US Elections 2020: डोनाल्ड ट्रंप पर भारी जो बिडेन!, 10 करोड़ लोग कर चुके मतदान, see pics

By सतीश कुमार सिंह | Published: November 3, 2020 07:36 PM2020-11-03T19:36:44+5:302020-11-03T19:41:36+5:30

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अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए अभी तक सर्वाधिक करीब 10 करोड़ लोग मतदान कर चुके हैं और अन्य छह करोड़ के मंगलवार को चुनाव वाले दिन अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने की संभावना है। फ्लोरिडा विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर माइकल पी. मैकडॉनल्ड के अनुसार 1990 के बाद पहली बार रिकॉर्ड 16 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकते हैं। मैकडॉनल्ड ‘यूएस इलेक्शन प्रोजेक्ट’ का नेतृत्व करते हैं, जो चुनाव पूर्व मतदान पर नजर रखता है।

मतदान का स्तर 2016 से अधिक रहने की संभावना है। उदाहरण के लिए हवाई, टेक्सास और मोंटाना जैसे राज्यों में पहले ही 2016 के मतदान से अधिक वोटिंग हो चुकी है। वहीं नॉर्थ कैरोलाइना, जॉर्जिया, न्यू मेक्सिको, नेवाडा और टेनेसी में सर्वाधिक पूर्व-मतदान हुआ है, जो कि 2016 में हुए मतदान से करीब 90 प्रतिशत अधिक है। अमेरिका में तीन नवम्बर को होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मुकाबला डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन से है।

अमेरिका में चुनाव के दिन हिंसा की आशंका के बीच व्हाइट हाउस, प्रमुख वाणिज्यिक क्षेत्रों और बाजारों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। दुकानदार अपनी दुकानों को नुकसान से बचाने के लिए उनपर लकड़ी के कवर लगवा रहे हैं। मंगलवार को होने वाले मतदान से पहले अहम सरकारी प्रतिष्ठान हाई अलर्ट पर हैं। सीक्रेट सर्विस (खुफिया सेवा) ने व्हाइट हाउस को किले में तब्दील कर दिया है। राष्ट्रपति के आवास के परिसर के चारों तरफ एक अस्थायी ऊंची दीवार खड़ी की गई है। करीब 600 नेशनल गार्ड सैनिकों को भी मदद के लिए तैयार रखा गया है।

चुनाव की पूर्व संध्या पर, हिंसा की आशंका के मद्देनजर, कामगार प्रमुख दुकानों और स्टोरों पर सुरक्षा के लिए लकड़ी के फ्रेम लगाते दिखे। यह स्थिति न्यूयॉर्क से लेकर बोस्टन और ह्यूस्टन से लेकर वाशिंगटन एवं शिकागो तक देखने को मिली। न्यूयॉर्क के गवर्नर बिल डे ब्लासियो ने सोमवार को कहा कि उन्होंने पुलिस आयुक्त डेरमोट शेया से बात की है और हिंसा के संबंध में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। उन्होंने एक प्रेस वार्ता में कहा, “ सब लोग चुनाव के नतीजे को लेकर चिंतित हैं। फिलहाल मैं जोर देकर कहना चाहता हूं कि हम कोई विशिष्ट चुनौती नहीं देखते हैं। हम सभी तरह की चुनौतियों के लिए तैयार हैं। पिछले कुछ हफ्तों से काफी तैयारियां हो रही हैं। “

अमेरिका में एक नये सर्वेक्षण के अनुसार राष्ट्रपति चुनाव के लिहाज से सबसे महत्वपूर्ण चार राज्यों में जो बाइडेन को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मुकाबले बढ़त मिलती दिख रही है। इस सर्वेक्षण के अनुसार 2016 के चुनाव में भाग नहीं लेने वाले लोग और इस बार मंगलवार को बड़ी संख्या में मतदान के लिए निकलने की चाह रखने वाले लोगों का समर्थन डेमोक्रेट खेमे की ओर हो सकता है जिसके उम्मीदवार बाइडेन हैं।

न्यूयॉर्क टाइम्स और सियेना कॉलेज द्वारा कराये गये मतदान पूर्व सर्वेक्षण के अनुसार पूर्व उपराष्ट्रपति बाइडेन (77) विस्कोंसिन, पेनसिल्वेनिया, फ्लोरिडा और अरिजोना में रिपब्लिकन उम्मीदवार ट्रंप से आगे रह सकते हैं। इससे पहले द टाइम्स द्वारा कराये गये पोल में बाइडेन को 74 वर्षीय ट्रंप से आगे आंका गया था। 

अमेरिका में मंगलवार को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम चाहे जो भी हों, भारत के साथ अमेरिका के रणनीतिक संबंधों की वर्तमान गति बरकरार रहने की उम्मीद है। यह संकेत नीतिगत दस्तावेजों और राष्ट्रपति पद के लिए दोनों प्रत्याशियों के प्रचार के दौरान की गई टिप्पणियों से मिलता है। डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति के तौर पर अपने पहले कार्यकाल में व्हाइट हाउस में भारत के सबसे अच्छे दोस्त के रूप में उभरे और इस संबंध को एक नए स्तर पर ले गए। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ट्रंप की मित्रता जगजाहिर है। दोनों नेताओं की यह मित्रता उन रैलियों में परिलक्षित हुई जिन्हें उन्होंने एक वर्ष से कम समय में अमेरिका और भारत में संबोधित किया। ट्रंप ने मोदी के साथ बने संबंधों पर प्रकाश डालते हुए कहा था कि उन्हें ‘‘भारत का अच्छा समर्थन’’ हासिल है।

