जानें देश के उन 6 मंदिरों के बारे में जहां रावण को भगवान की तरह पूजा जाता है

By लोकमत न्यूज़ ब्यूरो | Published: October 19, 2018 10:58 AM2018-10-19T10:58:22+5:302018-10-19T10:58:22+5:30

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हिमाचल प्रदेश के बैजनाथ कस्बा में रावण का मंदिर है। माना जाता है कि यहीं से रावण शिवलिंग लेकर लंका के गए थे। यहां पर रावण का पुतला नहीं जलाया जाता है।

दशानन मंदिर कानपुर के शिवाला क्षेत्र में है। साल में सिर्फ एक ही बार दशहरा के दौरान भक्तों के लिए इस मंदिर के द्वार खोले जाते हैं। इस दौरान मंदिर में मौजूद रावण की मूर्ति का श्रृंगार कर आरती उतारी जाती है।

मंडोर में रावण की पहली पत्नी मंदोदरी को बेटी माना जाता है। यहां लोग खुद को रावण के वंशज बताते हैं। यहां पर रावण के अलावा उसकी पत्नी मंदोदरी का भी मंदिर है। दशहरे के दिन रावण की मौत को लेकर यहां पर लोग शोक मानते हैं।

यहां पर 10 फीट लंबी रावण की प्रतिमा है, जिसकी लोग पूजा करते हैं। पूजा करने के अलावा लोग शादियों में रावण की मूर्ति से आर्शीवाद लेते हैं।

मध्य प्रदेश के मंदसौर स्थित इस मंदिर को रावण का पहला मंदिर माना जाता है। यहां रावण रुण्डी नाम से रावण की विशाल मूर्ति है, जिसकी पूजा की जाती है। महिलाओं को इस मूर्ति से सामने से घूंघट करके निकलना होता है।

कर्नाटक के मंडया जिले में मालवल्ली तहसील में रावण का मंदिर है। लंकेश्वर महोत्सव के दौरान यहां पर रावण की पूजा के साथ जुलूस निकाला जाता है। साथ ही जुलूस में रावण के साथ भगवान शिव की मूर्ति को भी घुमाया जाता है।