चीन ने कहा, लद्दाख में तनाव बढ़ाने के लिए भारत जिम्मेदार, ओवैसी बोले- क्या पीएम मोदी लद्दाख पर नहीं बोल सकते?
By पल्लवी कुमारी | Published: September 6, 2020 11:06 AM2020-09-06T11:06:49+5:302020-09-06T11:06:49+5:30
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगही ने भारत-चीन सीमा क्षेत्र के साथ भारत-चीन संबंधों पर खुलकर शुक्रवार (4 सितंबर) और गहन चर्चा की है।
नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगही ने मास्को में बैठक की। अब इस बैठक को लेकर AIMIM प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि लद्दाख में चीन द्वारा कब्जाई गई 1000 वर्ग किलोमीटर जगह पर बोलने के लिए क्या पीएम मोदी के पास वक्त नहीं है, क्या वह मोर के साथ खेलने में इतने व्यस्त हैं?
सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट किया,"मास्को में हुई द्विपक्षीय बातचीत के बाद चीन के रक्षा मंत्री के बयान जारी करने के 8 घंटे बाद भी हमारी सरकार की ओर से कोई बयान नहीं आया है। क्या हमारे प्रधानमंत्री अपने महल के बगीचे में मोरों के साथ खेलने में इतने व्यस्त हैं कि उनके पास लद्दाख में चीन द्वारा कब्जाई गई 1000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर बोलने के लिए वक्त नहीं है?"
सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने यह ट्वीट 5 सितंबर को किया।8 hours after the Chinese defence minister issued a statement after bilateral talks in Moscow, we still don't have a statement from our government. Is our PM busy playing with peacocks in his palatial garden to not have time for 1000 sq km lost to China in Ladakh?@rajnathsingh
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 5, 2020
बैठक के बाद जानें चीन के क्या दिया था बयान
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीनी रक्षा मंत्री वेई फेंगही के बीच रूस में शुक्रवार को बैठक हुई। बैठक के बाद चीन की ओर से शनिवार (5 सितंबर) को बयान जारी किया गया। चीनी सरकार ने बयान में आरोप लगाया है कि लद्दाख में तनाव बढ़ाने के लिए भारत "पूरी तरह" से जिम्मेदार है। चीन ने यह भी कहा कि चीन अपनी एक इंच जमीन भी नहीं छोड़ सकता है।
इसी बयान को लेकर सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी से जवाब मांगा है। असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि क्या पीएम मोदी भारत की क्या स्थिति है चीन के इस बयान पर इसको स्पष्ट नहीं करना चाहिए।