साढ़े चार साल तक BJP सांसद बने रहे बैठकों में मूक दर्शक, विधानसभा चुनाव के परिणाम देख शाह को आई उनकी याद! 

By रामदीप मिश्रा | Published: December 25, 2018 07:11 PM2018-12-25T19:11:58+5:302018-12-25T19:12:37+5:30

बीजेपी प्रमुख 20 दिसंबर से सांसदों से मिल रहे हैं। वह अब तक हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड और दिल्ली जैसे राज्यों के सांसदों से मिल चुके हैं।

Amit Shah has been meeting MPs and their suggestions would not be part of 2019 lok sabha polls strategy | साढ़े चार साल तक BJP सांसद बने रहे बैठकों में मूक दर्शक, विधानसभा चुनाव के परिणाम देख शाह को आई उनकी याद! 

साढ़े चार साल तक BJP सांसद बने रहे बैठकों में मूक दर्शक, विधानसभा चुनाव के परिणाम देख शाह को आई उनकी याद! 

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह इस महीने आए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के परिणामों के बाद और पार्टी को मिली करारी हार के बाद नई रणनीति बनाने में जुटे हैं। वे इस दौरान पार्टी के सांसदों से मिल रहे हैं। हालांकि उनके इस प्रयास को पार्टी सांसद विफल बता रहे हैं क्योंकि उनका है कि अब बहुत देर हो चुकी है। 

दरअसल, बीजेपी प्रमुख 20 दिसंबर से सांसदों से मिल रहे हैं। वह अब तक हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड और दिल्ली जैसे राज्यों के सांसदों से मिल चुके हैं। वहीं, वह 4 जनवरी तक सांसदों से मिलेंगे। शाह बैठकों में बोलने में बहुत कम समय खर्च करते हैं। साथ ही साथ सांसद की शिकायतों को सुनने और आगामी 2019 लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी की चुनावी रणनीति के लिए सुझाव देने के लिए कहते हैं।

द प्रिंट के मुताबिक, हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में पराजय होने के बाद कई सांसदों को कम से कम शाह में अपेक्षित बदलाव नजर आया है। हालांकि उन्हें यह भी लगता है कि उनके सुझावों को पार्टी की रणनीति में शामिल नहीं किया जा सकता और शाह का उनके पास पहुंचने की कोशिश केवल प्रकाश में आने के अलावा कुछ नहीं है।

बीजेपी के एक वरिष्ठ सांसद नाम न छापने की शर्त पर कहा कि हमें (सांसदों को) बोलने के लिए कहा गया है ताकि हम शिकायत न कर सकें कि हमें सुना नहीं गया। बीजेपी के आलाकमान द्वारा पार्टी के मामलों में सांसदों को शामिल करने का यह अहसास बहुत देर से हुआ है और मुझे अभी भी यकीन नहीं है कि इसका कोई मतलब होगा।

रिपोर्ट में बताया गया है कि पहली बैठक में मौजूद एक अन्य वरिष्ठ सांसद ने कहा कि बीते सप्ताह कुछ सांसदों ने अपनी बात कही है।  क्योंकि वे साढ़े चार साल तक बैठकों में मूक श्रोताओं की भूमिका निभाते रहे हैं, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी प्रमुख अमित शाह मुख्य वक्ता रहे हैं। पार्टी आलाकमान जानता है कि उन्होंने हम में से अधिकांश की राय को नहीं सुना है और हमने साढ़े चार साल की अवधि में सुनना सीखा है, लेकिन बोलना नहीं सीखा है।

Web Title: Amit Shah has been meeting MPs and their suggestions would not be part of 2019 lok sabha polls strategy

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