पीयूष गोयल को पत्र लिख कर अधीर रंजन चौधरी ने कहा- मुझे फोन करने की कृपा करें, चार दिनों से रेल मंत्री से फोन पर थोड़ा समय मांग रहा हूं
By भाषा | Published: May 1, 2020 07:40 PM2020-05-01T19:40:59+5:302020-05-01T19:40:59+5:30
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर दूसरे राज्यों में फंसे पश्चिम बंगाल के लोगों की वापसी के संबंध में फोन पर चर्चा करने का अनुरोध किया है।
नई दिल्लीः लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने शुक्रवार को रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिख कर उनसे, पश्चिम बंगाल के प्रवासी श्रमिकों की वापसी के संदर्भ में बातचीत करने के लिए फोन करने का आग्रह किया।
चौधरी ने यह भी शिकायत की कि रेल मंत्री उनके कई बार फोन करने के बावजूद उपलब्ध नहीं हुए। गोयल को लिखे पत्र में चौधरी ने कहा, ‘‘यह अफसोसनाक है कि पिछले चार दिनों से रेल मंत्री से फोन पर थोड़ा समय मांग रहा हूं, लेकिल वह उपलब्ध नहीं हैं।
रेल मंत्री से विनती है कि आप मुझे वापस फोन करने की कृपा करें क्योंकि मुझे आपसे तत्काल कुछ बातचीत करनी है।’’ चौधरी के मुताबक, कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन लागू होने के बाद वह प्रवासी मजदूरों की स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से चर्चा कर चुके हैं। उधर, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की वजह से फंसे लोगों को उनके राज्य ले जाने के लिए ट्रेनों का इस्तेमाल करने की शुक्रवार को अनुमति प्रदान कर दी।
लॉकडाउन से फंसे प्रवासी मजदूरों, छात्रों, तीर्थयात्रियों को विशेष ट्रेनों के जरिए लाने को मंजूरी
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की वजह से फंसे लोगों को उनके राज्य ले जाने के लिए ट्रेनों का इस्तेमाल करने की शुक्रवार को अनुमति प्रदान कर दी। गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि फंसे लोगों-जैसे कि प्रवासी मजदूरों, पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और छात्रों को अब विशेष ट्रेनों के माध्यम से ले जाया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए राज्य और रेलवे बोर्ड आवश्यक प्रबंध करेंगे।’’
ट्रकों और अन्य मालवाहक वाहनों के आवागमन में कुछ समस्याएं आने का जिक्र करते हुए श्रीवास्तव ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों को फिर से पत्र लिखकर दोहराया है कि खाली वाहनों सहित ट्रकों और अन्य मालवाहक वाहनों के आवागमन के लिए अलग से किसी पास की जरूरत नहीं है। आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि प्रवासी मजदूरों, तीर्थयात्रियों, छात्रों और विभिन्न स्थानों पर फंसे अन्य लोगों के आवागमन को रेल मंत्रालय द्वारा चलाई जाने वाली विशेष ट्रेनों के माध्यम से अनुमति है। उन्होंने कहा कि रेल मंत्रालय आवागमन को लेकर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ समन्वय के लिए नोडल अधिकारी नामित करेगा।
गृह सचिव ने कहा, ‘‘रेल मंत्रालय टिकट बिक्री, ट्रेन स्टेशनों पर भौतिक दूरी और अन्य सुरक्षा कदमों के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करेगा।’’ दिल्ली, मुंबई, अन्य शहरों तथा ग्रीन जोन में सोमवार से परिवहन आवागमन पर प्रतिबंध हटाने के बारे में पूछे जाने पर श्रीवास्तव ने कहा कि किसी को भी गृह मंत्रालय के नए दिशा-निर्देशों का इंतजार करना चाहिए। उन्होंने देश में लॉकडाउन स्थिति से निपटने में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के योगदान को भी रेखांकित किया।
श्रीवास्तव ने कहा कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों ने देश में जिला प्रशासन के तहत काम करने के साथ ही कोविड-19 रोगियों के लिए 32 अस्पताल उपलब्ध कराए हैं, पृथक-वास केंद्रों की स्थापना करने, सूखा राशन और भोजन वितरण तथा रक्तदान शिविरों में मदद की है। उन्होंने कहा कि रायपुर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की एक बटालियन ने एक लाख किलोग्राम चावल का वितरण किया है। देशभर में तैनात तीन लाख कर्मियों वाला बल कोविड-19 से संबंधित एक कॉल सेंटर तथा एक टेलीमेडिसिन केंद्र और जागरूकता शिविर भी चला रहा है।
श्रीवास्तव ने कहा कि सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) जहां भारत-नेपाल सीमा पर फंसे लोगों की मदद कर रहा है, वहीं केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षाबल (सीआईएसएफ) की अग्निशमन इकाई की टीम संक्रमणमुक्ति के काम में जिला प्रशासन की मदद कर रही हैं। सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ) ने यह सुनिश्चित करने के लिए सीमाओं पर गश्त बढ़ा दी है कि कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति देश में घुसने में सफल न होने पाएं।