इन 7 तरह के फतवों पर भी हो चुका है बवाल, तस्वीरों में जानें

By ललित कुमार | Published: September 20, 2018 03:17 PM2018-09-20T15:17:37+5:302018-09-20T15:17:37+5:30

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फुटबॉल खेल देखने पर जरी हुआ था फतवा: सऊदी के मुस्लिम धर्म गुरु ने साल 2005 में यह कहकर महिलाओं के फुटबॉल देखने फतवा जारी कर दिया था कि महिलाएं को इससे फ़र्क नहीं पड़ता है कि कौन यह मुकाबला जीतेगा, वें सिर्फ पुरुषों की जांघों पर ध्यान देती हैं।

शादी को हुआ था फतवा जारी: मिस्त्र की अज अजहर यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर ने साल 2006 में शादी के समय शारीरिक संबंध बनाते हुआ सारा कपड़े उतर दिए यह शादी नहीं मानी जाएगी। लेकिन इस बात का बाद में काफी मजाक भी उड़ाया गया था।

ब्रेस्ट फीडिंग को लेकर हुआ था फतवा जारी: मिस्त्र की अल अजहर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ अजात अतिया ने साल 2007 में इस बात को लेकर फतवा जारी किया था कि एक ऑफिस में काम करने वाली महिलाओं को अपने पुरुष सहकर्मियों को दिन कम से कम 5 पांच बार ब्रेस्ट फीडिंग करानी चाहिए, उनकी समझ के अनुसार ऐसा करने से दोनों के बीच परिवारिक संबंध बनता है।

केला और खीरा भी बना था फतवे का कारण: यूरोप के एक मुस्लिम धर्म गुरु ने साल 2011 में केला और खीरा बैन कर दिए थे उनका यह मानना था कि महिलाओं को यौन दुर्विचारों से दूर रखने के लिए उन्हें खीरे और केले से दूर रहना चाहिए। इस बात को लेकर उनका पूरा दुनिया खूब मजाक भी उड़ाया गया था।

कुर्सी पर बैठने को लेकर हुआ था फतवा जारी: आईएसआईएस ने साल 2014 में महिलाओं को कुर्सी पर नहीं बैठना को लेकर फतवा जारी कर दिया था।

पोकमॉन देखने पर हुआ था फतवा जारी: सऊदी अरब के मुफ्ती अब्दुल अजीज बिन अब्दुल्ला अल-शेख ने यह कहकर पोकमॉन को लेकर फतवा जारी किया था, इनके मुताबिक धर्म की रक्षा करने के लिए बच्चों को पोकेमॉन टीवी कार्यक्रम, गेम और कार्ड से दूर रखें।

शतरंज खेलने पर हुआ था फतवा जारी: सउदी अरब के एक शेख ने शतरंज खेलने पर इसलिए फतवा जारी किया था क्योंकि उनका यह कहना था कि शतरंज खेलना इस्लाम धर्म के खिलाफ है।

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