उन्होंने कहा कि यह यह जरूरी नहीं है कि चुनाव परिणाम मंगलवार रात या बुधवार को 100 प्रतिशत स्पष्ट हो जाएं। ब्लासियो ने कहा, “ हम सब बहुत चिंतित हैं, क्योंकि हम देख रहे हैं कि अमेरिका के राष्ट्रपति पहले से ही चुनाव की वैधता पर सवाल उठा रहे हैं। हमने पहले कभी किसी राष्ट्रपति को ऐसा करते हुए नहीं देखा।“ गवर्नर ने कहा कि 9.5 करोड़ से ज्यादा अमेरिकी पहले वोट डाल चुके हैं लेकिन “हम एक अभूतपूर्व समय में हैं, इसलिए लोग फिक्रमंद हैं, लेकिन मैं चाहता हूं कि मित्र जाने कि यह शहर तैयार है। “ अमेरिका के 2020 के राष्ट्रपति पद के चुनावों को देश के हाल के इतिहास के सबसे विभाजनकारी चुनावों में से एक बताया जा रहा है।

इस साल शुरू में जॉर्ज फ्लायड की पुलिस हिरासत में हुई मौत के बाद हुए हिंसक प्रदर्शनों में वाशिंगटन समेत कई शहरों में दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचाया गया था और उनमें लूटपाट की गई थी। वाशिंगटन पोस्ट ने खबर दी है कि चुनाव बाद हिंसा की आशंका के मद्देनजर दुकानदार अपनी दुकानों की खिड़कियों पर लकड़ी के बोर्ड लगवा रहे हैं और अतिरिक्त सुरक्षा ले रहे हैं। इस हफ्ते के शुरू में वॉलमार्ट ने अपनी दुकानों से बंदूकें और गोलियां हटा ली थीं। दोनों पक्षों के समर्थकों ने ऐलान किया है कि वे मंगलवार रात को मतगणना शुरू होने के बाद से वाशिंगटन के मध्य जुटेंगे, इनमें 'ब्लैक लाइवज़ मैटर' आंदोलन से जुड़े लोग भी शामिल हैं।

ट्रंप ने ह्यूस्टन में ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम में अपने ऐतिहासिक संबोधन को याद करते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी मेरे एक मित्र हैं और वह बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। कुछ भी आसान नहीं है, लेकिन उन्होंने बहुत अच्छा काम किया है।’’ अमेरिका के पूर्व उप राष्ट्रपति एवं डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन के पास तीन दशक से अधिक समय के लिए डेलावेयर से सीनेटर के रूप में और फिर बराक ओबामा के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान उप-राष्ट्रपति के रूप में आठ वर्षों के दौरान मजबूत भारत-अमेरिका संबंधों की वकालत करने एक मजबूत रिकॉर्ड है। रिपब्लिकन प्रशासन के दौरान भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते के पारित होने और द्विपक्षीय व्यापार में 500 अरब अमरीकी डालर का लक्ष्य निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने से लेकर, बाइडेन के भारतीय नेतृत्व के साथ मजबूत संबंध हैं और उनके करीबियों में बड़ी संख्या में भारतीय मूल के अमेरिकी हैं। बाइडेन ने गत जुलाई में एक फंडरेजर में कहा था कि भारत और अमेरिका स्वाभाविक साझेदार हैं।

अनेक लोगों के मन में सवाल उठता है कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के पीछे ‘270’ का क्या चक्कर है? असल में, यह एक जादुई संख्या और गणितीय खेल है जो निर्वाचक मंडल के रूप में तय करता है कि अगले चार साल तक व्हाइट हाउस में कौन बैठेगा। निर्वाचक मंडल के महत्व पर जाएं तो इसके महत्व का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में हिलेरी क्लिंटन को लगभग 29 लाख अधिक मत मिले थे, लेकिन फिर भी वह चुनाव हार गई थीं। इस चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप विजयी रहे थे क्योंकि अमेरिकी संविधान की निर्वाचक मंडल रूपी व्यवस्था के आंकड़ों में उन्हें सफलता मिली थी।

इस जादुई संख्या रूपी व्यवस्था में अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के लिए किसी भी उम्मीदवार को निर्वाचक मंडल के कम से कम 270 मतों की आवश्यकता होती है। यह देश के 50 राज्यों के 538 सदस्यीय निर्वाचक मंडल में बहुमत का जादुई आंकड़ा है। प्रत्येक राज्य को अलग-अलग संख्या में निर्वाचक मंडल मत आवंटित हैं जो इस आधार पर तय किए गए हैं कि प्रतिनिधि सभा में उसके कितने सदस्य हैं। इसमें दो सीनेटर भी जोड़े जाते हैं। कैलिफोर्निया राज्य में सर्वाधिक 55 निर्वाचक मंडल मत हैं। इसके बाद टेक्सास में इस तरह के 38 मत हैं। जो उम्मीदवार न्यूयॉर्क या फ्लोरिडा में जीत दर्ज करता है वह 29 निर्वाचक मंडल मतों के साथ ‘270’ के जादुई चक्कर की तरफ आगे बढ़ सकता है। इलिनोइस और पेनसिल्वानिया में इस तरह के बीस-बीस मत हैं। इसके बाद ओहायो में इस तरह के मतों की संख्या 18, जॉर्जिया और मिशिगन में 16 तथा नॉर्थ कैरोलाइना राज्य में इस तरह के मतों की संख्या 15 है।