कृषि संबंधी बिल पास होते ही पीएम मोदी ने कहा- अन्नदाताओं को बिचौलियों से आजादी मिली है, किसानों की समृद्धि सुनिश्चित होगी

By अनुराग आनंद | Published: September 20, 2020 03:52 PM2020-09-20T15:52:49+5:302020-09-20T15:52:49+5:30

पीएम नरेंद्र मोदी ने कृषि संबंधी बिल पास होने पर कहा कि यह न केवल कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन लाएगा, बल्कि इससे करोड़ों किसान सशक्त होंगे।

As soon as the agriculture bill was passed, PM Modi said - Annadata have got freedom from middlemen, farmers' prosperity will be ensured | कृषि संबंधी बिल पास होते ही पीएम मोदी ने कहा- अन्नदाताओं को बिचौलियों से आजादी मिली है, किसानों की समृद्धि सुनिश्चित होगी

नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

Highlightsकांग्रेस सांसद ने कहा इन बिलों पर सहमति किसानों के डेथ वारंट पर हस्ताक्षर करने जैसा होगा और कांग्रेस ये नहीं करेगी। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य समाप्त करने और कार्पोरेट जगत को फायदा पहुंचाने के लिए दोनों बिल लाई है। राज्यसभा में कृषि संबंधित दो बिल ध्वनि मत से पास हुए हैं। उच्च सदन में दोनों बिल पर चर्चा के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने जवाब दिया।

नई दिल्ली: लोकसभा के बाद राज्यसभा में आज (रविवार) कृषि संबंधी बिल पास हो गया है। विपक्ष के भारी हो-हंगामे के बीच कृषि संबंधी विधेयक को पास होने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के कृषि इतिहास में आज एक बड़ा दिन है। संसद में अहम विधेयकों के पारित होने पर मैं अपने परिश्रमी अन्नदाताओं को बधाई देता हूं।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह न केवल कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन लाएगा, बल्कि इससे करोड़ों किसान सशक्त होंगे।

उन्होंने कहा कि दशकों तक हमारे किसान भाई-बहन कई प्रकार के बंधनों में जकड़े हुए थे और उन्हें बिचौलियों का सामना करना पड़ता था। संसद में पारित विधेयकों से अन्नदाताओं को इन सबसे आजादी मिली है। इससे किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयासों को बल मिलेगा और उनकी समृद्धि सुनिश्चित होगी।

कृषि क्षेत्र को आधुनिकतम तकनीक की तत्काल जरूरत: पीएम

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे कृषि क्षेत्र को आधुनिकतम तकनीक की तत्काल जरूरत है, क्योंकि इससे मेहनतकश किसानों को मदद मिलेगी। अब इन बिलों के पास होने से हमारे किसानों की पहुंच भविष्य की टेक्नोलॉजी तक आसान होगी। इससे न केवल उपज बढ़ेगी, बल्कि बेहतर परिणाम सामने आएंगे। यह एक स्वागत योग्य कदम है।

उन्होंने इस मामले में आगे कहा कि मैं पहले भी कहा चुका हूं और एक बार फिर कहता हूं। MSP की व्यवस्था जारी रहेगी। सरकारी खरीद जारी रहेगी। हम यहां अपने किसानों की सेवा के लिए हैं। हम अन्नदाताओं की सहायता के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे और उनकी आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित करेंगे।

विपक्ष ने रूल बुक फाड़ी व माइक तोड़ा

राज्यसभा में भारी हो-हंगामे के बावजूद नरेंद्र मोदी सरकार ने कृषि बिल को पास करा लिया है। खबर है कि सदन में इस बिल पर बहस के दौरान विपक्ष ने विरोध किया। यही नहीं विपक्षी संसदों ने रूल बुक फाड़ते हुए अपना विरोध जताया और उपसभापति की माइक तक तोड़ दी गई। 

बता दें कि राज्यसभा में कृषि संबंधित दो बिल ध्वनि मत से पास हुए हैं। उच्च सदन में दोनों बिल पर चर्चा के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने जवाब दिया। नरेंद्र सिंह तोमर के जवाब देने के दौरान विपक्ष के सांसदों ने जोरदार हंगामा किया। सांसदों ने हंगामा उसभापति के फैसले पर किया।

ऐसा इसलिए क्योंकि सभापति ने सदन को एक बजे समाप्त करने के बजाय विधेयक पारित होने तक सदन की कार्यवाही चालू रखने का फैसला किया। बिल पास होने के बाद कल सुबह तक के लिए सदन की कार्रवाई स्थगित कर दी गई है।

कार्पोरेट जगत को फायदा पहुंचाने वाली है दोनों नए कृषि विधेयक

राज्यसभा में रविवार को कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) समाप्त करने और कार्पोरेट जगत को फायदा पहुंचाने के लिए दोनों नए कृषि विधेयक लेकर आयी है।

हालांकि सरकार ने इसका खंडन करते हुए कहा कि किसानों को बाजार का विकल्प और उनकी फसलों को बेहतर कीमत दिलाने के उद्देश्य से ये विधेयक लाए गए हैं। राज्यसभा में कांग्रेस के प्रताप सिंह बाजवा ने आरोप लगाया कि दोनों विधेयक किसानों की आत्मा पर चोट हैं, यह गलत तरीके से तैयार किए गए हैं तथा गलत समय पर पेश किए गए हैं।

'बिल पर सहमति किसानों के डेथ वारंट पर साइन जैसा'

उन्होंने कहा इन बिलों पर सहमति किसानों के डेथ वारंट पर हस्ताक्षर करने जैसा होगा और कांग्रेस ये नहीं करेगी। साथ ही बाजवा ने कहा कि अभी हर दिन कोरोना वायरस के हजारों मामले सामने आ रहे हैं और सीमा पर चीन के साथ तनाव है। बाजवा ने आरोप लगाया कि सरकार का इरादा एमएसपी को खत्म करने का और कार्पोरेट जगत को बढ़ावा देने का है।

बाजवा ने सवाल किया कि क्या सरकार ने नए कदम उठाने के पहले किसान संगठनों से बातचीत की थी ? उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों विधेयक देश के संघीय ढांचे के साथ भी खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि जिन्हें आप फायदा देना चाहते हैं, वे इसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। ऐसे में नए कानूनों की जरूरत क्या है। उन्होंने कहा कि देश के किसान अब अनपढ़ नहीं हैं और वह सरकार के कदम को समझते हैं।

Web Title: As soon as the agriculture bill was passed, PM Modi said - Annadata have got freedom from middlemen, farmers' prosperity will be ensured

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