सितम्बर है त्योहारों के लिए बेहद खास, जानिए कब और कैसे मनाए जाने हैं ये पर्व

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: September 3, 2018 10:07 AM2018-09-03T10:07:13+5:302018-09-03T10:07:13+5:30

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कृष्ण जन्माष्टमी: आज पूरे देशभर में यह त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है, गोविंदा या कृष्ण के जन्मदिन पर मनाये जाने वाले इस त्योहार का रंग पूरे देश के सिर चढ़कर बोलता है। इस त्यौहार का असली रंग आपको मथुरा-वृंदावन और मुंबई में देखने को मिलेगा।

गोगामेड़ी फेयर: राजस्थान के रंग को दिखाता हुआ ये एक प्राचीन फेस्ट है। इस फेस्ट में राजस्थान के पारंपरिक हैंडिक्राफ्ट की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इस फेस्ट में सांपों की भी पूजा की जाती है। इस फेस्टिवल की शुरूआत गोगा नवमी के दिन शुरू होकर तीन दिनों तक चलती है।

नीलमपेरूर पाटायनी: 16 रातों तक होने वाले इस फेस्टिवल को लोग आस्था से जोड़ते हैं। इसमें रात भर लोकसंगीत और लोक नृत्य का कार्यक्रम किया जाता है। मान्यता ये भी है कि इन 16 रातों में देवी और देवता आसमान से नीचे भी आते हैं।

अभानेरी फेस्टिवल: वार्षिक रूप से मनाया जाने वाला ये फेस्ट गांव के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। इस फेस्ट में राजस्थान के सभी पारंपरिक लोक नृत्य और लोक कलाएं देखने को मिलती है।

गणेश चतुर्थी: मुंबई में होने वाले इस सबसे बड़े त्योहार के रंग में रंगने पूरी दुनिया से लोग आते हैं। 11 दिनों तक चलने वाले इस त्योहार में गणपति देव की स्थापना, पूजा और विसर्जन किया जाता है।

मुहर्रम: मुस्लिम समुदाय के इस त्योहार को भी पूरे देश में मनाया जाता है। हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद करने के लिए इस दिन पूरे देश में ताजिया निकाला जाता है।

रामनगर रामलीला: इसे दुनिया की सबसे पुरानी रामलीला भी कहा जाता है। इसे देश में 200 साल पुरानी मानी जाती है। इसमें लोग हिन्दू के प्राचीन ग्रंथ रामायण को दृश्यता है। रामायण की इस रासलीला को हर सार अन्नत चतुर्दशी के दिन खत्म की जाती है।

लद्दाक फेस्टिवल: कश्मीर के लद्दाक में इस फेस्ट की खासी धूम देखी जा सकती है। लद्दाक की कला और संस्कृति आपको इस फेस्ट में देखने को मिल सकती है।

जीरो म्युजिक फेस्टिवल: इसे शायद देश का सबसे जाना-माना म्युजिक फेस्ट कहा जा सकता है। इस म्युजिक फेस्ट की सबसे खास बात ये हैं कि इसमें दुनिया के 30 सबसे बड़े ब्रांड आकर यहां परफॉर्म करते हैं। साथ ही इसमें नॉर्थ ईस्ट की संस्कृति को भी देखा जा सकता है।