कृषि बिलः भाजपा का कांग्रेस पर निशाना, सतीश पूनिया बोले- अपना 2019 का घोषणा पत्र पढ़ लीजिए
By धीरेंद्र जैन | Published: September 30, 2020 09:23 PM2020-09-30T21:23:43+5:302020-09-30T21:23:43+5:30
किसान बिल का विरोध करने से पूर्व कांग्रेस नेता अपने 2019 के लोकसभा घोषणा पत्र को पढ़ लेते, जिस घोषणापत्र के पृष्ठ संख्या 17 के 11वें और 21वें बिंदु में इन दोनों बिलों की हामी भरी गई है। अब यह यू टर्न लेने की आवश्यकता कहां पड़ रही है। अथवा कांग्रेस, सोनिया गांधी, मुख्यमंत्री और डोटासरा जी सभी झूठे हैं।
जयपुरः राजस्थान में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने आज कृषि बिल को लेकर सोशल मीडिया के जरिए लोगों को संबोधित करते हुए कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा।
कहा कि किसान बिल का विरोध करने से पूर्व कांग्रेस नेता अपने 2019 के लोकसभा घोषणा पत्र को पढ़ लेते, जिस घोषणापत्र के पृष्ठ संख्या 17 के 11वें और 21वें बिंदु में इन दोनों बिलों की हामी भरी गई है। अब यह यू टर्न लेने की आवश्यकता कहां पड़ रही है। अथवा कांग्रेस, सोनिया गांधी, मुख्यमंत्री और डोटासरा जी सभी झूठे हैं।
सोशल मीडिया पर सतीश पूनिया ने कहा कि केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार में किसानों के कल्याण के लिए तीन विधेयक आए। जिनके द्वारा किसानों की तकदीर बदल सके लेकिन अफसोस हुआ कि कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने राज्य की सरकारों को कहा है कि इसका विरोध करें। इससे यही लग रहा है कि सोनिया गांधी नहीं चाहती है कि देश के किसानों का कल्याण हो और वे अपनी आय को दोगुना कर पाएं।
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि कांग्रेस सत्ता से बाहर रहने की आदी है। एक परिवार की है। 1885 की पार्टी जो देश पर राज करती थी। आज रीजनल पार्टियों से भी नीचे आ गई है। पार्टी की मान्यता खत्म होने का खतरा मंडरा रहा है। नेतृत्व की दिशाहीनता है। मुद्दे खत्म हो गए। कई बार लगता है कि वंश की तारीफ करते-करते किसी फिल्म के गाने की तरह हो गई कि मुन्नी बदनाम हुई डार्लिंग तेरे लिए। केवल एक वंश के लिए अपनी नीतियों को नकार दिया। ऐसी कांग्रेस पार्टी देश का भला नहीं कर सकती। जो 55 सालों से लूट और झूठ का खेल खेलती रही।
कोरोना के कहर के बीच हम सभी नियमों का पालन करते हुए हल्ला भी बोलेंगे। कांग्रेस पार्टी की पोल भी खोलेंगे। कल से पूरे देश में धान की फसल की एमएसपी पर खरीद शुरू हो गई है। जो विरोधियों के चेहरे पर तमाचा है। राजस्थान की सरकार भी प्रस्ताव भेज रही है। जिसमें मूंगफली, मूंग, उदड़ और सोयाबीन की खरीद का प्रस्ताव भेजा है।
जिस पर भारत सरकार ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर इसे खरीदेंगे। पूनिया ने कहा कि कांग्रेस की मनमोहन सरकार में कृषि बजट 12 हजार करोड़ था। वहीं, आज यह बजट 1 लाख 34 हजार करोड़ रुपए है। पहले प्रधानमंत्री राजीव गांधी बोलते थे कि 1 रुपया भेजते हैं तो किसान के पास 15 पैसे पहुंचते हैं। जबकि मोदी सरकार में अब 92 हजार करोड़ रुपए सीधी किसानों के खाते में गए।
कृषि बिल में संशोधन के लिए अध्यादेश लाएंगे- गहलोत
केन्द्रीय कृषि कानूनो को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा कांग्रेस शासित राज्यों को लिखे गये पत्र के बाद राजस्थान में अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार भी सक्रिय हो गई है और इन कानूनों में संशोधन के लिए मार्ग तलाश रही है। मुख्यमंत्री कार्यालय में हुए एक बैठक से ये बात निकलकर आई है कि कांग्रेस सरकार इन कानूनों में बदलाव के लिए अध्यादेश ला सकती है।
सोनिया गांधी ने कांग्रेस शासित राज्यों को लिखे पत्र मंे कहा है कि कृषि राज्य का विषय है और राज्य सरकारों को इसमें संशोधन करने के लिए विचार करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि बिहार चुनाव से पूर्व कांग्रेस ने इस कांग्रेस ने इन कृषि कानूनों को बड़ा मुद्दा बना लिया है और देश भर में कांग्रेस शासित राज्य इन्हें वापस लेने की मांग पर विरोध पखवाड़ा मना रहे हैं।
राजस्थान में भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने इन कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर राज्यपाल को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है। वहीं 2 अक्टूबर को प्रदेश भर में इन कानूनों के विरोध में विरोेध प्रदर्शन आयोजित किये जाएंगे।