur Sarala Murmu join BJP in presence of West Bengal party president Dilip Ghosh, BJP leaders Suvendu Adhikari & Mukul Roy #WestBengalElections2021pic.twitter.com/4AtGAHa6H7
— ANI (@ANI) March 8, 2021
38 सदस्यीय मालदा जिला परिषद का भी नियंत्रण
मालदा जिला परिषद का नियंत्रण भी तृणमूल कांग्रेस से छिनकर भाजपा के हाथ में चला गया। चार बार की विधायक एवं दशकों से टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी की करीबी सहयोगी रहीं सोनाली गुहा और सिंगूर आंदोलन का एक प्रमुख चेहरा रहे 80 वर्षीय रवींद्रनाथ भट्टाचार्य भाजपा में शामिल हो गए क्योंकि उन्हें चुनाव में टिकट नहीं दिया गया था।
भाजपा ने साथ ही 38 सदस्यीय मालदा जिला परिषद का भी नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया क्योंकि 22 सदस्यों ने पाला बदल लिया। इस बीच, बांग्ला अभिनेत्री तनुश्री चक्रवर्ती भी भाजपा में शामिल हुईं। राज्य में विधानसभा चुनाव 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच आठ चरणों में होंगे। मतों की गिनती 2 मई को होगी।
चार बार विधायक रहीं सोनाली गुहा
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी की करीबी एवं पार्टी से चार बार विधायक रहीं सोनाली गुहा ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए टिकट नहीं मिलने पर रविवार को कहा था कि वह भाजपा में शामिल होंगी। गुहा ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय ने उनसे यहां हेस्टिंग्स में पार्टी के कार्यालय में आकर भगवा पार्टी में शामिल होने का अनुरोध किया है।
गुहा ने कहा, ‘‘ राजनीतिक शख्सियत होने के चलते मैं एक सम्मानजनक पद की इच्छा रखती हूं।’’ उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल कांग्रेस सांसद अभिषेक बनर्जी के निजी सहायक और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के प्रतिनिधियों ने संपर्क किया था। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस खेमे से किसी ने संपर्क नहीं किया।
भाजपा के साथ चर्चा शुरू कर दी
गुहा ने कहा, ‘‘ मैंने फोन करने वालों से कहा कि मैंने पहले ही भाजपा के साथ चर्चा शुरू कर दी है।’’ उन्होंने कहा कि वह नई पार्टी (भाजपा) के लिए अपना शत-प्रतिशत योगदान देंगी, जिस तरह पूर्व में उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के लिए कार्य किया था।
गुहा ने कहा, ‘‘ मैं इस बार चुनाव नहीं लड़ूंगी लेकिन मैं अपनी नई पार्टी के लिए कार्य करना चाहती हूं। मैंने उन्हें (मुकुल रॉय) कहा कि जहां भी मेरी सेवा की आवश्यकता होगी, मैं प्रचार के लिए जाउंगी।’’ इस बीच, रॉय ने कहा कि गुहा के अलावा तृणमूल कांग्रेस के कई अन्य विधायकों एवं नेताओं ने शुक्रवार की शाम से उनसे संपर्क किया था।
सरला मुर्मू को टिकट नहीं
तृणमूल कांग्रेस ने मालदा जिले के हबीबपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से अपनी उम्मीदवार सरला मुर्मू को बदलकर उनके स्थान पर प्रदीप बास्के को उम्मीदवार बनाने का सोमवार को फैसला किया। यह निर्णय मूर्मू को उनकी पसंदीदा सीट से कथित रूप से उम्मीदवार नहीं बनाए जाने के बाद उनके भाजपा में शामिल हो सकने की अटकलों के बीच लिया गया है।
तृणमूल के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी किसी उम्मीदवार को किसी निर्वाचन क्षेत्र से ‘‘उसकी निजी इच्छा के अनुसार नहीं, बल्कि उसके जीतने की संभावनाओं’’ के आधार पर खड़ा करती है। तृणमूल ने एक बयान जारी करके कहा, ‘‘यह सूचित किया जाता है कि सरला मुर्मू के खराब स्वास्थ्य के कारण मालदा जिले के हबीबपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार बदलना पड़ा।
प्रदीप बास्के इस निर्वाचन क्षेत्र से आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।’’ मुर्मू से इस संबंध में बात नहीं हो सकी। तृणमूल और भाजपा के बीच पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ‘करो या मरो’ के जबरदस्त मुकाबले में किसी उम्मीदवार को बदलने का यह पहला मामला है।
(इनपुट एजेंसी)