असम चुनाव: भाजपा को झटका, टिकट नहीं मिलने से नाराज खनन मंत्री सुम रोंगहांग कांग्रेस में शामिल, दिफु सीट से लड़ेंगे चुनाव
By भाषा | Published: March 7, 2021 08:21 PM2021-03-07T20:21:26+5:302021-03-07T20:24:19+5:30
Assembly Election 2021: प्रदेश की 126 सदस्यीय विधानसभा सीटों के लिये तीन चरणों में - 27 मार्च, एक और छह अप्रैल को मतदान कराये जायेंगे।
Assembly Election 2021: असम विधानसभा चुनाव के लिए टिकट नहीं मिलने से नाराज भाजपा के मंत्री सुम रोंगहांग रविवार को विपक्षी दल कांग्रेस में शामिल हो गए।
सूत्रों का दावा है कि कांग्रेस रोंगहांग को दिफु सीट से मैदान में उतार सकती हैं, जहां से वह विधायक हैं। राज्य के खनन मंत्री रोंगहांग एआईसीसी महासचिव जितेंद्र सिंह और कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष रिपुन बोरा की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए।
मंत्री ने कहा, '' जिस तरह मेरा टिकट काटा गया वो तरीका मुझे पसंद नहीं आया। मैंने पूरी जिम्मेदारी से अपना कर्तव्य निभाया। कुछ लोगों की साजिश के चलते मुझे टिकट नहीं दिया गया।'' उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा गैर-पारदर्शी तरीके से कार्य करती है। रोंगहांग ने कहा, ''मुझे लगता है कि भाजपा में रहकर मैं जनता के लिए कार्य नहीं कर पाऊंगा, इसलिए मैंने भाजपा को छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा है।''
कांग्रेस की 40 उम्मीदवारों की पहली सूची में आधे नये चेहरे
असम में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिये कांग्रेस ने जिन 40 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है, उनमें से आधे प्रत्याशी नये हैं। प्रदेश के टीटाबोर विधानसभा सीट पर उम्मीदवार के नाम को अंतिम रूप देने से पहले पार्टी पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत तरुण गोगोई के परिवार से सलाह-मशविरा करेगी। इस सीट से गोगोई लगातार चार बार विधायक निर्वाचित हुये थे।
प्रदेश में 27 मार्च को पहले चरण में 47 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। कांग्रेस ने शनिवार रात उनमें से 40 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की। पार्टी की पहली सूची में 20 नये चेहरे हैं और छह मौजूदा विधायक हैं। इनमें कांग्रेस विधायक दल के नता देबब्रत सैकिया का नाम भी शामिल है, जो नजीरा से उम्मीदवार बनाये गये हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नजर प्रतिष्ठित टीटाबोर सीट पर है जबकि कांग्रेस इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखना चाहती है। प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके तरुण गोगोई इस सीट से विधायक थे। पिछले साल 23 नवंबर को कोविड के बाद की जटिलताओं के चलते उनका निधन हो गया था। टीटाबोर के अलावा तिनसुकिया, ढकुआखाना, बेहाली, ढिंग एवं बोकाखत सीटों पर तथा एआईयूडीएफ के खाते वाली नौबोइचा सीट पर अभी उम्मीदवारों के नाम की घोषणा बाकी है।
कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने बताया कि इन सीटों के बारे में जल्दी ही निर्णय लिया जायेगा। इनमें से कुछ सीटें गठबंधन के सहयोगी दल को दी जाएंगी। सैकिया के अलावा, जिन विधायकों को फिर से टिकट दिया गया है, उनमें समागुरी से रकीबुल हुसैन, रूपोहीहाट से मो. नुरुल हुदा, मरियानी से रूपज्योति कुर्मी, सरूपथार से रोजलीना तिर्की और दुमदुमा से दोमा दुर्गा भूमिज शामिल हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य रिपुन बोरा गोहपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे, जहां उनकी पत्नी मोनिका बोरा को भाजपा उम्मीदवार ने करीब 30 हजार मतों से पराजित किया था । पार्टी ने चार महिलाओं समेत उन 12 उम्मीदवारों को भी टिकट दिये हैं जो 2016 के विधानसभा चुनावों में कम अंतर से हार गये थे। इनमें जोरहाट से राणा गोस्वामी, थाउरा से सुशांत बरगोहाईं, माहमारा से सूरज दिहिंगिया, बिहपुरिया से भूपेन कुमार बोरा, सूतिया से प्राणेश्वर बसुमतारी, दुलियाजान से ध्रुब गोगोई और टिगखांग से एतुवा मुंडा शामिल हैं।
