उत्तराखंड में तबाही, 34 की मौत, 300 को सुरक्षित निकाला, हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू, देखें तस्वीरें

By सतीश कुमार सिंह | Published: October 19, 2021 08:53 PM2021-10-19T20:53:40+5:302021-10-19T20:56:27+5:30

Next

उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों, खासतौर से कुमाऊं क्षेत्र में मूसलाधार बारिश होने से  34 और लोगों की मौत हो गयी। बारिश के कारण कई मकान ढह गए और कई लोग मलबे में फंसे हुए हैं।

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से 300 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला है। एनडीआरएफ ने मंगलवार को बताया कि बल ने राज्य में 15 दल तैनात किए हैं।

लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से कुमाऊं क्षेत्र ज्यादा प्रभावित हुआ है और वहां कई मकान ढह गए हैं, कई लोग मलबों में फंसे हुए हैं। एनडीआरएफ के प्रवक्ता ने बताया, ‘‘बचाव अभियान अभी जारी है। दलों ने ऊधम सिंह नगर जिले और बाढ़ प्रभावित अन्य क्षेत्रों में फंसे हुए 300 से ज्यादा लोगों को निकालकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है।’’

मुख्यमंत्री ने राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री धान सिंह रावत और राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार के साथ बारिश से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया।

ऊधम सिंह नगर में छह टीम, उत्तरकाशी और चमोली में दो-दो टीम और देहरादून, पिथौरागढ़ और हरिद्वार में एक-एक टीम तैनात की गई है। प्रवक्ता ने बताया, ‘‘एक टीम और एक सब-टीम को नैनीताल में तैनात किया गया है, जबकि एक सब-टीम अल्मोड़ा में तैनात है।’’ उत्तरकाशी में एक टीम को ‘‘किसी भी आपात स्थिति से निपटने और चारधाम यात्रा के यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तैनात किया गया है।’’ यात्रा फिलहाल रोक दी गई है।

एनडीआरएफ ने मूसलाधार बारिश, भूस्खलन और बाढ़ जैसी स्थिति से जूझ रहे केरल में भी 11 दल तैनात किए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली में चौबीस घंटे काम कर रहा कंट्रोल रूम हालात पर नजर रखे हुए है और संबंधित राज्यों के प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहा है।’’

कई भूस्खलनों के कारण नैनीताल तक जाने वाली तीन सड़कों के अवरुद्ध होने की वजह से इस लोकप्रिय पर्यटक स्थल का राज्य के बाकी हिस्सों से संपर्क टूट गया है। बादल फटने और भूस्खलनों के बाद कई लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है। (सभी फोटो एएनआई)