ओवैसी का मोदी सरकार पर हमला, दिल्ली में नहीं, चीन को रोकने के लिए लद्दाख में कीलें लगानी चाहिए थी
By अनुराग आनंद | Published: February 8, 2021 07:45 AM2021-02-08T07:45:34+5:302021-02-08T07:49:44+5:30
AIMIM चीफ ने असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि राजधानी दिल्ली में कीलें लगाने के बदले सरकार को यही कदम चीन की आक्रमकता को रोकने के लिए लद्दाख में उठाना चाहिए था।
अहमदाबाद: एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि देश की राजधानी में हो रहे किसान आंदोलन को रोकने के लिए दिल्ली में राजमार्ग को खोदने और कीलें लगाने के बदले सरकार को यही कदम चीन की आक्रमकता को रोकने के लिए लद्दाख में उठाना चाहिए था।
ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वह किसानों की ‘मन की बात’ को सुनें। उनका इशारा प्रधानमंत्री के मासिक रेडियो संबोधन की ओर था। यहां उन्होंने एक रैली में कहा, ‘‘अगर आपने लद्दाख में कीलें लगांई होती तो चीनी सैनिक भारत में नहीं घुसे होते।
'आपने लद्दाख में कीलें नहीं लगाई, जहां भारतीय सेना के 18 जवान शहीद हो गए'
आपने लद्दाख में कीलें नहीं लगाई, जहां भारतीय सेना के 18 जवान शहीद हो गए। अगर आपका सीना 56 इंच का होता तो आप चीन को सबक सीखा चुके होते।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मोदीजी ने एक बार भी चीन का नाम तक नहीं लिया। वह सभी लोगों का और सभी चीजों का नाम लेंगे लेकिन चीन का नहीं।’’
कृषि कानून भारत के संविधान के खिलाफ है क्योंकि कृषि राज्य का विषय है-
ओवैसी ने आरोप लगाया कि तीन कृषि कानून भारत के संविधान के खिलाफ है क्योंकि कृषि राज्य का विषय है इसलिए ऐसे में केंद्र का राज्य के विषय में कानून बनाने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि इस कानून का विरोध कर रहे किसानों को खालिस्तानी कहा जा रहा है और आदिवासी-दलितों को नक्सली और मुस्लिमों को जिहादी बताया गया।
(एजेंसी इनपुट)