अरुणाचल प्रदेश राज्य चुनाव आयोगः पंचायत इलेक्शन कराने की तैयारी, मई 2018 से लंबित
By भाषा | Published: September 4, 2020 07:07 PM2020-09-04T19:07:37+5:302020-09-04T19:07:37+5:30
राज्य चुनाव आयोग मई 2018 से लंबित चुनाव को इस साल मार्च-अप्रैल में कराने की तैयारी में था लेकिन कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के चलते देरी हुई।
ईटानगरः अरुणाचल प्रदेश राज्य चुनाव आयोग काफी समय से लंबित पंचायत चुनाव कराने की तैयारी में है और आगे बढ़ने के लिए राज्य सरकार की मंजूरी का इंतजार कर रहा है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य चुनाव आयोग मई 2018 से लंबित चुनाव को इस साल मार्च-अप्रैल में कराने की तैयारी में था लेकिन कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के चलते देरी हुई।
राज्य चुनाव आयुक्त हेग कोजीन ने कहा, '' राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, राज्य सरकार के अधिकारियों और चिकित्सा पेशेवरों समेत सभी पक्षकारों के सुझावों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया कि कोविड-19 के हालात में सुधार होने के बाद ही चुनाव कराए जाएं।''
अरुणाचल प्रदेश में कोविड-19 के 148 नए मामले, संक्रमितों की संख्या 4,360 हुई
अरुणाचल प्रदेश में बृहस्पतिवार को कोविड-19 के 148 नए मामले सामने आए हैं, जिनमें सुरक्षा बल के 47 जवान शामिल हैं। वहीं नए संक्रमितों में दो स्वास्थ्यकर्मी भी हैं। राज्य निगरानी अधिकारी डॉक्टर एल जाम्पा ने कहा कि नए मामलों में से 31 राजधानी परिसर क्षेत्र से सामने आए हैं।
वहीं तिरप से 28, लेपरदा में 20, पश्चिमी सियांग से 18, तवांग से 14, पापुमपारे और पश्चिमी कामेंग जिले से छह-छह मामले सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि पांच नए मामले ऊपरी सुबनसिरि, चार मामले चांगलांग, पूर्वी सियांग से तीन, नामसाई, निम्न दिबांग घाटी, लोंगडिंग, कुरूंग कुमे और लोहित से दो-दो मामले सामने आए हैं।
वहीं ऊपरी सियांग, निम्न सुबनसिरि और निम्न सियांग जिले से एक-एक मामले सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि पांच को छोड़कर बाकी किसीमें भी संक्रमण के लक्षण नहीं हैं। इन सभी को कोविड स्वास्थ्य केंद्र में भेजा गया है। जाम्पा ने कहा, ‘‘ नए मरीजों में 47 सुरक्षा बल के जवान हैं।
वहीं सीमा सड़क संगठन के 26 कर्मी और दो स्वास्थ्यकर्मी हैं।’’ उन्होंने बताया कि इस बीमारी से 96 और लोग स्वस्थ हो गए हैं और उन्हें बुधवार को अस्पताल से छुट्टी मिल गई। अरुणाचल प्रदेश में अब 1,278 लोगों का इलाज चल रहा है। अब तक 3,075 लोग स्वस्थ हो चुके हैं और सात लोगों की मौत हो चुकी है।