डिप्टी सीएम पद से छीने जाने के बाद सचिन पायलट ने समर्थकों से कहा- राम राम सा, मेरे समर्थन के लिए आपका आभार..
By अनुराग आनंद | Published: July 14, 2020 07:37 PM2020-07-14T19:37:18+5:302020-07-14T19:37:18+5:30
राजस्थान में जारी सियासी ड्रामे के बीच सचिन पायलट को राजस्थान में उप-मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया है। इसकी घोषणा कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने की है।
जयपुर: राजस्थान में जारी सियासी ड्रामे के बीच सचिन पायलट को राजस्थान में उप-मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया है। पालट गुट के तीन मंत्री से भी मंत्रालय छीन लिया गया है। इस घोषणा से ठीक पहले राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने राज्यपाल से जाकर उनके आवास पर मुलाकात की। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, डिप्टी सीएम सचिन पायलट व तीन मंत्रियों को पद से हटाने के प्रस्ताव को राज्यपाल ने स्वीकार कर लिया।
वहीं, अब सचिन पायलट ने एक और ट्वीट कर अपने समर्थकों से कहा है कि आज मेरे समर्थन में जो भी सामने आए हैं, उन सभी को मेरा हार्दिक धन्यवाद और आभार। इसके साथ ही सचिन पायलट ने राजस्थानी में राम राम सा कहकर अभिवादन भी किया है। इससे पहले भी एक ट्वीट कर पायलट ने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं।
My heartfelt thanks and gratitude to all those who have come out in my support today.
— Sachin Pilot (@SachinPilot) July 14, 2020
राम राम सा !
महज भाजपा के हाथ में खेल रहे हैं पायलट : गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि बगावत करने वाले सचिन पायलट के हाथ में कुछ नहीं है और वे केवल भाजपा के हाथ में खेल रहे हैं। राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात करने के बाद गहलोत ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा मध्य प्रदेश के खेल को राजस्थान में भी दोहराना चाहती थी और 'यह सब' पिछले छह महीने से चल रहा था।
गहलोत ने कहा कि पायलट व उनके साथ गए अन्य मंत्रियों, विधायकों को मौका दिया गया, लेकिन वे न तो सोमवार को और न ही मंगलवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में आए। गहलोत ने कहा, “सचिन पायलट के हाथ में कुछ भी नहीं हैं। वह तो केवल भाजपा के हाथ में खेल रहे हैं ...जो रिसॉर्ट सहित बाकी सारे बंदोबस्त करने में जुटी है।”
उन्होंने कहा कि पिछले छह महीने से राज्य में विधायकों की खरीद फरोख्त के प्रयास चल रहे थे। पायलट सहित तीन मंत्रियों को उनके पदों से हटाए जाने के फैसले की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी ने मजबूर होकर यह फैसला किया है। गहलोत ने कहा, “आज के फैसले से कोई खुश नहीं है, न पार्टी, न आलाकमान।” गहलोत ने कहा कि उन्होंने किसी की पार्टी आलाकमान से शिकायत नहीं की।
विधानसभा में शक्ति परीक्षण में बहुमत साबित करें गहलोत : भाजपा
राजस्थान में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए विपक्षी दल भाजपा ने मंगलवार को कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को विधानसभा में शक्ति परीक्षण में बहुमत साबित करना चाहिए। पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस विधायकों के आवास पर निगरानी रख रही है।
प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने मुख्यमंत्री को विधानसभा में बहुमत साबित करने की चुनौती दी। उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, “मुख्यमंत्री पहले विधानसभा में बहुमत सिद्ध करें और उसके बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल करें। राजनीतिक लड़ाई का परिणाम सामने आया है। हमारी अब क्या रणनीति होगी.. हम हमारे नेताओं के साथ बैठकर चर्चा करेंगे।” प्रतिपक्ष के उप नेता राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि अशोक गहलोत सरकार सदन में बहुमत सिद्ध नहीं कर पायेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस विधायकों के आवास पर निगरानी रख रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि बीटीपी विधायकों को धमकी दी जा रही है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि राज्य सरकार ने जनता का विश्वास खो दिया है और अब इसके जाने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि सरकार अपने वादों को पूरा करने में विफल रही है और वादे निभाने में असफल रही है।
पूनियां ने कहा कि हम स्थितियों पर नजर बनाये हुए है और पार्टी के नेताओं के दिशा निर्देशों की पालना करेंगे। पार्टी ने यहां प्रदेश मुख्यालय में बैठक कर स्थिति पर चर्चा की। नागौर सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक हनुमान बेनीवाल भी बैठक में मौजूद थे। रालोपा भाजपा की सहयोगी पार्टी है।