माजुली सीट पर, पार्टी ने रानोज कुमार पेगु को फिर से टिकट दिया है जिन्होंने 2001 से लगातार तीन बार इसका प्रतिनिधित्व किया था, लेकिन 2016 के चुनावों में मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से 18,000 मतों से हार गए थे। चार महिलाओं को पार्टी ने फिर से उन्हीं विधानसभा सीटों से टिकट दिये हैं जिन पर पिछले चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
इन उम्मीदवारों में नाहरकटिया से प्रणती फुकन, खुमटाई से बिस्मिता गोगोई, टियोक से पल्लब गोगोई और आमगुरी से अंगकिता दत्ता शामिल हैं। पार्टी ने हाल में कांग्रेस में शामिल हुए भाजपा के पूर्व नेता और तेजपुर से सांसद राम प्रसाद सरमा को बरसोला सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। असम में कांग्रेस नीत महागठबंधन में एआईयूडीएफ, बीपीएफ, माकपा, भाकपा और आंचलिक गण मोर्चा शामिल हैं।
द्रमुक ने 25 विधानसभा सीटें, कन्याकुमारी लोकसभा सीट कांग्रेस को दीं
सीटों के बंटवारे को लेकर कई दिनों तक चले विचार-विमर्श के बाद द्रमुक ने अपनी अहम सहयोगी कांग्रेस को रविवार को 25 विधानसभा सीटें और कन्याकुमारी लोकसभा सीट दीं। द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन और तमिलनाडु कांग्रेस समिति प्रमुख के एस अलागिरी ने छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे को लेकर यहां द्रमुक मुख्यालय ‘अन्ना अरिवालयम’ में समझौते पर हस्ताक्षर किए। कई दिनों तक विचार-विमर्श के बाद, शनिवार देर रात समझौते पर सहमति बनी।
कांग्रेस नेता एवं पार्टी की तमिलनाडु इकाई के प्रभारी दिनेश गुंडु राव ने कहा कि जब देश भाजपा से ‘खतरे’ का सामना कर रहा है, ऐसे में ‘‘सहयोग की भावना’’ के तहत समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। राव और अलागिरी ने स्टालिन से शनिवार रात यहां उनके आवास पर मुलाकात की और कहा कि समझौते पर रविवार को हस्ताक्षर होंगे, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया था कि कितने सीटें आवंटित की गई हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या वह सहयोगी दल द्वारा आवंटित सीटों की संख्या से संतुष्ट हैं, राव ने कहा कि उनका एकमात्र लक्ष्य द्रमुक नीत धर्मनिरपेक्ष मोर्चे की जीत सुनिश्चित करना है।
राव ने कहा, ‘‘समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद हमें संतुष्ट होना होगा, क्योंकि काफी विचार-विमर्श के बाद यह समझौता किया गया है। हमारा एकमात्र लक्ष्य यह है कि धर्मनिरपेक्ष मोर्चे की जीत हो।’’ उन्होंने कहा, ‘‘संतुष्ट एवं असंतुष्ट होने का समय पूरा हो गया है। अब हम युद्धक्षेत्र में हैं। हमें अपने विपक्षियों से मुकाबला करना होगा।’’ उन्होंने कहा कि द्रमुक का प्रस्ताव स्वीकार करने का निर्णय सभी वरिष्ठ नेताओं एवं आला कमान से विचार-विमर्श के बाद लिया गया और ‘‘इस मामले पर हमारी पार्टी के भीतर कोई मतभेद नहीं है’’।
राव ने कहा कि कांग्रेस हमेशा लोकतांत्रिक सिद्धांतों के साथ खड़ी होती है। उन्होंने तमिलनाडु एवं पुडुचेरी में अपने मोर्चे की जीत का भरोसा जताया। कन्याकुमारी लोकसभा सीट से 2019 में निर्वाचित एच वसंतकुमार के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव अनिवार्य हो गया है।
वसंतकुमार का कोविड-19 के कारण निधन हो गया था। द्रमुक ने अब तक अपने सहयोगियों को 48 सीटें दी हैं। कांग्रेस को 25, एमडीएमके, विदुथलाई चिरुथिगाल काची (वीसीके) और माकपा को छह-छह सीटें, आईयूएमएल को तीन और मनिठान्या मक्कल काची को दो सीटें दी गई हैं।